अल्जाइमर (Alzheimer) क्या है?
अल्जाइमर एक ऐसी बीमारी है जो मेमोरी को नष्ट कर देती है। शुरुआती तौर पर अल्जाइमर से ग्रसित व्यक्ति को बातें याद रखने में कठिनाई हो सकती है और फिर धीरे-धीरे व्यक्ति अपने जीवन में महत्वपूर्ण लोगों को भी भूल जाता है।
अल्जाइमर में यादाश्त कमजोर होने के साथ-साथ कुछ और भी लक्षण दिखाई देने लगते हैं जैसे- पहले लोगों के नाम भूल जाना, अपने विचारों को व्यक्त करने में कठिनाई, निर्देशों का पालन करने में दिक्कत, किसी बात को समझने में भी परेशानी आदि होती है।
अल्जाइमर (Alzheimer) रोग डिमेंशिया (मनोभ्रंश) का सबसे आम कारण है। मस्तिष्क विकारों का एक समूह जिसमें बौद्धिक और सामाजिक कौशल को नुकसान पहुंचता है। अल्जाइमर रोग में, मस्तिष्क की कोशिकाएं कमजोर होकर नष्ट हो जाती हैं, जिससे स्मृति और मानसिक कार्यों में लगातार गिरावट आती है।
वर्तमान समय में अल्जाइमर रोग के लक्षणों को दवाओं और मैनेजमेंट स्ट्रेटेजी के द्वारा अस्थायी रूप से सुधारा जा सकता है। इससे अल्जाइमर रोग से ग्रस्त इंसान को कभी-कभी थोड़ी मदद मिलती लेकिन, क्योंकि अल्जाइमर रोग का कोई इलाज नहीं है, इसलिए जितनी जल्दी हो सके सहायक सेवाओं का सहारा लेना जरूरी होता है।
क्या अल्जाइमर (Alzheimer) एक आम बीमारी है?
अल्जाइमर रोग बेहद आम है। इसके कारणों को नियंत्रित करके इस समस्या से निपटा जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
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अल्जाइमर के क्या लक्षण हैं (Symptoms of Alzheimer)?
शुरुआत में भूलने की बीमारी या हल्के भ्रम का होना अल्जाइमर (Alzheimer) रोग का एकमात्र लक्षण हो सकता है जिसे आप नोटिस करते हैं। फिर धीरे-धीरे ये बीमारी आपकी सारी याद्दाश्त को खा जाती है। इस बीमारी के लक्षण हर व्यक्ति में भिन्न होते हैं।
मेमोरी (Memory)
कभी-कभार हर किसी की मेमोरी लैप्स होती है लेकिन अल्जाइमर से पीड़ित व्यक्ति का मेमोरी लॉस सामान्य नहीं है। यह धीरे-धीरे और भी बिगड़ जाती है। जिससे घर और ऑफिस में आपकी कार्य-क्षमता प्रभावित होती है। अल्जाइमर से ग्रसित लोगों में ये लक्षण हो सकते हैं-
- बार-बार बात और प्रश्न दोहराना और यह एहसास न होना कि उन्होंने पहले भी प्रश्न पूछा है ।
- बातचीत, अपॉइंटमेंट या ईवेंट भूल जाना और बाद में याद न आना ।
- चीजों को खो देना और वापस ढूंढने में असमर्थ होना ।
- अपनी ही जगह को न पहचानना ।
- परिवार के सदस्यों और रोजमर्रा की वस्तुओं के नाम भूल जाना ।
- वस्तुओं को पहचानने, विचार व्यक्त करने या बातचीत करने में सही शब्द खोजने में परेशानी होना ।
सोच और तर्क (Thinking)
- अल्जाइमर रोग के कारण ध्यान केंद्रित करने और सोचने में कठिनाई होती है।
- एक साथ कई काम करने में कठिनाई
- समय पर बिलों का भुगतान न करना, चेक-बुक को बैलेंस रखना आदि कार्य चुनौती पूर्ण हो सकते हैं।
- संख्याओं को पहचानने में कठिनाई।
निर्णय करना (Decision)
- छोटी-मोटी समस्याओं में निर्णय लेने में मुश्किल आना।
कार्यों की योजना बनाना (Planning)
- जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है पीड़ित को और मुश्किलों का सामना करना पड़ता है जैसे कि पसंदीदा खेल खेलने में दिक्कत, खाना बनाने में दिक्क्त आदि।
- स्तिथि इतनी बुरी हो जाती है कि अल्जाइमर वाले लोग कपड़े पहनना और नहाने जैसे कार्यों को कैसे करना है यह भी भूल जाते हैं।
व्यक्तित्व और व्यवहार में परिवर्तन (Behavior)
अल्जाइमर रोग में मस्तिष्क में होने वाले परिवर्तन के कारण कार्य करने के तरीके और महसूस करने के तरीके भी प्रभावित होते हैं। अल्जाइमर से पीड़ित लोग ये अनुभव कर सकते हैं:
- डिप्रेशन
- उदासीनता
- समाज से दूरी बनाना
- मूड स्विंग्स
- दूसरों पर शक करना
- चिड़चिड़ापन और गुस्सा आना
- नींद की आदतों में बदलाव
- भ्रम करना
अगर बीमारी बहुत पुरानी न हो तो इनमें कई महत्वपूर्ण कौशल जल्दी खत्म नहीं होते हैं जैसे-पढ़ना, नृत्य करना, गाने गाना, पुराने संगीत का आनंद लेना, कहानियां सुनाना आदि।
हो सकता है ऊपर दिए गए लक्षणों में कुछ लक्षण शामिल न हो। यदि आपको किसी भी लक्षण के बारे में किसी भी तरह की शंका है हो तो कृपया डॉक्टर से परामर्श करें।
मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
यदि आपको निम्न में से कोई लक्षण दिखाई दे रहा है तो आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। हर किसी का शरीर अलग तरीके से कार्य करता है। अपनी स्थिति के बारे में अपने डॉक्टर से परामर्श करना सबसे अच्छा होता है।
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अल्जाइमर (Causes of Alzheimer) रोग के क्या कारण हैं?
वैज्ञानिकों का मानना है कि ज्यादातर लोगों में अल्जाइमर रोग आनुवांशिक, जीवनशैली और पर्यावरणीय कारणों की वजह से होता है। जो समय के साथ मस्तिष्क को प्रभावित करते हैं। हालांकि अल्जाइमर के कारणों के बारे में अभी तक पूरी तरह से पता नहीं लगाया जा सका है लेकिन, मस्तिष्क पर इसका प्रभाव स्पष्ट है। अल्जाइमर रोग मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाकर उन्हें नष्ट कर देता है। एक स्वस्थ मस्तिष्क की तुलना में अल्जाइमर रोग से प्रभावित मस्तिष्क में बहुत कम कोशिकाएं होती हैं और जीवित कोशिकाओं के बीच बहुत कम मेल (bond) होता है।
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अल्जाइमर (Risk of Alzheimer) का खतरा किन कारणों से बढ़ जाता है ?
आयु: बढ़ती उम्र अल्जाइमर के लिए सबसे बड़ा कारण है। 65 वर्ष की अधिक आयु के लोगों में इसका जोखिम बहुत बढ़ जाता है।
पारिवारिक इतिहास और आनुवांशिकी: अगर परिवार में या किसी रिश्तेदार में अल्जाइमर है तो आप में इस बीमारी की संभावना देखी जा सकती है लेकिन, अधिकांश आनुवंशिक लक्षण काफी हद तक अस्पष्ट हैं।
डाउन सिंड्रोम: डाउन सिंड्रोम वाले कई लोगों में अल्जाइमर रोग देखा गया है। अल्जाइमर के लक्षण डाउन सिंड्रोम से पीड़ित लोगों में 10 से 20 साल पहले ही दिखाई देने लगते हैं।
सिर के पिछले भाग में चोट: जिन लोगों को सिर में गंभीर चोट लगी हो उन्हें अल्जाइमर रोग होने का अधिक खतरा होता है।
जीवनशैली और हृदय स्वास्थ्य: कुछ स्टडीज के अनुसार हृदय रोग के कुछ कारण और खराब जीवनशैली अल्जाइमर होने की संभावना बढ़ा सकते हैं। जैसे-
- व्यायाम की कमी
- मोटापा
- धूम्रपान
- उच्च रक्त चाप
- हाई ब्लड कोलेस्ट्रॉल
- टाइप-2 डायबिटीज
- फलों और सब्जियों की कमी वाला आहार
अल्जाइमर रोग का निदान कैसे किया जाता है?
इस बीमारी की पुष्टि के लिए कोई विशेष टेस्ट नहीं है इसलिए डॉक्टर ऐसी अन्य स्थितियों का परीक्षण करते हैं जिनसे अल्जाइमर रोग के समान लक्षणों का पता चल सके। यह परीक्षण हैं –
शारीरिक और न्यूरोलॉजिकल टेस्ट
आपका डॉक्टर एक शारीरिक परीक्षण करेगा और न्यूरोलॉजिकल टेस्ट करेगा जिसमें ये जांच शामिल हो सकती हैं-
- मांसपेशियों की ताकत और टोन
- कुर्सी से उठने और पूरे कमरे में चलने की क्षमता
- देखने और सुनने की क्षमता
- समन्वय
- संतुलन
- लैब परीक्षण
रक्त परीक्षण
ब्लड टेस्ट से डॉक्टर मेमोरी लॉस और भ्रम के अन्य संभावित कारणों जैसे कि थायरॉइड विकार या विटामिन की कमी के बारे में बता सकते हैं।
मानसिक स्थिति और न्यूरोसाइकोलॉजिकल परीक्षण
आपका डॉक्टर आपकी याददाश्त और अन्य मानसिक कौशल की जांच करने के लिए एक छोटा-सा मानसिक स्थिति परीक्षण कर सकता है। ये परीक्षण आपके डॉक्टर को यह जानने में मदद करेगा कि क्या आपके मस्तिष्क के सीखने, याद रखने, सोच या योजना बनाने में शामिल हिस्सों में समस्याएं हैं या नहीं।
ब्रेन इमेजिंग
मस्तिष्क की इमेजिंग से यह पता लगाने में आसानी होगी कि ऐसा तो नहीं ट्यूमर या स्ट्रोक के कारण अल्जाइमर जैसे लक्षण रोगी में दिख रहे हैं। यह रोग से जुड़े मस्तिष्क के परिवर्तनों को दिखाने में भी मदद कर सकता है। इसमें एमआरआई, सीटी स्कैन, पीईटी (positron emission tomography) शामिल हैं।
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अल्जाइमर ( Treatment of Alzheimer) रोग का इलाज कैसे किया जाता है?
वर्तमान में, अल्जाइमर रोग का कोई इलाज नहीं है लेकिन कुछ दवाएं लक्षणों में मदद कर सकती हैं।
कोलेलिनेस्टरेज इनहिबिटर- ये दवाएं एक न्यूरोट्रांसमीटर (एसिटिलकोलाइन) प्रदान करके सेल-टू-सेल कम्यूनिकेशन के स्तर को बढ़ाती हैं जो अल्जाइमर के कारण मस्तिष्क में कम हो जाती हैं। सुधार मामूली ही होता है। कोलेलिनेस्टरेज इनहिबिटर तंत्रिका-मनोविकार के लक्षणों में सुधार कर सकते हैं जैसे कि अवसाद। आमतौर पर निर्धारित कोलेलिनेस्टरेज इनहिबिटर में डेडेजिल (एरीसेप्ट), गैलेंटामाइन (रेजडाइन) और रिवास्टिग्माइन (एक्सेलॉन) शामिल हैं। इन दवाओं के मुख्य दुष्प्रभावों में दस्त, मतली, भूख न लगना और नींद न आना शामिल हैं। कार्डिएक कंडक्शन डिसऑर्डर वाले लोगों में गंभीर साइड इफेक्ट्स के रूप में हृदय गति का धीमा होना और हार्ट ब्लॉक शामिल हो सकते हैं।
मेमेंटाइन (नमेंडा)- यह दवा मध्यम से सीरियस अल्जाइमर रोग के लक्षणों की वृद्धि को धीमा करने के लिए उपयोगी है। इसका उपयोग कभी-कभी कोलेलिनेस्टरेज इनहिबिटर के साथ भी किया जाता है। साइड इफेक्ट्स में कब्ज, चक्कर आना और सिरदर्द शामिल है।
कभी-कभी अल्जाइमर (Alzheimer) रोग से जुड़े व्यवहार लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद करने के लिए एंटीडिप्रेसेंट जैसी अन्य दवाओं का उपयोग किया जाता है लेकिन, कुछ दवाओं का उपयोग बहुत सावधानी से किया जाना चाहिए। उदाहरण के लिए कुछ सामान्य नींद की दवाएं – जोलपिडेम (एंबियन), एस्जोपिकलोन (लुनस्टा) जो जोखिम को बढ़ा सकती हैं।
एंटी-डिप्रेसेंट दवाएं- क्लोनाजेपम (क्लोनोपिन) और लॉराजेपम (एटिवन) – भ्रम और चक्कर आने का खतरा बढ़ाती हैं। हमेशा कोई भी नई दवाई लेने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर परामर्श लें।
जीवनशैली में बदलाव और घरेलू उपचार (Lifestyle changes)
- घर में हमेशा चाबी, पर्स, मोबाइल फोन और अन्य कीमती सामान एक ही जगह पर रखें, ताकि वे गुम न हो।
- हर जगह मोबाइल फोन ले जाने की आदत विकसित करें ताकि आप खो जाने या भ्रमित होने की स्थिति में फोन कर सकें और लोग फोन के माध्यम से आपके स्थान को ट्रैक कर सकें।
- कोशिश करें कि सारे अपॉइंटमेंट्स एक ही दिन और एक ही समय पर हों।
- दैनिक कार्यक्रम को ट्रैक करने के लिए घर में एक कैलेंडर या व्हाइटबोर्ड का उपयोग करें और पूरी हो चुकी चीजों की जांच करने की आदत बनाएं ताकि आप सुनिश्चित कर सकें कि वे पूरी हो चुकी हैं।
- अतिरिक्त फर्नीचर और बेकार सामान को हटा दें।
- सीढ़ी पर और बाथरूम में मजबूत रेलिंग (handrails) लगवाएं।
- घर में शीशों की संख्या कम करें। अल्जाइमर (Alzheimer) से पीड़ित लोगों में चित्र को देखकर डरने की प्रवृत्ति होती है।
- घर के आसपास फोटोग्राफ और अन्य सहायक वस्तुएं रखें।
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व्यायाम
- नियमित व्यायाम करें। दैनिक सैर जैसी गतिविधि मूड को बेहतर बनाने, जोड़ों और मांसपेशियों के साथ हृदय के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में मदद कर सकती है।
- व्यायाम अच्छी नींद को बढ़ावा देता है और कब्ज को रोक सकता है। सुनिश्चित करें कि अल्जाइमर (Alzheimer) से पीड़ित व्यक्ति मेडिकल एलर्ट ब्रेसलेट पहनकर ही बाहर जाए (अगर वह अकेला जा रहा है)।
- अल्जाइमर से पीड़ित लोगों को चलने में परेशानी होती है इसलिए उनको कुर्सी पर ही अभ्यास करने के लिए प्रोत्साहित करें। टीवी या डीवीडी पर वयस्कों के लिए तैयार किए गए व्यायाम कार्यक्रमों को देख सकते हैं।
पोषण
अल्जाइमर (Alzheimer) वाले लोग भोजन करना भूल सकते हैं। खाना बनाने में रुचि खो सकते हैं या फिर एक स्वस्थ डायट का कॉम्बिनेशन करने में असमर्थ हो सकते हैं। वे पर्याप्त पानी पीना भूल सकते हैं, जिससे डिहाइड्रेशन और कब्ज हो सकता है। शामिल करें:
- उच्च कैलोरी, हेल्दी शेक और स्मूदीज लें। आप प्रोटीन पाउडर के साथ मिल्क शेक को मिला सकते हैं या अपने ब्लेंडर का उपयोग करके स्मूदीज में अपनी पसंदीदा सामग्री मिला सकते हैं।
- पानी, जूस और अन्य हेल्दी ड्रिंक लेना-सुनिश्चित करें। कैफीन वाले पेय पदार्थों से बचें, जो बेचैनी बढ़ा सकते हैं और नींद खराब कर सकते हैं।
दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अगर आपको अपनी समस्या को लेकर कोई सवाल है, तो कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श लेना ना भूलें।
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