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कारण
ग्लोमेरूलोनेफ्राइटिस के कारण
एक्यूट और क्रॉनिक ग्लोमेरूलोनेफ्राइटिस के कारण अलग-अलग हो सकते है।
एक्यूट ग्लोमेरूलोनेफ्राइटिस किसी तरह के संक्रमण जैसे स्ट्रेप थ्रोट या एब्सेस्ड टूथ के कारण हो सकता है। ऐसा संक्रमण को लेकर आपके इम्यून सिस्टम के ओवररिएक्ट करने के कारण भी हो सकता है। आमतौर पर यह समस्या बिना किसी इलाज के ठीक हो जाती है, लेकिन यदि ऐसा नहीं होता है तो आपको उपचार की जरूरत है, ताकि किडनी को किसी तरह का नुकसान न पहुंचे। एक्यूट ग्लोमेरूलोनेफ्राइटिस के कारणों में शामिल हैः
- गुडपावर सिंड्रोम, एक दुर्लभ ऑटोइम्यून बीमारी है जिसमें एंटीबॉडी आपकी किडनी और फेफड़ों पर हमला करते हैं
- स्ट्रेप थ्रोट
- ल्यूपस
- अमाइलॉइडोसिस, तब होता है जब आपके शरीर में आपके अंगों और टिशू को नुकसान पहुंचाने वाले असामान्य प्रोटीन बनने लगते हैं
- पॉलीआर्थराइटिस नोडोसा, एक ऐसी बीमारी जिसमें कोशिकाएं आर्टरीज पर हमला करती हैं
- आइबुप्रोफेन (एडविल) और नेप्रोक्सन (एलेव) जैसी नॉनस्टेरॉयडल एंटी इंफ्लामेट्री दवाओं के अधिक इस्तेमाल से भी जोखिम बढ़ जाता है
- ग्रैनुलोमैटोसिस के साथ पोलियांगाइटिस एक दुर्लभ बीमारी जिसकी वजह से रक्त वाहिकाओं में सूजन आती है।
क्रॉनिक ग्लोमेरूलोनेफ्राइटिस लंबे समय में विकसित होता है। इस दौरान कुछ लक्षण दिख भी सकते हैं और नहीं भी। यह किडनी को बहुत अधिक हानि पहुंचाता है और किडनी फेलियर का कारण बनता है। क्रॉनिक ग्लोमेरूलोनेफ्राइटिस का हमेशा कोई स्पष्ट कारण नहीं होता है। कई बार अनुवांशिक बीमारी के कारण यह हो सकता है। अन्य संभावित कारणों में शामिल हैः
इसके अलावा यदि किसी को एक्यूट ग्लोमेरूलोनेफ्राइटिस है तो बाद में इसके क्रॉनिक होने की बहुत अधिक संभावना रहती है।