परिचय
कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता क्या है?
कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) ऐसी गैस है जो गंधरहित और रंगहीन होती है। हीटर, फायरप्लेस, कार मफलर, कार हीटर, पोर्टेबल जनरेटरस आदि में इस गैस का प्रयोग होता है। हर व्यक्ति दिन में कुछ मात्रा में कार्बन मोनोऑक्साइड लेता है लेकिन इसकी अधिक मात्रा कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता का कारण बन सकती है। किसी बंद जगह में यह गैस बहुत हानिकारक सिद्ध हो सकती है। इस गैस को सांस के माध्यम से शरीर के अंदर ले जाने से शरीर के टिश्यू को नुक्सान हो सकता है। यही नहीं, इसके कारण मृत्यु होने की संभावना भी बनी रहती है। कार्बन मोनोऑक्साइड इसलिए भी जानलेवा हो सकती है क्योंकि इसे न तो देखा जा सकता है, न सुंघा और न ही इसके स्वाद का पता चल पाता है। इसलिए इसके लक्षणों, प्रभावों आदि के बारे में पता होना बेहद आवश्यक है। जानिए, इस बारे में विस्तार से।
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लक्षण
कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता क्या लक्षण हैं?
आप कार्बन मोनोऑक्साइड को सांस के माध्यम से अंदर ले जा कर कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता का शिकार हो सकते हैं। इसके सबसे सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:
हालांकि, इस समस्या के लक्षणों को देखकर आप यह नहीं बता सकते हैं कि आपको कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता है क्योंकि यह लक्षण किसी अन्य बीमारी के भी हो सकते हैं। अगर कोई व्यक्ति सोते हुए इस समस्या का शिकार बनता है तो लक्षणों का पता लगने से पहले ही उसकी मृत्यु हो भी सकती है। कार्बन मोनोऑक्साइड डिटेक्टर से आप यह जान सकते हैं कि आपके घर में कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा कितनी अधिक है।
कारण
कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता क्या कारण हैं?
- घरेलू उपकरण, जैसे गैस, बॉयलर, सेंटर हीटिंग सिस्टम, वॉटर हीटर, कुकर, और खुली आग (जिसे जलाने के लिया गैस, तेल, कोयला और लकड़ी का उपयोग किया जाता है), वो कार्बन मोनोऑक्साइड के संभावित स्रोत हो सकते हैं। यह तब होता है जब ईंधन पूरी तरह से नहीं जलता पाता।
- किसी बंद जगह में कार इंजन चलाने से कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता हो सकती है।
- यदि घरेलू उपकरणों की अच्छे से सर्विस की जाए और सुरक्षित रूप से इनका उपयोग किया जाता है, तो यह कार्बन मोनोऑक्साइड का कम मात्रा में उत्पादन करते हैं। पुराने उपकरणों का उपयोग करना, और उनकी सर्विसिंग नहीं कराना कार्बन मोनोऑक्साइड के निकलने के स्त्रोत हो सकते हैं।
कार्बन मोनोऑक्साइड निकलने के कुछ अन्य कारण इस प्रकार हैं:
- स्मोकिंग
- अगर आप अपनी कार को बंद गेराज में भेजते हैं और वहां कुछ देर उसका इंजन चालू रहता है तो इससे दस मिनटों के अंदर ही बड़ी मात्रा में कार्बन मोनोऑक्साइड बन सकती है।
- चारकोल का जलना भी कार्बन मोनोऑक्साइड बनाता है।
- चिमनी या धुएं के बाहर न निकलने से भी कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता हो सकती है।
- जिन उत्पादों में मीथाइलीन क्लोराइड हो, उनका प्रयोग भी सावधानी से करना चाहिए, क्योंकि जब इसे सांस द्वारा शरीर के अंदर ले जाया जाता है तो मीथाइलीन क्लोराइड कार्बन मोनोऑक्साइड में परिवर्तित हो जाती है।
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जोखिम
कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता के जोखिम क्या है?
कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता निम्नलिखित स्थितियों में जोखिम भरा हो सकता है:
- बच्चों को कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता होने की संभावना अधिक होती है क्योंकि बच्चे वयस्कों की तुलना में अधिक जल्दी सांस लेते हैं।
- वृद्ध लोगों में कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता का जोखिम अधिक होता है। इसलिए बूढ़े लोगों के लिए इस समस्या के लक्षणों के बारे में जानना आवश्यक है।
- गर्भ में पल रहे शिशुओं को भी इस समस्या का खतरा अधिक होता है।
- जो लोग दिल संबंधी रोगों से पीड़ित होते हैं। जिन लोगों को सांस संबंधी समस्या या एनीमिया होता है, उनमें भी कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता का खतरा बढ़ जाता है।
उपचार
कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता के उपचार क्या हैं?
- आपके डॉक्टर सबसे पहले आपसे कार्बन मोनोऑक्साइड विषक्तता के कारण और लक्षणों के बारे में जानेंगे। इसके बाद आपका उपचार शुरू किया जायेगा। इसके लिए आपका ब्लड टेस्ट भी किया जा सकता है ताकि आपके खून में कार्बन मोनोऑक्साइड की उपस्थिति का पता लगाया जा सके। रोगी की शारीरिक जांच भी की जा सकती है। इसके साथ ही एक्स-रे, हार्ट और न्यूरोलॉजिकल टेस्ट भी कराएं जा सकते हैं।
- कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता से राहत पाने के लिए सबसे पहले तरीका है कार्बन मोनोऑक्साइड गैस के संभावित स्रोतों से दूर रहना। कार्बन मोनोऑक्साइड गैस के स्रोतों से दूर रहने पर आप इस समस्या से दूर रह सकते हैं।
- अगर रोगी में इस समस्या से लक्षण गंभीर हैं तो रोगी को अस्पताल में भी एडमिट किया जा सकता है। अस्पताल में ट्रीटमेंट के दौरान रोगी को मास्क के माध्यम से ऑक्सीजन दी जाती है ताकि उसके शरीर में ऑक्सीहेमोग्लोबिन का निर्माण तेजी से हो सके।
- अगर डॉक्टर को लगता है कि रोगी की नसों को नुकसान पहुंचा है या रोगी अधिक मात्रा में कार्बन मोनोऑक्साइड के संपर्क में आ चुका है, तो हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी (HBOT) का उपयोग किया जा सकता है। हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी (HBOT) उन रोगियों को भी दी जा सकती है जो रोगी कोमा में हो, जिन लोगों में बेहोश होने की हिस्ट्री हो, महिलाएं जो गर्भवती हो आदि।
घरेलू उपचार
कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता के घरेूल उपाय क्या हैं?
- घर में भट्टी और चिमनी को जलाने से पहले उसे साफ और जांच लें। ईंधन या आग वहीं जलाएं जहां खुली जगह हो।
- बंद जगह पर अपनी कार, ट्रक या अन्य गाड़ियों को न तो स्टार्ट करें और न ही ऐसे छोड़ें।
- बंद कमरे या जगह में सोते हुए हीटर या लालटेन आदि को जला कर न रखें।
- कमरे को गर्म करने के लिए गैस स्टोव या ओवन का प्रयोग न करें।
- बिजली के लिए गैस-संचालित जनरेटर का उपयोग करते समय, इसे घर से सुरक्षित दूरी पर रखें।
- घर में कार्बन मोनोऑक्साइड के लेवल को जानने के लिए CO डिटेक्टर्स का प्रयोग करें।
- अगर आपको या आपके किसी प्रियजन को यह समस्या है तो तुरंत डॉक्टर से मिले। कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता के लक्षणों को नजरअंदाज न करें। अगर आपको कभी भी लगे कि आपको यह समस्या है तो तुरंत मेडिकल मदद लें। एहतियात बरतने में ही बचाव है।
हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की मेडिकल सलाह , निदान या उपचार प्रदान नहीं करता और न ही इसके लिए जिम्मेदार है।
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