ओसीडी स्क्रीनिंग टेस्ट क्या है?
ओसीडी स्क्रीनिंग टेस्ट इसका एक बहुत सटीक इलाज़ है जो आपको अपने विचारों ओर व्यवहारों के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। जो आपको खुद को समझने के लिए बहुत जरूरी है। एक बात का खयाल रखें कि ओसीडी स्क्रीनिंग टेस्ट को सफलतापूर्वक करने के लिए आपको एक योग्य साइकैट्रिस्ट चाहिए जो उचित मूल्यांकन कर सके और सटीक निदान कर सके। ओसीडी स्क्रीनिंग टेस्ट में आपको कुछ प्रश्नों के उचित उतार देने होते है जो यह तय करते है कि आप ओसीडी से ग्रस्त है या नहीं। आपके दिए गए उतार आपके डॉक्टर या दिमाग के स्पेशलिस्ट द्वारा चेक किए जाते है और वही इस का निर्णय करते है।
ओसीडी स्क्रीनिंग टेस्ट में दिए गए प्रश्न आपकी आम जिंदगी ओर आपके कार्यों से जुड़े होते है जो आपकी मानसिक गतिविधि बताते है कि आपका दिमाग किस बात को लेकर कैसे विचार करता है। यदि ओसीडी स्क्रीनिंग टेस्ट के अनुसार आप ओसीडी से ग्रस्त है तो डॉक्टर आपको इसे दूर करने के लिए उचित इला़ज बताते है। इसलिए ओसीडी स्क्रीनिंग टेस्ट बहुत ही कारगर है।
ओसीडी स्क्रीनिंग टेस्ट कराना क्यों जरूरी है?
ओसीडी आपके दिमाग को अपने वशीभूत कर लेता है। आप वही करते है जो आपका दिमाग उस वक़्त आपको करने को कहता है। जैसे यदि आपके मन में एक बार इस बात का भय बैठ जाए कि आपके हाथ में छुपे हुए जर्म्स होते है तो आपका दिमाग आपको हर काम के बाद हाथ धोने के लिए मजबूर करता है और आप करते है।
हर व्यक्ति को चिंता या बुरे खयाल आते है पर ऑब्सेसिव विचार आपके दिमाग को एक जगह रोक देते है मतलब आपका दिमाग उस विचार से आगे नहीं बढ़ पाता। जिस से होती है एंजायटी, स्ट्रेस और फिर वही खयाल आपके दिमाग में बार बार आने लगते है। ऐसे विचारों को आप जितना दबाने की कोशिश करते है यह उतनी ही बलवान होती जाती है और फिर यह आपको और परेशान करती है।
ओसीडी स्क्रीनिंग टेस्ट के बाद रोग का इलाज कैसे किया जाता है?
ओसीडी स्क्रीनिंग टेस्ट के बाद रोग का इलाज डॉक्टर और कॉग्निटिव बिहेवियर थेरिपी का उपयोग करके किया जा सकता है।
दवा: डॉक्टर ओसीडी रोग बिहेवियर को काबू में करने लिए दवाएं लिख सकते हैं। आमतौर पर, एंटी-डिप्रेसेंट का उपयोग पहले किया जाएगा और नीचे बताई दवाएं इसमें शामिल कर सकते हैं:
- क्लोमीप्रैमाइन (एनाफ्रानिल)
- फ्लुवोक्सामाइन (लवॉक्स सीआर)
- फ्लुओक्सेटीन (प्रोजैक)
- पैरोसेटिन (पैक्सिल, पेक्शेवा)
- सरट्रालिन (जोलॉफ्ट)