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Suicidal Ideation: सुसाइडल आइडिएशन क्या है? जानिए इसके लक्षण, कारण और इलाज!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 04/07/2022

    Suicidal Ideation: सुसाइडल आइडिएशन क्या है? जानिए इसके लक्षण, कारण और इलाज!

    दि नैशनल क्राईम रिकॉर्ड ब्यूरो (The National Crime Records Bureau) द्वारा पब्लिश्ड साल 2020 की रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार साल 2020 में भारत में 1,53,052 आत्महत्या के केस रजिस्टर किये गयें। सुसाइडल केसेस के पीछे कई वजह हो सकते हैं, इसलिए आज सुसाइडल आइडिएशन (Suicidal Ideation) के बारे में समझने की कोशिश करेंगे और अगर इस ओर किसी का भी ध्यान जाता है तो उन्हें ऐसी स्थिति से बचने में मदद कर सकें। 

    • सुसाइडल आइडिएशन क्या है?
    • सुसाइडल आइडिएशन के लक्षण क्या हो सकते हैं?
    • सुसाइडल आइडिएशन के कारण क्या हो सकते हैं?
    • सुसाइडल आइडिएशन का निदान कैसे किया जाता है?
    • सुसाइडल आइडिएशन का इलाज कैसे किया जाता है?
    • सुसाइडल आइडिएशन से बचाव कैसे संभव है?

    चलिए सुसाइडल आइडिएशन (Suicidal Ideation) से जुड़े इन सवालों का जवाब जानते हैं। 

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    सुसाइडल आइडिएशन क्या है? (About Suicidal Ideation)

    सुसाइडल आइडिएशन (Suicidal Ideation)   

    सुसाइडल आइडिएशन एक बिलकुल भी सरल शब्दों में समझें आत्महत्या के बारे में सोचना। सुसाइडल आइडिएशन दो अलग-अलग तरह का होता है, पहला पैसिव सुसाइडल आइडिएशन (Passive suicidal ideation) और दूसरा एक्टिव सुसाइडल आइडिएशन (Active suicidal ideation)। सुसाइडल आइडिएशन को समझने के लिए इन दोनों तरह के सुसाइडल आइडिएशन को समझना जरूरी है। 

    1.  पैसिव सुसाइडल आइडिएशन (Passive suicidal ideation)- जब कोई व्यक्ति की ऐसी चाहत होती है कि काश उसकी मृत्यु हो जाती, लेकिन इसे लेकर उनकी कोई प्लानिंग नहीं होती है, तो ऐसी स्थिति पैसिव सुसाइडल आइडिएशन (Passive suicidal ideation) कहलाती है।  

    2. एक्टिव सुसाइडल आइडिएशन (Active suicidal ideation)- जब कोई व्यक्ति आत्महत्या की योजना बना रहा हो और लगातार इस ओर प्रयास भी कर रहा हो कि आत्महत्या कैसे किया जाए तो ऐसी स्थिति एक्टिव सुसाइडल आइडिएशन (Active suicidal ideation) कहलाती है। 

    ये है सुसाइडल आइडिएशन की मुख्य बातें, लेकिन इसके साथ ही सुसाइडल आइडिएशन के लक्षण को समझना आवश्यक है क्योंकि लक्षणों के आधार पर हम किसी भी ऐसे व्यक्ति की मदद कर सकते हैं जिनमें सुसाइडल आइडिएशन की इच्छा हो रही है या वो इस बारे में सोच रहें हों।    

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    सुसाइडल आइडिएशन के लक्षण क्या हो सकते हैं? (Symptoms of Suicidal Ideation)

    सुसाइडल आइडिएशन के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:

    • अपने करीबियों या अन्य लोगों से खुद को दूर रखना।  
    • किसी से बात नहीं करना।
    • निराश या फंसा हुआ महसूस करना। 
    • मृत्यु या आत्महत्या के बारे में सोचना। 
    • अपने चीजें दूसरों को दे देना। 
    • मादक द्रव्यों का सेवन अत्यधिक करना। 
    • अत्यधिक मूड स्विंग होना। 
    • अत्यधिक गुस्सा या चिड़चिड़ापन महसूस करना। 
    • व्यक्ति के स्वभाव में बदलाव आना। 
    • ऐसी बाते करना जैसे अब वो जीवित नहीं रहने वाले हैं। 
    • अत्यधिक चिंतित रहना। 

    ये लक्षण सुसाइडल आइडिएशन के लक्षण की ओर इशारा करते हैं, लेकिन कुछ गंभीर लक्षण भी हो सकते हैं जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। जैसे:

    • ऐसी बाते करना जिससे जीने की इच्छा ना होना। 
    • लोगों से दूरी बना लेना। 
    • एल्कोहॉल और ड्रग्स का सेवन करना। 

    सुसाइडल आइडिएशन के लक्षण समझ आने पर व्यक्ति को अकेला ना छोड़ें और डॉक्टर से संपर्क करें। इसके साथ ही सुसाइडल आइडिएशन के कारण को भी समझना जरूरी जिससे परेशान व्यक्ति की मदद करना आसान हो सके। 

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    सुसाइडल आइडिएशन के कारण क्या हो सकते हैं? (Causes of Suicidal Ideation)

    सुसाइडल आइडिएशन के कारण एक नहीं, बल्कि अलग-अलग हो सकते हैं। जैसे:

    • पहले कभी आत्महत्या की कोशिश (Attempted suicide) की गई हो। 
    •  मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर (Mental Health Disorder) की समस्या होना। 
    • अपने आपको निराश (Hopeless), अलग (Isolated) और अकेला (Lonely) महसूस करना। 
    • शादी नहीं (Not being married) होना। 
    • गे (Gay), लेस्बियन (Lesbian), बाइसेक्शुअल (Bisexual) या ट्रांसजेंडर (Transgender) होना। 
    • कैंसर (Cancer), डायबिटीज (Diabetes) या टर्मिनल डिजीज (Terminal disease) का शिकार होना। 
    • अत्यधिक दर्द (Chronic pain) की समस्या होना। 
    • ट्रॉमेटिक ब्रेन इंजुरी (Traumatic brain injury) होना। 
    • परिवार में आत्महत्या (Family history of suicide) की हिस्ट्री होना। 
    • ड्रग या एल्कोहॉल यूज डिसऑर्डर (Drug or alcohol use disorder) की समस्या होना। 
    • बचपन में दुर्व्यवहार या आघात का अनुभव (Childhood abuse or trauma) होना। 
    • ग्रामीण क्षेत्र में रहना (Living in a rural area)।  
    • परिवार में दवाब में जीना या लोगों का प्रताड़ित करना। 

    ऐसी ही स्थितियां या फिर अन्य परिस्थिति भी सुसाइडल आइडिएशन के कारण में शामिल हो सकती है। इसलिए अगर पेशेंट में सुसाइडल आइडिएशन के लक्षण नजर आ रहें हैं, तो उसे इग्नोर ना करें जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह लें। 

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    सुसाइडल आइडिएशन का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Suicidal Ideation)

    सुसाइडल आइडिएशन के निदान के लिए मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट सबसे पहले पेशेंट और फेमली मेंबर से बात करते हैं और पेशेंट के लक्षणों को समझते हैं। इसके बाद डॉक्टर निम्नलिखित सवाल पूछते हैं। जैसे:

    • पेशेंट में डिप्रेशन (Depression) या मेंटल इलनेस (Mental illness) के बारे में पूछना। 
    • व्यक्ति ने आत्महत्या (Suicide) की कोशिश की है। 
    • व्यक्ति ने आत्महत्या का प्लान (Suicide plan) बनाया हो। 
    • व्यक्ति किस तरह की दवाओं (Medication) का सेवन करते हैं। 
    • एल्कोहॉल (Alcohol) या ड्रग्स (Drugs) का सेवन कितना करते हैं।  

    इन सभी सवालों का जवाब जानने के बाद सुसाइडल आइडिएशन का इलाज शुरू किया जाता है। 

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    सुसाइडल आइडिएशन का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment for Suicidal Ideation)

    सुसाइडल आइडिएशन का इलाज निम्नलिखित तरह से किया जाता है। जैसे:

    • सायकोथेरिपी (Psychotherapy) या टॉक थेरिपी (Talk therapy)- इस थेरिपी के दौरान पेशेंट से थेरिपीस्ट बात करते हैं। 
    • फेमली थेरिपी और एजुकेशन (Family therapy and education)- इस थेरिपी के दौरान पेशेंट के करीबियों से बात की जाती है और उन्हें पेशेंट की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए सुझाव दिए जाते हैं। 
    • सब्स्टांस यूज डिसऑर्डर ट्रीटमेंट (Substance use disorder treatment)- अगर पेशेंट एल्कोहॉल या ड्रग्स का सेवन अत्यधिक करता है, तो उसे इससे दूर रहने के लिए सुझाव दिए जाते जाते हैं। 
    • जीवनशैली में बदलाव (Lifestyle changes)- पेशेंट को हेल्दी फूड हैबिट्स के साथ-साथ एक्सरसाइज, अच्छी नींद के लिए समझाया जाता है। 
    • मेडिकेशन (Medications)- सुसाइडल आइडिएशन का इलाज कुछ विशेष दवाओं जैसे एंटीडिप्रेसेंट (Antidepressants), एंटीसायकोटिक मेडिकेशन (Antipsychotic medications) या एंटी-एंग्जाइटी मेडिकेशन (Anti-anxiety medications) प्रिस्क्राइब कर दिया जाता है। 

    इन्हीं अलग-अलग तरहों से सुसाइडल आइडिएशन का इलाज किया जाता है। 

    नोट: अगर पेशेंट को प्रिस्क्राइब्ड मेडिकेशन से कोई परेशानी हो या वो दवाओं के सेवन के बाद भी आत्महत्या की प्रवृति रखते हों तो इसे इग्नोर ना करें और इसकी जानकारी जल्द से जल्द इलाज कर रहें डॉक्टर को दें।  

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    सुसाइडल आइडिएशन से बचाव कैसे संभव है? (Tips to prevent Suicidal Ideation)

    सुसाइडल आइडिएशन से बचाव के लिए निम्नलिखित बातों को फॉलो किया जा सकता है। जैसे:

    • तनाव से दूर रहें
    • वैसे लोगों के संपर्क में ना रहें जिनसे परेशानी महसूस हो या जो नेगेटिव बातें करें।
    • अपने पसंदीदा व्यक्ति से बात करें और अपनी परेशानियों को शेयर करें।
    • तनाव या डिप्रेशन में रह रहें लोगों के परिवार के सदस्यों को बात करना चाहिए।
    • व्यक्ति को योगासन, मेडिटेशन या एक्सरसाइज के लिए प्रोत्साहित करें।

    इन बातों को ध्यान में रखकर लाभ मिल सकता है।

    उम्मीद करते हैं कि आपको इस आर्टिकल में दी गई जानकारी महत्वपूर्ण लगी होगी और आपको सुसाइडल आइडिएशन (Suicidal Ideation) से जुड़ी सभी जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अगर आपके मन में स्ट्रेसुसाइडल आइडिएशन (Suicidal Ideation) से जुड़े कोई अन्य सवाल हैं, तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे।

    शारीरिक बीमारी हो या मानसिक परेशानी दोनों से ही दूर रहें। इस बदलते वक्त में तनाव की वजह से कई शारीरिक समस्या अपने आप मनुष्य को शरीर को अपना आशियाना बना लेती है। जबकि इन स्थिति से अपने आपको बचाये रखें। जानिए मेंटल हेल्थ को हेल्दी रखने के लिए मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल दिल्ली के मेंटल हेल्थ डिपार्टमेंट के डायरेक्टर एवं हेड डॉ. समीर मल्होत्रा की क्या है राय इस नीचे 👇 दिए लिंक में।

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