परिचय
ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) डिजीज क्या है?
ऑस्टियोपोरोसिस डिजीज हड्डियों की एक बीमारी है। यह डिजीज तब होती है तब बॉडी में अतिरिक्त रूप से हड्डियों को छति पहुंचती हैं और हड्डियां कमजोर बनती हैं। ऑस्टियोपोरोसिस डिजीज इन दोनों ही स्थितियों में हो सकती हैं। ऑस्टियोपोरोसिस डिजीज की वजह से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। कुछ गंभीर मामलों में गिरने पर हड्डी टूटने का खतरा बढ़ जाता है। ऑस्टियोपोरोसिस डिजीज का मतलब है ‘छिद्रयुक्त हड्डी (porous bone)’, जिसे सूक्ष्मदर्शी (माइक्रोस्कोप) से देखा जा सकता है। हालांकि, स्वस्थ्य हड्डियां दिखने में शहद के छत्ते के समान नजर आती हैं। ऑस्टियोपोरोसिस डिजीज होने पर हड्डियों के बीच छेद बड़े हो जाते हैं। यह सामान्य हड्डियों के मुकाबले ज्यादा बड़े होते हैं।
और पढ़ें Broken (fractured) forearm: फोरआर्म में फ्रैक्चर क्या है?
इस बीमारी में हड्डियों का घनत्व या मास (mass) कम हो जाता है और ऊत्तकों की संरचना असामान्य हो जाती है। हड्डियों का घनत्व कम होने पर वो कमजोर हो जाती हैं। इससे हड्डियां टूटने की संभावना बढ़ जाती है। यदि आप 50 वर्ष या इससे अधिक उम्र के हैं और आपकी हड्डी टूट गई है तो डॉक्टर से परामर्श लें। इस स्थिति का आंकलन करने के लिए डॉक्टर आपकी हड्डियों के घनत्व की जांच कर सकता है।
ऑस्टियोपोरोसिस डिजीज एक सामान्य स्थिति है। अकेले अमेरिका में 5.4 करोड़ लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं, जिनकी हड्डियों का द्रव्यमान कम है। अध्ययनों के मुताबिक, लगभग हर दो में से एक महिला को यह बीमारी है। वहीं, 50 वर्ष की आयु के चार पुरुषों में से एक की हड्डियां इस बीमारी के चलते टूट जाती हैं। यदि आप 50 वर्ष या इससे अधिक उम्र के हैं और आपकी हड्डी टूट गई है तो डॉक्टर से परामर्श लें। इस स्थिति का आंकलन करने के लिए डॉक्टर आपकी हड्डियों के घनत्व की जांच कर सकता है।।- डॉ सोनल कुमता, सलाहकार, प्रसूति और स्त्री रोग, फोर्टिस अस्पताल
लक्षण
ऑस्टियोपोरोसिस डिजीज के क्या लक्षण हैं? (What are the symptoms of osteoporosis disease?)
ऑस्टियोपोरोसिस डिजीज के लक्षण निम्नलिखित हैं:
- ऑस्टियोपोरोसिस डिजीज की रफ्तार काफी धीमी होती है। किसी छोटी दुर्घटना में गिरने पर हड्डी टूट जाती है। यहां तक खांसने और छींकने पर ऑस्टियोपोरोसिस डिजीज में हड्डियां टूट सकती हैं।
- इस बीमारी से पीढ़ित लोगों की अक्सर हिप, कलाई या स्पाइनल वर्टिब्रा (Vertebrae) की हड्डियां टूटती हैं।
- स्पाइनल वर्टिब्रा में फ्रैक्चर आने से पॉश्चर में बदलाव होता है। इससे रीढ़ की हड्डी टेढ़ी तक हो जाती है।
- इस डिजीज में लोगों की लंबाई कम हो जाती है या पिछले कपड़े फिट नहीं बैठते हैं।
- ऑस्टियोपोरोसिस डिजीज में सामान्य के मुकाबले हड्डियां आसानी से टूट जाती हैं।
उपरोक्त लक्षणों के अलावा भी इस समस्या के कुछ अन्य लक्षण हो सकते हैं, जिन्हें ऊपर सूचीबद्ध नहीं किया गया है।
और पढ़ें: स्पाइनल कॉर्ड इंजरी को न करें अनदेखा, जानें क्यों जरूरी है इसका सही समय पर इलाज
मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
यदि आपको समय से पहले मेनोपॉज आया है तो आपको डॉक्टर से बात करनी चाहिए। इसके अतिरिक्त, यदि आपने कई महीनों तक कोर्टिकोस्टेरॉयड (corticosteroids) लिया हो या आपके माता पिता को हिप फ्रैक्चर हुआ हो।
और पढ़ें: सोरियाटिक गठिया की परेशानी होने पर अपनाएं ये उपाय
कारण
ऑस्टियोपोरोसिस डिजीज होने के क्या कारण हैं? (What causes osteoporosis disease?)
इस डिजीज के कारण निम्नलिखत हैं:
- आपकी बॉडी में लगातार नई हड्डियां बनती हैं और पुरानी हड्डियां टूटती हैं। जवानी में आपकी बॉडी में तेजी से नई हड्डियां बनाती हैं। हालांकि, पुरानी हड्डियों को धीमी गति से तोड़ती हैं। इससे आपकी हड्डियों का द्रव्यमान (Mass) बढ़ता है।
- 20 वर्ष की आयु के बाद यह प्रक्रिया धीमी हो जाती है। 30 वर्ष की आयु में ज्यादातर लोगों की हड्डियों का द्रव्यमान सबसे अधिक होता है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ हड्डियों का द्रव्यमान बनने की तुलना में ज्यादा घटता है।
- जवानी में आपने हड्डियों में कितना द्रव्यमान (Bone mass) हासिल किया है, ऑस्टियोपोरोसिस डिजीज होने की संभावनी इसी पर निर्भर करती है। हालांकि, वंशानुगत कारणों के आधार पर आपका बोन मास अधिक हो सकता है। यह हर नस्लीय समूह में अलग-अलग हो सकता है।
- आपकी हड्डियों का द्रव्यमान जितना ज्यादा होगा उतनी हड्डियां आपकी बॉडी में होंगी।
- हड्डियों का द्रव्यमान कम होने से ऑस्टियोपोरोसिस डिजीज का खतरा ज्यादा रहता है।
जोखिम
ऑस्टियोपोरोसिस डिजीज के साथ मुझे क्या समस्याएं हो सकती हैं? (What problems can I have with osteoporosis disease?)
- फेफड़ों में सूजन
- ब्लड क्लॉटिंग की समस्या
इस बीमारी के जोखिम निम्नलिखित हैं:
- आपका लिंग: पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को यह बीमारी होने का ज्यादा खतरा रहता है।
- उम्र: अधिक उम्र में इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।
- नस्ल: यदि आप स्वेत या एशियाई नस्ल के हैं तो आपको यह बीमारी होने का खतरा ज्यादा रहेगा।
- पारिवारिक हिस्ट्री: माता-पिता या भाई-बहनों को ऑस्टियोपोरोसिस डिजीज होने पर आपको अधिक खतरा हो सकता है। विशेषकर यदि आपके माता पिता को हिप में फ्रैक्चर हुआ हो।
- शरीर का ढांचा: छोटे बॉडी फ्रेम वाले पुरुष और महिला को इस बीमारी का खतरा ज्यादा रहता है। उम्र के हिसाब से उनकी हड्डियों में द्रव्यमान कम हो सकता है।
अन्य जोखिम
हाॅर्मोन का स्तर
सेक्स हार्मोन: सेक्स हार्मोन कम होने से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। ईस्ट्रोजेन का स्तर कम होने से महिलाओं मेनोपॉज आ जाता है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस डिजीज का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। हालांकि, पुरुषों में उम्र के हिसाब से टेस्टोस्टेरोन धीरे-धीरे कम होता है। पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर का उपचार इस हार्मोन को कम कर देता है। महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का इलाज इस्ट्रोजेन हार्मोन के स्तर कम कर देता है। इससे उनकी बॉडी में हड्डियों को नुकसान पहुंचने की गति तेज हो जाती है।
थाइरॉयड की समस्या: थाइरॉयड हार्मोन बढ़ने से हड्डियों को नुकसान पहुंचता है। यदि यह हाॅर्मोन अति सक्रिय है तो यह समस्या पैदा हो सकती है। यदि आपने कम थाइरॉयड हाॅर्मोन को बढ़ाने के लिए इलाज में इसे अधिक मात्रा में लिया है तो यह दिक्कत हो सकती है।
अन्य ग्लैंड्स: पेराथाइरॉयड और एड्रेनेल ग्लैंड्स के अतिरिक्त रूप से सक्रिय होने से इस बीमारी का खतरा रहता है।
दिनचर्या और खानपान
खराब दिनचर्या और अनुचित खानपान इस बीमारी के खतरे को बढ़ाता है। यदि आपकी बॉडी में कैल्शियम की कमी है तो आपको इसका खतरा ज्यादा रहेगा। कैल्शियम की कमी के चलते हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। एक्सरसाइज न करने से हड्डियों के ऊत्तक कमजोर हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त, यदि आप ज्यादा एल्कोहॉल का सेवन करते हैं तो आपकी हड्डियों को नुकसान पहुंच सकता है।
उपचार
यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
ऑस्टियोपोरोसिस डिजीज का निदान कैसे किया जाता है? (How is osteoporosis disease diagnosed?)
इस बीमारी का पता लगाने के लिए डॉक्टर परिवार की मेडिकल हिस्ट्री देख सकता है, जिससे इसके खतरों के कारकों का पता चलेगा। इस बीमारी का शक होने पर ‘बोन मिनरल डेंसिटी स्कैन (BMD)’ टेस्ट करा सकता है। बोन डेंसिटी स्कैनिंग में एक एक्स-रे का इस्तेमाल होता है, जिसे डियुअल-एनर्जी-एक्स-रे एब्सोरपिटिओमर्टी (dual-energy X-ray absorptiometry (DEXA)) के नाम से जाना जाता है। DEXA इस डिजीज से होने वाले फ्रैक्चर्स का संकेत देता है। यह इलाज के प्रति व्यक्ति की प्रतिक्रिया को भी मॉनिटर करने में मदद करता है।
दो तरह की डिवाइस से यह टेस्ट किया जाता है:
- एक सेंट्रल डिवाइस: यह स्कैन अस्पताल में किया जाता है, जो कूल्हे और रीढ़ की हड्डी में खनिजों के घनत्व को मापता है।
- एक पेरिफेरियल डिवाइस: यह एक मोबाइल मशीन है, जो कलाई, ऐड़ी या उंगलियों की हड्डियों की जांच करता है।
टेस्ट के नतीजे
इसके नतीजों को DEXA T स्कोर या Z स्कोर के रूप में देते हैं।
- T स्कोर को व्यक्ति की हड्डियों के द्रव्यमान को एक युवा के बोन मास से तुलना की जाती है।
- -1.0 या इससे अधिक होने पर हड्डियां की ताकत अच्छी है
- -1.1 से -2.4 तक हल्का बोन लॉस (osteopenia)दिखाता है।
- -2.5 या इससे अधिक ऑस्टियोपोरोसिस का संकेत देता है।
स्कोर को अन्य समान उम्र के लोगों के बोन मास के साथ कंपेयर या तुलना की जाती है। हर दो वर्ष में इन टेस्ट को किया जाता है, जिससे नतीजों की तुलना की जा सके।
ऑस्टियोपोरोसिस डिजीज का इलाज कैसे होता है? (How is osteoporosis disease treated?)
जिन लोगों को इस बीमारी का खतरा सबसे ज्यादा होता है उन्हें बिसफोस्पोनेट्स (bisphosphonates) दवाइयों की सलाह दी जाती है।
उदाहरण के लिए इनमें निम्नलिखित दवाइयां शामिल हैं:
- एलेंड्रोनेट (Alendronate)(बिनोस्टो, फोसामेक्स) (Binosto, Fosamax)
- रिसेड्रोनेट (एक्टोनेल, एटेलविया) (Risedronate (Actonel, Atelvia)
- इबानड्रोनेट (Ibandronate) (बोनिवा) (Boniva)
- जोलेड्रोनिक एसिड (रेक्लास्ट, जोमेटा) (Zoledronic acid (Reclast, Zometa)
हालांकि इन दवाइयों से आपको उबकाई और पेट में दर्द और हर्टबर्न जैसे लक्षण सामने आ सकते हैं। यदि आप दवाइयों को उचित ढंग से ले रहे हैं तो साइड इफेक्ट्स की संभावना कम होती है।
और पढ़ें: Alpha-amylase : अल्फा-एमाइलेज टेस्ट क्या है?
हाॅर्मोन थेरेपी
ईस्ट्रोजेन, विशेषकर मेनोपॉज के तुरंत बाद शुरू किया जाता है। इससे हड्डियों के घनत्व को बनाए रखने में मदद मिलती है। हालांकि, ईस्ट्रोजेन थेरिपी ब्लड क्लॉटिंग, एंडोमेट्रियल कैंसर (endometrial cancer) और संभावित हार्ट की बीमारी के खतरे को बढ़ा देती है। इसलिए ईस्ट्रोजेन को बमुश्किल से जवान महिलाओं में इस्तेमाल किया जाता है।
वहीं, पुरुषों में उम्र बढ़ने के साथ टेस्टोस्टेरोन का स्तर गिरने लगता है। ऐसे में टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी इसके लेवल में सुधार कर सकती है। पुरुषों में ऑस्टियोपोरोसिस डिजीज के ट्रीटमेंट के लिए इसकी दवाओं का बेहतर अध्ययन किया गया है। इसे देखते हुए ऐसी दवाओं को अकेले या टेस्टोस्टेरोन के अतिरिक्त लेने की सलाह दी जा सकती है।
घरेलू उपचार
जीवनशैली में होने वाले वदलाव क्या हैं, जो मुझे ऑस्टियोपोरोसिस डिजीज को ठीक करने में मदद कर सकते हैं?
यदि आपको यह समस्या है तो डॉक्टर आपको निम्नलिखित घरेलू उपाय बात सकता है:
- स्मोकिंग छोड़ना, इससे नई हड्डियों का विकास घटता है और महिलाओं में इस्ट्रोजेन कम होता है।
- स्वस्थ्य हड्डियों को बनाने के लिए एल्कोहॉल के सेवन को सीमित करें।
- नियमित रूप से वेट ट्रेनिंग करना। इससे मांसपेशियों से हड्डियों को मिलने वाला स्पोर्टे और मजबूत होता है।
- बॉडी में लचीलापन और संतुलन बढ़ाने के लिए योग जैसी एक्सरसाइज करना। इससे गिरने और फ्रैक्चर का खतरा कम होता है।
कैल्शियम
उचित मात्रा में कैल्शियम और विटामिन डी का सेवन करने से हड्डियों मजबूत होती हैं। विटामिन डी इस बीमारी को रोकने में अहम भूमिका निभाती है। साथ ही वह बॉडी में कैल्शियम के अवशोषण को भी बढ़ा देती है। हड्डियों के लिए कैल्शियम जरूरी होता है। लोगों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वो रोजाना पर्याप्त कैल्शियम लें। 19 वर्ष और इससे अधिक उम्र के व्यस्कों को प्रतिदिन 1,000 मिलिग्राम (mg) कैल्शियम लेना चाहिए। 51 वर्ष की महिलाओं और 71 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को प्रतिदिन 1,200 mg कैल्शियम लेना चाहिए।
कैल्शियम के स्रोत
- डेयरी फूड्स जैसे दूध, पनीर और दही
- हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे काले और ब्रोकली
- कोमल हड्डी वाली मछलियां जैसे टिन्नड साल्मन (tinne salmon) और फोर्टिफाइड टूना सेरेल्स
यदि आप रोजाना पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम नहीं ले पाते हैं तो आप सप्लिमेंट ले सकते हैं। इन्हें लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना अनिवार्य है। हालांकि, हमें ज्यादातर विटामिन डी भोजन से नहीं मिलती है। यह सूर्य के संपर्क में आने से मिलती है। ऐसे में डॉक्टर नियमित रूप से धूप में बैठने की सलाह दे सकते हैं।
इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और ऑस्टियोपोरोसिस से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।