परिचय
बनियन क्या है?
बनियन बड़े पैर के लोगों में होने वाली एक समस्या है। यह समस्या हड्डी में होती है। इसमें अंगूठे के पैर की हड्डी जोड़ों की तरफ से बाहर निकल आती है। ये तब होता है जब आपका अंगूठा छोटी अंगुलियों पर दबाव या खिंचाव डालता है। तब हड्डी बाहर की ओर निकलने लगती है। जिन लोगों को बनियन होता है उनके अंगूठे की त्वचा लाल हो जाती है। बनियन होने के और भी कई कारण हो सकते हैं।
ऐसा तब भी होता है जब आप छोटे और तंग जूते पहनते हैं। इससे समस्या ज्यादा गंभीर हो सकती है। पैरों का आकार भी बनियन की समस्या का कारण बनता है। गठिया की बीमारी वाले लोगों को भी बनियन की समस्या हो सकती है। अंगूठे के अलावा बनियन पैर की सबसे छोटी अंगुली में भी हो सकता है। इसे अंग्रेजी टेलर बननियन कहते हैं।
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बनियन एक बोन डिसऑर्डर होता है। बच्चों में ये समस्या नहीं होती है। इसे वयस्कों और किशोरों में ज्यादा देखा गया है। यह समस्या धीरे—धीरे बढ़ती है। बनियन आमतौर पर छोटे से शुरू होता है लेकिन तंग जूते पहनने से समस्या बढ़ती चली जाती है। इससे बाद में चलने में भी समस्या होने लगती है। यह समस्या बर्साइटिस की वजह से भी होती है। कभी इसके लक्षण दिखते हैं तो कभी नहीं भी दिखते हैं। महिलाएं अक्सर तंग जूते पहनती है इसलिए उनमें भी बनियन की समस्या देखी जाती है। इसके कई सरल उपचार हैं लेकिन यह दर्दनाक हो सकता है।
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कारण
बनियन के कारण क्या हैं?
वैज्ञानिकों की मानें तो मानव शरीर की हड्डियों की संरचना अपनेआप बनती है। पैरों की हड्डी बड़ी होने की वजह से बनियन की समस्या होती है। बनियन होने के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं। जो इस प्रकार हैं:
- बनियन होने का एक कारण ओवरप्रोन्सन है। इसमें पैर के अंगूठे की संरचना ठीक ना होने पर बनियन की समस्या हो जाती है। साथ ही पैर के अंगूठे पर समान तौर पर वजन ना पड़ने पर ये समस्या पैदा हो जाती है। इसके अलावा पैर की हड्डी बड़ी होना भी एक बड़ी वजह है।
- पैर में चोट लग जाना भी बनियन होने का कारण है।
- गठिया की समस्या भी पैरों में बनियन बना सकती है। वहीं पोलियो के शिकार लोगों को भी बनियन हो सकता है। जन्म के समय बच्चे के पैर का विकास ठीक से नहीं होता। जिस कारण ये समस्या पैदा हो जाती है।
- ऊंची एड़ी या तंग जूते पहनना भी बनियन का कारण बनता है। आनुवांशिक रूप से भी कुछ लोगों के पैरों की हड्डियां बड़ी होती हैं। ऐसे में अगर आप तंग जूते पहनते हैं तो बनियन का विकास हो जाता है।
- 2014 में हुए एक रिसर्च के अनुसार 10 वर्ष से कम आयु के लगभग 2 प्रतिशत बच्चों में यह स्थिति होती है। वहीं लगभग आधे से ज्यादा वयस्कों में बनियन देखा गया है।
- 10 से 15 वर्ष की आयु के बीच की लड़कियों में बनियन होने की संभावना सबसे अधिक होती है। यह आमतौर पर परिवार के सभी लोगों में देखी जाती है।
- एक किशोर बनियन के साथ अपने पैर की अंगुली को ऊपर और नीचे करने में सक्षम होता है। वहीं वयस्कों में बनियन होने के दौरान वे अपने पैरों की अंगुलियों को हिलाने-डुलाने में कठिनाई महसूस करते हैं।
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लक्षण
बनियन के लक्षण क्या हैं?
आमतौर पर बनियन होने पर एक गांठ जैसी दिखने लगती है। जो छूने पर बहुत कठोर होती है। यह अंगूठे और छोटी अंगुली दोनों तरफ हो सकता है। इसके कुछ लक्षण इस प्रकार हैं:
- दर्द और लालिमा
- सुन्न होना
- जलन
- अंगुली के जोड़ में सूजन
- अंगुली के नीचे उकी त्वचा की मोटाई में वृद्धि
- पैर के नीचे की त्वचा कठोर हो जाना
- अंगुली में कॉर्न हो जाना
- ऊंची एड़ी के और तंग जूते पहनने वालों को बनियन की समस्या हो जाती है।
- लंबे समय तक खड़े रहने से समस्या गंभीर हो जाती है।
- बनियन पहले छोटी गांठ के रूप में शुरू होते हैं। वे समय के साथ बढ़ते जाते हैं, जो बाद में दर्द का कारण बनता है और चलना मुश्किल हो जाता है। बनियन होने पर कुछ अन्य लक्षण भी नजर आते हैं।
- इसमें जब-जब अंगुली पर दबाव पड़ता है तो दर्द होता है।
- चलने में कठिनाई
- पैर की अंगुलियों की गतिशीलता में कमी
- गठिया हो जाना
- उन जूतों से बचना चाहिए जो पैरों में दर्द पैदा करते हैं।
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परीक्षण और इलाज
बनियन का परीक्षण और इलाज क्या है?
- डॉक्टर आपसे आपकी मेडिकल हिस्ट्री, सामान्य स्वास्थ्य और लक्षणों के बारे में पूछेगा। वह आपके पैर की सावधानीपूर्वक जांच करेगा। बनियन के लक्षणों और पैर की स्थिति के आधार पर डॉक्टर आपका इलाज करेगा। इसके अलावा वो एक्स—रे के लिए भी कह सकते हैं। एक्स-रे से हड्डी की तस्वीरें सामने आ जाती हैं। एक्स-रे से डॉक्टर आपके पैर की अंगुलियों के संरेखण की जांच करता है। साथ ही और एमटीपी की कमी को भी जांचता है।
- जब आप खड़े होते हैं या बैठते हैं तो आपके पैरों की हड्डियों का आकार बदल जाता है। डॉक्टर एक्स-रे यह पता लगाने के लिए करते हैं बनियन कितना गंभीर है।
- ज्यादातर मामलों में, सर्जरी के बिना ही बनियन का इलाज किया जाता है। इलाज दर्द को कम करने और बनियन की स्थिति में सुधार करने के लिए किया जाता है।
फुटवियर में बदलाव
- अधिकांश मामलों में, बनियन का दर्द जूतों को बदल देने से चला जाता है। डॉक्टर आपको ऐसे जूते पहनने के लिए कहेंगे जो तंग ना होकर पैरों के लिए फिट हों। साथ ही ऐसे जूते पहनने चाहिए जो पैरों की अंगुलियों को संकुचित ना करें। कुछ जूतों को स्ट्रेचर का उपयोग करके ठीक किया जा सकता है। आपका डॉक्टर आपको उचित प्रकार के जूतों के बारे में जानकारी दे सकता है जो आपके लिए सबसे अच्छा होगा।
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पैडिंग
- पैर के जिस हिस्से पर दर्द हो रहा है, डॉक्टर उस पर पैडिंग करने के लिए कह सकते हैं। ये पैड किसी भी मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध होंगे। पहले कुछ समय के लिए पैड का उपयोग करें। अगर दर्द में फायदा होता है तो लगातार इस्तेमाल करें। हालांकि पैड का ज्यादा दबाव समस्या को और बढ़ा सकता है।
बर्फ का उपयोग
- एक समय में 20 मिनट के लिए दिन में कई बार बर्फ लगाने से सूजन कम हो सकती है। अपनी त्वचा पर सीधे बर्फ न लगाएं।
दवाएं
- आईबुप्रोफेन और नेप्रोक्सन जैसी दवाएं दर्द को दूर करने और सूजन को कम करने में मदद कर सकती हैं। वहीं जिन लोगों को बनियन, गठिया की बीमारी की वजह से होता है उन्हें डॉक्टर गठिया को ठीक करने के लिए दवाई देते हैं।
। बेहतर जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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