धूम्रपान करना और शराब पीना दोनों हमारे शरीर के लिए हानिकारक हैं। इसके बावजूद हमारे देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में इनका सेवन करने वालो की संख्या बहुत अधिक है। यह हानिकारक चीज़ें हमारे शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती हैं। आपने सेकेंड हैंड ड्रिंकिंग के बारे में तो सुना ही होगा, वैसे ही आज हम आपको सेकेंड हैंड ड्रिंकिंग के बारे में बताने जा रहे। जानिए क्या है सेकेंड हैंड ड्रिंकिंग, इसके नुकसान और आंकड़ों आदि के बारे में।
क्या है सेकेंड हैंड ड्रिंकिंग
अगर आपका कोई व्यक्ति ड्रिंक करता है तो उसका प्रभाव केवल शराब पीने वाले व्यक्ति पर ही नहीं बल्कि उसके आसपास के लोगों पर भी स्पष्ट या अस्पष्ट तरीके से पड़ता है। यानी, न पीने के बाबजूद आसपास के लोगों सेकेंड हैंड ड्रिंकिंग का शिकार होते हैं। शराब पीने वाले लोगों को इस बात का अहसास तक नहीं होता कि उसके आसपास के लोगों पर भी इसका असर हो रहा है। अध्ययन के अनुसार कई लोग न चाहते हुए भी इस परेशानी का शिकार बनते हैं। सेकेंड हैंड ड्रिंकिंग के बुरे प्रभावों में उत्पीड़न, संपत्ति की हानि, डर, शारीरिक आक्रामकता, धन संबंधी समस्याएं, पारिवारिक और ड्राइविंग आदि से जुड़े मुद्दे शामिल हो सकते हैं।
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सेकेंड हैंड ड्रिंकिंग के कुछ उदहारण
अगर आप सेकेंड हैंड ड्रिंकिंग को नहीं समझ पाएं हैं तो आप इन उदाहरणों से समझने की कोशिश करे:
- जैसे कोई पति बहुत अधिक शराब का सेवन करता है। हर रोज वो अपनी पत्नी से यह वादा करता है कि कल से वो शराब पीना कम कर देगा। लेकिन, वो कल कभी नहीं आता। जब पत्नी इस बारे में सख्ती से बात करती है तो इससे वो घरेलू हिंसा और मारपीट का शिकार होती है। यह सेकेंड हैंड ड्रिंकिंग का एक उदाहरण है जिसमे पत्नी शराब न पीने के बाद भी सेकेंड हैंड ड्रिंकिंग से प्रभावित हुई। ऐसे ही वो व्यक्ति जब अपने अधिकतर पैसे शराब पर ही उड़ा देता है तो पूरा परिवार इससे प्रभावित होता है।
- अगर आपका रूममेट बहुत अधिक शराब का सेवन करता है तो आप भी सेकेंड हैंड ड्रिंकिंग का शिकार होते हैं। जब हर वीकेंड को वो पार्टी कर के आता है, आपको सोने नहीं देता, शोर मचाता है, चीज़ें तोड़ता है, आपको बुरा-भला कहता है, मकान मालिक से झगड़ा करता है आदि।
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सेकेंड हैंड ड्रिंकिंग के नुकसान
सेकेंड हैंड ड्रिंकिंग शराब पीने वाले लोगों से जुड़े लोगों की सेहत के लिए बेहद जोखिम भरी है। लेकिन अनजाने में अन्य लोग भी इसका शिकार हो सकते हैं। एक सर्वे के मुताबिक करीब 21 फीसदी महिलाएं और 23 फीसदी पुरुष ऐसे हैं जो सेकेंड हैंड ड्रिंकिंग के कारण परेशानियां झेल चुके हैं। इनमें कई वयस्क शामिल हैं। सेकेंड हैंड ड्रिंकिंग करीबी रिश्तेदारों जैसे दोस्त, पति/पत्नी, बच्चे, माता-पिता आदि को अधिक नुकसान पहुंचाती है और पारिवारिक समस्याओं और रिश्तों को तोड़ने की वजह बनती है। इसके सबसे बड़े नुकसान इस प्रकार हैं :
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उत्पीड़न
इथाइल अल्कोहल का अत्यधिक मात्रा में सेवन करना सीधा दिमाग पर प्रभाव डालता है। जिसके कारण शराब पीने वाला व्यक्ति अन्य लोगों के साथ गलत व्यवहार या उत्पीड़न भी कर सकता है। यह उत्पीड़न घर, ऑफिस या कहीं भी हो सकता है जहाँ वो व्यक्ति और शराब हो। महिलाएं इस उत्पीड़न का शिकार पुरुषों के मुकाबले अधिक होती हैं। दूसरी ओर, पुरुषों को एक अजनबी के कारण सेकेंड हैंड ड्रिंकिंग से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
शारीरिक हिंसा
एक सर्वे के अनुसार शराब के कारण हिंसक जुर्मों में बढ़ोतरी होती है। अल्कोहल के कारण हर साल शारीरिक हिंसा के कई मामले आते हैं। शराब पीने के बाद मनुष्य अधिक समझ नहीं पाता और अक्सर दूसरों से मारपीट, झगड़ा या हिंसा करता है जिसका शिकार अन्य लोग होते हैं।
एक्सीडेंट में बढ़ोतरी
सेकेंड हैंड ड्रिंकिंग के कारण एक्सीडेंट के कारण चोट लगने या मृत्यु की संभावना भी बढ़ती है। अगर गाड़ी चलाने वाले ने शराब पी रखी हो तो गाड़ी में बैठे अन्य लोगों का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है। शराब के कारण साफ़ दिखाई देने में समस्या होती है, इसके साथ ही ड्राइवर सही समय पर सही निर्णय नहीं ले पाता, उसकी सोचने समझने की क्षमता बहुत कम हो जाती है। यही सब चीज़ें रोड एक्सीडेंट का कारण बनती हैं। आप यह जानकर हैरान होंगे कि हमारे देश में अधिकतर रोड एक्सीडेंट अल्कोहल के कारण होते है। इसलिए, शराब पी कर गाड़ी चलाने को बिलकुल मना किया जाता है और इस संबंधित देश में कई नियम भी बनाये गए हैं।
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पारिवारिक समस्या
शराब कई पारिवारिक समस्याओं और शादी के टूटने की वजह भी बनती है। मान लीजिये अगर एक पार्टनर शराब का आदि है। तो उसकी अपने साथी के साथ या बात ही नहीं होती होगी या फिर झगड़े अधिक होते होंगे। यही नहीं, शराब पीने के बाद मनुष्य अपने सोचने समझने की क्षमता खो देता है और हिंसक हो जाता है। कई बार शादीशुदा जीवन को बर्बाद करने में शराब बहुत बड़ी भूमिका निभाती है। यानि, तलाक सेकेंड हैंड ड्रिंकिंग का एक और बुरा प्रभाव है।
धन संबंधी समस्याएं
जब शराब के कारण व्यक्ति आपकी अधिकतर पूंजी शराब में खर्च करेगा तो उसका परिवार या उसके आश्रित इसका ख़ामियाज़ा भुगतेंगे। वो लोन नहीं चूका पाएंगे, कर्ज लेना पड़ेगा, घर खर्च में समस्या होगी। यानी पूरा परिवार या जो भी इससे जुड़े लोग हैं वो इसके प्रभाव से बच नहीं पाएंगे। कई लोग शराब पी कर तोड़ फोड़ करते हैं इससे भी धन हानि होगी।
क्या बताते हैं आंकड़े
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन एल्कोहल एब्यूज़ एंड एल्कोहोलिज्म के आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिका में शराब बढ़ती मौतों का तीसरा सबसे बड़ा कारण है। NIAAA के अनुमान के मुताबिक, पूरे देश में हर साल 88,000 लोग शराब के कारण होने वाले जोखिम और रोगों के कारण मौत के शिकार होते हैं।
- एक ऑस्ट्रेलियाई रिसर्च के अनुसार 70% से अधिक युवतियां जो बहुत अधिक शराब पीती हैं, उन्होंने यह माना है कि इस स्थिति में अन्य शराब पीने वाले लोगों से उन्हें सेक्सुअली परेशानी करने की कोशिश की
- ऐसे ही एक अन्य अध्ययन जो 3465 ऑस्ट्रेलियाई युवक-युवतियों पर किया गया था, उस के मुताबिक लड़कियां सेकेंड हैंड ड्रिंकिंग का अधिक शिकार होती है और उन्हें सबसे अधिक सेक्सुअल रूप से परेशान करने, पब्लिक में परेशान करने या डराने जैसी स्थितियों से गुजरना पड़ा है।
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नए नियम बनाएं
शराब से संबंधित कानून हमारे संविधान में मौजूद है लेकिन वो पर्याप्त नहीं हैं। इस आर्टिकल से आप यह जान ही गए होंगे कि सेकेंड हैंड ड्रिंकिंग कितनी हानिकारक है। ऐसे में नए कानून बनाये जाने चाहिए। साथ ही शराब कम मिले, इसके विज्ञापन न बनाएं जाएं, इस बढ़ावा न दिया जाये, इसकी कीमत बढे और टेक्स भी अधिक हो आदि कुछ उपाय ऐसे उपाय हो सकते हैं कि लोग अल्कोहल का सेवन कम करें। जब लोग शराब कम पीएंगे तो सेकेंड हैंड ड्रिंकिंग के खतरों से भी बचा जा सकता है। इसके साथ ही लोगों में जागरूकता लाना भी आवश्यक है। लोगों को समझाया जाए और बताया जाए कि शराब पीना कितना हानिकारक है ताकि वो, उनका परिवार और हमारा समाज इन नुकसानों से बच सके।