बच्चों के लिए जूते खरीदते समय हमेशा ध्यान रखें कि बच्चों के जूते का मैटेरियल फ्लेक्सिबल और एंटी बैक्टिरियल होना चाहिए। साथ ही आप यह भी जान लें कि बच्चों के पैरों में पसीना बड़ों से ज्यादा आता है। ऐसे में उनके पैरों की हाइजीन का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। ज्यादा पसीना आने के कारण बच्चों के पैरों में बैक्टिरिया के पैदा होने और फंगस की दिक्कत होने की आशंका बढ़ जाती है, जिस कारण उनके पैरों से बदबू आने लगती है।
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कैसा होना चाहिए बच्चों के जूते (Shoes for Toddlers) का आउटर शेल
बच्चों के जूतों के लिए सबसे सही मैटेरियल प्राकृतिक ही होना चाहिए जैसे कि कैनवास और लेदर। दोनों ही मैटेरियल के जूतों के कारण बच्चों के पैरों में ज्यादा पसीना नहीं आता है और साथ ही एयर सर्कुलेशन भी बना रहता है। जिस कारण बच्चों के पैरों में बैक्टिरिया पनपने की आशंका भी कम होती है। इसके अलावा बच्चों के जूते खरीदते समय यह भी देखें कि उनका आउटर शेल इतना सख्त हो कि बच्चों को पैरों की सुरक्षा कर पाएं और उन्हें पहनकर बच्चे पूरा दिन खेल पाएं। वहीं प्लास्टिक और सिंथेटिक में ये सारी क्वालिटिज नहीं होती हैं। ऐसे में बच्चों के जूते खरीदते समय इन दोनों मैटेरियल्स को अवॉयड करना चाहिए।
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बच्चों के जूते खरीदते समय इनसॉल्स का ख्याल रहना भी है जरूरी
इनसॉल्स जूते के अंदर का हिस्सा होता है। जूते के सॉल का अंदरूनी हिस्से को इनसॉल्स कहा जाता है। ऐसे में बच्चों के जूते खरीदते समय भी इनका भी ख्याल रखना जरूरी हो जाता है। इनसॉल्स भी ऐसे होना चाहिए कि बच्चे के पैरों में ज्यादा पसीना न आए। वरना बच्चों के पैरों में बैक्टिरिया के पनपने का खतरा बना रहता है। साथ ही इस बात का भी ख्याल रखें कि बच्चे के जूतों के इनसॉल्स आरामदायक भी हों, जिससे काफी समय तक जूते पहनने के बाद भी बच्चों को इनसे परेशानी न हो।
बच्चों को उनके क्यूट, फैशनेबल और ट्रेंडी शूज पहनाने के शौकीन हर पेरेंट्स होते हैं, लेकिन शौक के साथ-साथ प्रॉडक्ट के डिटेल्स पर भी ध्यान जरूर दें। अगर जूते की क्वॉलिटी अच्छी नहीं होगी, तो बच्चे को स्किन से जुड़ी परेशानी हो सकती है या कोई और शारीरिक परेशानी शुरू हो सकती है।