परिचय
ऑस्टियोमाइलाइटिस (Osteomyelitis) क्या है?
ऑस्टियोमाइलाइटिस (Osteomyelitis) हड्डियों में होने वाला एक प्रकार का संक्रमण है, जोकि ब्लड के माध्यम से हड्डियों तक पहुंचता है। अगर आपकी हड्डियों में किसी तरह का घाव है तो जीवाणुओं की वजह से यह संक्रमण हड्डियों में भी शुरू हो सकता है।
जो लोग स्मोकिंग करते हैं या जिनको स्वास्थ्य संबंधी दूसरी समस्याएं हैं जैसे कि डायबिटीज या किडनी की बीमारी तो उनमें ऑस्टियोमाइलाइटिस (Osteomyelitis) का खतरा ज्यादा होता है। जिन लोगों को डायबिटीज है और उनके पैरों में अल्सर भी है तो उनके पैरों में ऑस्टियोमाइलाइटिस (Osteomyelitis) विकसित हो सकता है। अगर आपकी हड्डियों में फ्रैक्चर हुआ है या कोई सर्जरी हुई है तब भी यह इन्फेक्शन हो सकता है।
कितना सामान्य है ऑस्टियोमाइलाइटिस (Osteomyelitis) का होना?
यह एक दुर्लभ लेकिन बहुत ही गंभीर बीमारी है। अध्ययनों से पता चला है कि प्रत्येक 10,000 लोगों में से केवल 2 लोगों को ही ऑस्टियोमाइलाइटिस (Osteomyelitis) की समस्या होती है। अगर बच्चों की बात करें तो हड्डियों में होने वाला यह संक्रमण आमतौर पर भुजाओं और पैरों में होता है जबकि वयस्कों में यह आमतौर पर कूल्हे (hips), रीढ़ की हड्डियों (spine) और पैरों में होता है।
हड्डियों में होने वाला यह संक्रमण अचानक हो सकता है या फिर लंबे समय मे विकसित हो सकता है। अगर इस बीमारी का सही से इलाज नहीं हुआ तो हड्डियां हमेशा के लिए क्षतिग्रस्त हो सकती हैं।
और पढ़ें : क्या है हड्डियों की बीमारी ऑस्टियोपोरोसिस? जानें इसके लक्षण
लक्षण
ऑस्टियोमाइलाइटिस (Osteomyelitis) के क्या लक्षण होते हैं?
ऑस्टियोमाइलाइटिस का पहला लक्षण दर्द होता है जोकि इंफेक्शन वाली जगह पर महसूस होता है। कभी कभी ऑस्टियोमाइलाइटिस (Osteomyelitis) के कोई लक्षण समझ नहीं आते हैं। इसके अलावा बच्चों, बुजुर्गों और ऐसे लोग जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है उनमें यह अलग करना मुश्किल हो जाता है कि कौन से लक्षण ऑस्टियोमाइलाइटिस (Osteomyelitis) के हैं और कौन से लक्षण अन्य बीमारियों के हैं। आमतौर पर ऑस्टियोमाइलाइटिस (Osteomyelitis) के निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं;
- इंफेक्शन वाली जगह पर लाल निशान होना
- इंफेक्शन वाली जगह पर सूजन होना
- इंफेक्शन वाली जगह पर दर्द महसूस होना
- बुखार आना
- मितली
- चिड़चिड़ापन का एहसास
- ठंड महसूस होना
- थकान का अनुभव
- इंफेक्शन वाली जगह पर अकड़न महसूस होना
और पढ़ें : Facial fracture: चेहरे की हड्डी का फ्रैक्चर क्या है? जानें इसके लक्षण व बचाव
मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
यदि आपको बुखार के साथ-साथ हड्डी के दर्द का अनुभव होता है तो ऐसी स्थिति में अपने डॉक्टर को दिखाएं। यदि आपको किसी मेडिकल स्थिति या हाल ही में हुई सर्जरी या चोट के कारण संक्रमण होने का खतरा है, तो ऑस्टियोमाइलाइटिस (Osteomyelitis) के लक्षण दिखाई देते ही तुरन्त अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
और पढ़ें: Fibrocystic Breast: फाइब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट क्या है?
कारण
ऑस्टियोमाइलाइटिस (Osteomyelitis) होने के क्या कारण होते हैं?
आमतौर पर त्वचा में पाए जाने वाले स्टैफिलोकोकस ऑरियस (Staphylococcus aureus) नामक बैक्टीरिया की वजह से ऑस्टियोमाइलाइटिस (Osteomyelitis) जैसी गंभीर बीमारी होती है। गंभीर चोट या घाव के कारण भी आस पास की हड्डियों में इंफेक्शन हो सकता है।
इसके अलावा अगर आपकी कोई सर्जरी हुई है तो इस सर्जिकल साइट के माध्यम से भी बैक्टीरिया आपके सिस्टम में प्रवेश कर सकता है। इसके अलावा कुछ स्वास्थ्य समस्याओं के कारण भी ऑस्टियोमाइलाइटिस (Osteomyelitis) हो सकता है जैसे;
- डायबिटीज की बीमारी
- सिकल सेल डिसीज (Sickle cell disease)
- रयूमेटाइड आर्थराइटिस (Rheumatoid arthritis)
- जो लोग ऐल्कोहल का सेवन करते हैं
- एचआईवी या एड्स
- हीमोडायलिसिस (Hemodialysis)
और पढ़ें: Foreign object in nose : नाक में कुछ फंस जाना क्या है?
जोखिम
ऑस्टियोमाइलाइटिस (Osteomyelitis) के साथ और क्या समस्याएं हो सकती हैं?
ऑस्टियोमाइलाइटिस (Osteomyelitis) के साथ साथ और भी समस्याएं हो सकती हैं जैसे;
- ऑस्टियोनेक्रोसिस (Osteonecrosis): जिसमें हड्डियां बहुत ज्यादा कमजाेर हो जाती हैं।
- सेप्टिक अर्थराइटिस (Septic arthritis): इसमें हड्डियों में होने वाला इंफेक्शन आस पास के जोड़ों में पहुंच जाता है।
- ग्रोथ बाधित होना: जिन बच्चों में ऑस्टियोमाइलाइटिस (Osteomyelitis) की समस्या हो जाती है उनकी ग्रोथ प्रभावित होती है।
- स्किन कैंसर: अगर किसी को ऑस्टियोमाइलाइटिस (Osteomyelitis) की समस्या है तो उनमें त्वचा से जुड़े कैंसर की संभावना बढ़ जाती है।
उपचार
ऑस्टियोमाइलाइटिस (Osteomyelitis) का निदान कैसे किया जाता है?
- अगर आपको हड्डियों में होने वाले लक्षण हैं तो इसका निदान करने के लिए डॉक्टर कई सारी प्रक्रियाओं का इस्तेमाल करते हैं। आपके इंफेक्शन की सही लोकेशन का पता लगाने के लिए आपका डॉक्टर कई सारे डाइग्नोस्टिक टेस्ट भी कर सकता है।
- जिन जीवों की वजह से यह इंफेक्शन होता है उनका पता लगाने के लिए डॉक्टर ब्लड टेस्ट भी कर सकता है। इसके अलावा बैक्टीरिया को चेक करने के लिए वह थ्रोट स्वैब (Throat swab), यूरीन कल्चर (Urine culture) या स्टूल कल्चर (Stool culture) भी कर सकता है।
- आपकी हड्डियों की सेल्युलर (Cellular) और मेटाबॉलिक एक्टिविटी को पता करने के लिए बोन स्कैन (Bone scan) भी हो सकता है। अगर बोन स्कैन में पर्याप्त जानकारी नहीं मिलती है तो इसके लिए डॉक्टर एमआरआई (MRI) या हड्डियों की बॉयोप्सी (BIOPSY) भी कर सकता है।
- इसके अलावा हड्डियों का एक साधारण एक्स भी डॉक्टर के लिए पर्याप्त होता है सबकुछ जानने के लिए।
ऑस्टियोमाइलाइटिस (Osteomyelitis) का इलाज कैसे किया जाता है?
हड्डियों के इंफेक्शन का इलाज करने के लिए डॉक्टर के पास कई सारे ऑप्शन होते हैं। सबसे पहले डॉक्टर एंटीबायोटिक का इस्तेमाल कर सकता है। अगर आपकी हड्डियों में होने वाला इंफेक्शन ज्यादा गंभीर है तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर इंजेक्शन के माध्यम से एंटीबायोटिक को नसों में प्रवाहित करेगा। आपको बता दें कि लगभग 6 हफ्तों तक इस एंटीबायोटिक की जरूरत पड़ सकती है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कभी-कभी हड्डी के संक्रमण के लिए सर्जरी की भी आवश्यकता होती है। यदि आपकी सर्जरी होने वाली है तो आपका सर्जन संक्रमित हड्डी और मृत ऊतक को हटा देगा और वहां मौजूद किसी भी फोड़े, या मवाद (Pus) को भी बाहर निकाल देगा। इससे आपके इन्फेक्शन को ठीक होने में मदद मिलती है।
यदि आपके पास एक कृत्रिम अंग है जो संक्रमण का कारण है, तो आपका डॉक्टर इसे हटा सकता है और इसे एक नए के साथ बदल सकता है। आपका डॉक्टर संक्रमित क्षेत्र के पास या आसपास के किसी भी मृत ऊतक को भी हटा देगा।
घरेलू उपचार
जीवनशैली में होने वाले बदलाव क्या हैं, जो ऑस्टियोमाइलाइटिस (Osteomyelitis) को ठीक करने में मदद कर सकते हैं?
ऑस्टियोमाइलाइटिस के मरीजों को अपनी जीवनशैली में निम्न बदलाव लाने चाहिए।
- अपनी डायट में अधिक से अधिक हरी पत्तियों और फलों को शामिल करें. ऐसी चीजें खाएं जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हों।
- साफ- सफाई का विशेष ध्यान रखें, खासतौर पर हाथों को साफ रखें।
- धूम्रपान पूरी तरह बंद कर दें क्योंकि यह खून के सर्कुलेशन को और बिगाड़ देता है।
उपरोक्त दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।