के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
हाइपोपिटिटारिज्म एक ऐसा विकार है, जिसमें पिट्यूटरी ग्रंथि कुछ या सभी हार्मोन्स का सामान्य मात्रा में उत्पादन नहीं कर पाती। पिट्यूटरी ग्रंथि कई हार्मोन या केमिकल का उत्पादन करती है जो शरीर में अन्य ग्रंथियों को नियंत्रित करते हैं। अगर यह ग्रंथियां इन हार्मोन्स का उत्पादन नहीं कर पाती हैं तो उसे हाइपोपिटिटारिज्म कहा जाता है। पिट्यूटरी को मास्टर ग्रंथि कहा जाता है। यह एक मटर के आकार की ग्रंथि है। हाइपोपिटिटारिज्म एक दुर्लभ स्थिति है जिसमे पिट्यूटरी ग्रंथि कुछ खास हार्मोन्स पर्याप्त रूप से नहीं बना पाती। इन हार्मोन्स की कमी से शरीर के सामान्य कार्य प्रभावित हो सकते हैं जैसे शरीर का विकास, रक्तचाप या प्रजनन आदि। अगर किसी को यह समस्या है तो उसके लिए पूरी उम्र इसकी दवाई लेना आवश्यक है। यह दवाईयां अनुपस्थित हार्मोन्स की कमी को पूरा करती हैं, जिससे इसके लक्षण नियंत्रण में रहते हैं।
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हाइपोपिटिटारिज्म के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि रोगी के शरीर में कौन से हार्मोन की कमी है इसके लक्षण इस प्रकार हैं :
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पुरुषों में LH और FSH की कमी : LH और FSH की कमी से कामेच्छा में कमी, कम शुक्राणु बनना , इनफर्टिलिटी आदि यौन समस्याएं हो सकती हैं। यह भी पुरुषों में इस समस्या के कुछ लक्षण हैं।
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हाइपोपिटिटारिज्म के कई कारण है। कई मामलों में, हाइपोपिटिटारिज्म का कारण पिट्यूटरी ग्रंथि में होने वाला ट्यूमर होता है। जैसे ही पिट्यूटरी ट्यूमर आकार में बढ़ता है, तो इससे पिट्यूटरी टिश्यू दबते हैं और उन्हें नुकसान होता है। ट्यूमर ऑप्टिक नसों को भी संकुचित कर सकता है, जिससे देखने में परेशानी हो सकती है। हालांकि, कुछ अन्य बीमारियां और स्थितयां भी पिट्यूटरी ग्रंथियों को नुकसान पहुंचा सकती हैं जिससे हाइपोपिटिटारिज्म जैसी समस्या हो सकती है, जैसे:
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हाइपोपिटिटारिज्म के जाेखिम क्या है?
हाइपोपिटिटारिज्म की समस्या इन स्थितियों में जोखिम भरी हो सकती है:
अगर डॉक्टर आपमें पिट्यूटरी हार्मोन की समस्या के लक्षण देखते हैं, तो वो आपके शरीर में हार्मोन के स्तर और इसके कारण को जानने के लिए कुछ टेस्ट करने के लिए कह सकते हैं। जैसे:
अगर हाइपोपिटिटारिज्म का कारण ट्यूमर है तो आपको इस ट्यूमर को दूर करने के लिए सर्जरी की जरूरत हो सकती है ताकि ट्यूमर को निकाला जा सकते। इसके साथ ही रेडिएशन थेरेपी की भी जरूरत पड़ सकती है।
दवाईयां
हार्मोन जो पिट्यूटरी ग्रंथि के नियंत्रण में नहीं हैं, उन की कमी पूरी करने के लिए आपको पूरी उम्र हार्मोन दवाओं की आवश्यकता होगी जो इस प्रकार हैं।
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