ड्राई ड्राइविंग (Dry Drowning) का हिंदी में अर्थ अगर आप खोज रहेंगे, तो आप इसे सूखा डूबना समझ सकते हैं। हालांकि, फिर आप यह सोच सकते हैं कि भला सूखा डूबना क्या हो सकता है, या बिना पानी में डूबे कैसे डूबने से मौत हो सकती है? तो बता दें कि, आपका सोचना काफी हद तक सही हो सकता है। हालांकि, ड्राई ड्राइविंग (Dry Drowning) का यही मतलब होता है कि पानी से बाहर डूबकर मृत्यु होना।
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ड्राई ड्राइविंग (Dry Drowning) क्या है?
ड्राई ड्राइविंग की समस्या पानी में डूबने की स्थिति से ही जुड़ी हुई है। ड्राई ड्राइविंग की समस्या सबसे ज्यादा छोटे बच्चों में भी देखी जाती है। हालांकि, इसकी स्थिति में पानी मे डूबने के दौरान या पानी में रहते हुए बच्चे की मृत्यु नहीं होती है। बल्कि, पानी से सुरक्षित तरीके से बाहर आने के बाद कुछ घंटों के बाद बच्चे की मौत हो सकती है। जिसे ही ड्राई ड्राइविंग कहा जाता है।
ड्राई ड्राइविंग क्यों होती है? (Cause of Dry Drowning)
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार पानी में गिरने या असुरक्षित तरीके से पानी के अंदर जाने से बच्चे का नाक और मुंह से वायुमार्ग में पानी जा सकता है। जिससे सांस लेने में परेशानी की समस्या हो सकती है और फेफड़ों में पानी भर सकता है । ड्राई ड्राइविंग वयस्कों (Adult) और बड़े लोगों में बहुत कम होता है। लेकिन तैरते या नहाने समय छोटे बच्चों में यह मौत का कारण सबसे अधिक हो सकता है। हालांकि, हर बार इसकी स्थिति जानलेवा नहीं होती है। जरूरी लक्षणों की पहचान करके आप अपने बच्चे को ड्राई ड्राइविंग से बचा सकते हैं।
इसके अलावा, अगर कोई बच्चा गलती करे या किसी कारण से पानी में गिर जाता है, तो वह घबरा जाता है। जिसके कारण भी उसके सांस की नली में पानी भर सकता है। अधिकतर ऐसी स्थितियों में लोग बच्चे को पानी से बाहर निकाल कर बचा लेते हैं। उन्हें लगता भी है कि अब बच्चे की जान सुरक्षित है और उस समय बच्चा बिल्कुल सुरक्षित नजर भी आता है। लेकिन, नाक या मुंह के जरिए सांस की नली में गया हुआ पानी फेफड़ों में चला जाता है, जो धीरे-धीरे मांसपेशियों के कार्य को ब्लॉक कर देता है। डॉक्टर इस घटना को “पोस्ट-इमर्शन सिंड्रोम” (Post immersion syndrome) कहते हैं और यह बहुत ही दुर्लभ स्थिति होती है। इसके अलावा मेडिकली तौर पर अभी तक इसका कोई उचित उपचार भी नहीं है।
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ड्राई ड्राइविंग या पोस्ट-इमर्शन सिंड्रोम के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Dry Drowning)
पोस्ट-इमर्शन सिंड्रोम के निम्न लक्षण हो सकते हैं। हालांकि, ये सारे लक्षण तभी इससे संबंधित हो सकते हैं, अगर बच्चा किसी कारण से पानी में गिर गया हो या वो तैरने का अभ्यास करना हो। इसमें शामिल हो सकते हैंः
- बच्चे को खांसी आना
- बच्चे को सांस लेने में तकलीफ होना
- पानी से बाहर आते ही बच्चे का अचानक से बहुत ज्यादा थकान महसूस करना
- सीने में दर्द (Chest pain) होना
ड्राई ड्राइविंग वर्सेस सेकेंडरी ड्राइविंग (Dry Drowning Vs Secondary Drowning)
ड्राई ड्राइविंग (Dry Drowning) और सेकेंडरी ड्राइविंग (Secondary Drowning) दोनों के एक ही कारण होते हैं। दोनों की स्थिति भी दुर्लभ होती है। हालांकि, ड्राई ड्राइविंग से बच्चे के मौत का खतरा पानी से बाहर आने के लगभग आधे घंटे के अंदर हो सकता है, वहीं सेकेंडरी ड्राइविंग की स्थिति में इसका खतरा अगले 72 घंटों तक बना रह सकता है। सेकेंडरी वाले स्थिति में सांस नली से पानी फेफड़ो में इकट्ठा हो चुका होता है। जिसके कारण दम घुटने से मौत हो जाती है।
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ड्राई ड्राइविंग के उपचार क्या हैं? (Treatment for Dry Drowning)
अगर आपको अपने बच्चे या किसी अन्य छोटे बच्चे या व्यक्ति में ड्राई या सेकेंडरी ड्राइविंग के लक्षण दिखाई देते हैं, तो आपको तुरंत आपातकालीन चिकित्सा सहायता के लिए फोन करना चाहिए।
साथ ही, आपको निम्न बातों का भी ध्यान रखना चाहिएः
- जब तक आपको बच्चे को मेडिकल हेल्प (Medical help) नहीं मिलती तब तक बच्चे को शांत रखने की कोशिश करें। शांत रहने से उसके विंडपाइप की मांसपेशियों को आराम करने में मदद मिल सकती है।
- आपातकालीन चिकित्सा बच्चे की मौजूदा स्थिति को देखते हुए उपचार की प्रक्रिया शुरू कर सकती है। आमतौर पर ऐसी स्थिति में बच्चे को ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी हो जाती है, तो चिकित्सक बच्चे को ऑक्सीजन लेने में मदद कर सकते हैं।
- इसके बाद अगर बच्चे का स्वास्थ्य स्थिर हो जाता है, तो मेडिकल टीम बच्चे को अस्पताल लेकर जा सकती है। जहां डॉक्टर उसके स्वास्थ्य की जांच करेंगे और उसकी निगरानी करेंगे।
- इसके अलावा, ड्राई ड्राइविंग के कारण कई बच्चे में बैक्टीरियल निमोनिया (Bacterial Pneumonia) की भी समस्या हो सकती है। क्योंकि इसके कारण बच्चे के फेफड़े संक्रमित हो सकते है। इसके जांच करने के लिए विशेषज्ञ बच्चे के सीने का एक्स-रे करेंगे और फेफड़ों में जमा हुए पानी को बाहर निकालने के लिए आवश्यक उपचार की प्रक्रिया करेंगे।
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ड्राई या सेकेंडरी ड्राइविंग (Dry or Secondary Drowning) की स्थिति से शिशु को बचाने के लिए क्या करना चाहिए?
- ड्राई या सेकेंडरी ड्राइविंग की स्थिति बच्चे के साथ पानी से जुड़ी घटना होती है। जिससे बच्चे के सुरक्षित रखने के लिए जितना हो सके अपने बच्चे को पानी वाली जगहों से दूर रखना चाहिए।
- अगर आपका बच्चा दो साल का है या उससे छोटी उम्र का है, तो उसके लिए यह एक गंभीर समस्या हो सकती है। इसलिए बच्चे को हमेशा अपने आस-पास रखें। बच्चे को ऐसे स्थान में न जाने दें, जहां पर पानी का स्त्रोत हो।
- भले ही आपका बच्चा चार साल (4 Years of baby) का हो, लेकिन उसे कभी भी बाथटब में भी अकेला न छोड़ें।
- बच्चे के नहाने के स्थान पर साबुन या शैंपू जैसी चीजे उसके आस-पास न रखें जिससे बच्चे के फिसलने का जोखिम हो सकता है।
- अगर आप अपने नवजात शिशु (Newly born baby) को तैरना सिखाना चाहते हैं, तो हमेशा किसी एक्सपर्ट की देखरेख और उचित सेफ्टी सुविधाओं के तहत ही शिशु को तैरना (Swimming) सिखाएं। भले ही आप कितने अच्छे तैराक हो, लेकिन कभी भी अपने छोटे बच्चे को खुद से तैरना न सिखाएं।
- अगर बच्चे के साथ बोटिंग (Boating) कर रहे हैं, तो बोट पर मौजुद सभी यात्रियों के साथ बच्चे को भी लाइफजैकेट (Life jacket) पहनना चाहिए।
- अगर आपका बच्चा तैरना जानता है, तो उसे हमेशा किसी छोटे पूल में ही तैरने दें। अपने शिशु को किसी बिच या नदी में तैरने से रोकें।
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हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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