बुलीमिया नेर्वोसा (Bulimia Nervosa) के निदान के क्राइटेरिया में निम्न बातें शामिल होती हैं –
- उल्टी के माध्यम से नियमित रूप से पेट को खाली करना
- लगातार खुद को बेहतर बनाने के लिए अत्यधिक व्यायाम, जुलाब की दवाओं और व्रत का रखना
- बार-बार अत्यधिक खाना
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बुलीमिया नेर्वोसा (Bulimia Nervosa) की गंभीरता के बारे में पता लगाने के लिए यह नोटिस करना बेहद जरूरी होता है कि आपको लगातार खाने और मल त्याग कितनी बार करने का मन करता है। बुलीमिया नेर्वोसा (Bulimia Nervosa) की गंभीरता को निम्न श्रेणी में विभाजित किया गया है –
- माइल्ड (हल्के) – प्रतिसप्ताह 1 से 3 एपिसोड
- मॉडरेट (मध्यम) – प्रतिसप्ताह 4 से 7 एपिसोड
- सीवियर (गंभीर) – प्रतिसप्ताह 8 से 13 एपिसोड
- एक्सट्रीम (चरम) – प्रतिसप्ताह 14 या उससे अधिक एपिसोड आना
यदि आपको बुलीमिया नेर्वोसा (Bulimia Nervosa) लंबे समय से है तो आपको अधिक टेस्ट करवाने की जरूरत पड़ सकती है। यह टेस्ट हृदय और अन्य अंगों के साथ उतपन्न होने वाली जटिलताओं के बारे में पता लगाने की कोशिश करते हैं।
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बुलीमिया नेर्वोसा का इलाज (Treatment of bulimia nervosa)
बुलीमिया नेर्वोसा (Bulimia Nervosa) की ट्रीटमेंट न केवल खाने और पोषक तत्वों पर ध्यान देती है बल्कि मेंटल हेल्थ का भी इलाज करने में मदद करती है। इस प्रक्रिया में मरीज की स्वस्थ सोच का होना बेहद जरूरी होता है और उसे अपने खाने के साथ एक अच्छा रिश्ता बनाए रखने की आवश्यकता है।
- इस तरह के मानसिक विकार को दूर करने के लिए न केवल खाने और उसमें मौजूद पोषक तत्वों के आधार पर उपचार किया जाता है बल्कि इसमें मानसिक रूप से होने वाली अस्वस्थता को भी ठीक करने पर ध्यान दिया जाता है। इसके लिए किए जाने वाले उपचार निम्न हैं
- एंटी-डिप्रेशन दवाओं के जरिए इस तरह के विकार को दूर किया जाता है। इस तरह की दवाएं सिर्फ डॉक्टर की सलाह से ही लें।
- साइकोथेरेपी इस मानसिक विकार के लिए सबसे फायदेमंद सिद्ध होती है। इसे टॉक थेरेपी के नाम से भी जाना जाता है। इसके साथ अन्य थेरेपी जैसे कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी और इंटरपर्सलन थेरेपी का भी सहारा लिया जाता है।
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सफलता पूर्वक इलाज आमतौर पर एंटीडिप्रेस्सेंट, साइकोथेरेपी और खुद के सहयोग की मदद से हो पाता है। इसके साथ ही आपके डॉक्टर, मेंटल हेल्थ केयर, परिवार और आपके दोस्तों के साथ की भी जरूरत होती है।
कुछ ईटिंग डिसऑर्डर ट्रीटमेंट के लिए कई ऐसी सुविधाएं उपलब्ध हैं जहां रहकर या एक दिन में भी इलाज करवाया जा सकता है। रहकर इलाज करवाने वाले मरीजों को हमेशा सपोर्ट और केयर मिलती है। मरीज क्लास जा सकता है, थेरेपी ले सकता है और पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन कर सकता है।
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