बच्चे को ऊपरी दूध देने से पहले अधिकतर मांओं के मन में यही सवाल होता है कि फॉर्मूला मिल्क बच्चे की सेहत के लिए सही है या नहीं। लेकिन, क्या आपने सोचा है कभी कि बच्चे को दिए जाने वाला फॉर्मूला मिल्क या गाय का दूध कितना पौष्टिक है? बच्चे के लिए मां का दूध और फॉर्मूला मिल्क दोनों ही पौष्टिक और सुरक्षित है। लेकिन, मां के दूध के साथ अन्य दूध की तुलना करना उचित नहीं है। वाराणसी स्ठित सृष्टि क्लीनिक के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. पी. के. अग्रवाल ने हैलो स्वास्थ्य को बताया कि बच्चे के लिए ब्रेस्ट मिल्क और फॉर्मूला मिल्क दोनों में से बेहतर क्या है? आइए जानते हैं कि डॉक्टर फॉर्मुला मिल्क और ब्रेस्ट मिल्क में से किसे ज्यादा बेहतर मानते हैं। आइए पहले जानते हैं कि ब्रेस्ट मिल्क फॉर्मूला मिल्क में अंतर क्या है।
ब्रेस्ट मिल्क (Breast Milk) क्या है?
इसमें कोई दो राय नहीं है कि मां का दूध बच्चे के लिए सबसे सुरक्षित है। मां जितना संतुलित आहार लेती हैं, उनके स्तनों में उतना ही ज्यादा दूध बनता है। ब्रेस्ट मिल्क में बच्चे के शरीर में प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करने की क्षमता होती है। जो कि दूसरे दूध में कभी नहीं मिल सकती है। मां जब बच्चे को स्तन से लगाती है तो ऑक्सीटोसिन हॉर्मोन के कारण स्तनों से दूध बाहर आता है, जिससे मां-बच्चे के बीच भावनात्मक जुड़ाव भी विकसित होता है।
फॉर्मूला मिल्क (Formula Milk) क्या है?
फॉर्मूला मिल्क (Formula Milk) एक कृत्रिम दूध का पाउडर होता है, जिसमें रासायनिक अवयव मिले होते हैं। आज कल ज्यादतर मां इसे अपने बच्चे को दे रही हैं। जबकि इसका इस्तेमाल कम से कम या न के बराबर करना चाहिए। फॉर्मूला मिल्क एक बच्चे के शरीर को सभी पोषक तत्व नहीं मिल सकते हैं, जोकि मां के दूध से मिलता है। ज्यादा जरूरत होने पर डॉक्टर की सलाह पर ही बच्चे को फॉर्मूला मिल्क देना चाहिए।
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ब्रेस्ट मिल्क बनाम फॉर्मूला मिल्क (Breast Milk vs Formula Milk)
यूं तो ब्रेस्ट मिल्क (Breast Milk) के साथ अन्य मिल्क की तुलना करना सही नहीं है। क्योंकि, ब्रेस्ट मिल्क खुद में परिपूर्ण है। लेकिन, जब एक मां अपने बच्चे को फॉर्मूला मिल्क देती है तो ऐसे में उसे पता होना चाहिए कि वह अपने बच्चे को कितना पोषण दे रही हैं। मां का दूध बच्चे के शरीर में इम्यून सिस्टम विकसित करने का काम करता है। मां का दूध पीने वाले बच्चे को अस्थमा, डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल, ल्यूकोमिया, लिम्फोमा आदि बीमारियों के होने के रिस्क को कम करता है। जबकि यह फॉर्मूला मिल्क नहीं कर पाता है।
मां-बच्चे के रिश्ते पर असर
जब मां अपने बच्चे को दूध पिलाती है तो उसके शरीर में लेटडाउन रिफ्लेक्स होता हैं। यह एक ऐसी प्रतिक्रिया है, जिसके कारण स्तनपान के दौरान ऑक्सीटोसिन हॉर्मोन स्रावित होता है। जिसे लव हॉर्मोन (Love Hormone) भी कहा जाता है। यह हॉर्मोन दूध बनने में मदद करता है। लेकिन, फॉर्मूला मिल्क देने से भावनात्मक जुड़ाव बच्चे के तरफ से नहीं बन पाता है।
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जानिए इसके पोषक तत्व कितने हैं
नीचे हम आपको ब्रेस्ट मिल्क के पोषक तत्वों के बारे में बता रहे हैं। अगर हम 100 मिलीलीटर दूध की तुलना करें तो ब्रेस्ट मिल्क में एनर्जी फॉर्मूला मिल्क की तुलना में ज्यादा मिलती है।
ब्रेस्ट मिल्क बनाम गाय का दूध, दोनों में से क्या है बेहतर (Breast Milk vs Cow Milk)
गाय का दूध मां के लिए सही है। लेकिन, बच्चे के लिए गाय के दूध से बेहतर फॉर्मूला मिल्क है। गाय के दूध से बच्चे के किडनी के विकास पर असर पड़ता है। इसलिए अगर मां का दूध पर्याप्त नहीं पड़ रहा है तो बच्चे को फॉर्मूला मिल्क दे सकते हैं, क्योंकि मां का दूध बच्चे के जरूरत के हिसाब से प्राकृतिक रूप से बना है। जबकि, फॉर्मूला मिल्क कृत्रिम रूप से बच्चे के लिए ब्रेस्ट मिल्क जैसा ही पौष्टिक बनाया गया है।
इन सभी आकड़ों से यह निष्कर्ष निकलता है कि मां का दूध (Breast Milk) शिशु के लिए सबसे फायदेमंद है। इसलिए सभी डॉक्टर डिलिवरी के तुरंत बाद शिशु को मां का दूध देने की सलाह देते हैं। जरूरत पड़ने पर मां छह मां तक के शिशु को बहुत ही कम मात्रा में फॉर्मूला मिल्क दे सकती है। फॉर्मूला मिल्क तब देना और भी जरूरी हो जाता है जब मां बच्चे को स्तनपान नहीं करा पाती है। बच्चा मां के स्तनों को सही से लैच नहीं कर पा रहा है या मां के निप्पल छोटे हैं या बच्चे की जीभ मुंह में नीचे से जुड़ी है, ऐसी परिस्थिति में फॉर्मूला मिल्क बच्चे को दिया जा सकता है।
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उम्मीद है आपको ब्रेस्ट मिल्क फॉर्मूला मिल्क से जुड़ी सभी जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। तो अगर आपको लगता है कि आपके बच्चे को फॉर्मुला मिल्क देने की जरूरत है, तो एक बार डॉक्टर की सलाह ले लें और उसकी उचित मात्रा के बारे में पता कर लें। लेकिन कोशिश करें कि बच्चे को शुरुआती छह महीने में केवल ब्रेस्टमिल्क ही दें। ब्रेस्टमिल्क में वो पोषण होते हैं, जो बच्चे को कहीं और से नहीं मिलते। यही कारण है कि बच्चे को छह महीने तक केवल मां का दूध ही पिलाया जाता है। इसके बाद बच्चे को फॉर्मुला मिल्क दिया जाता है।
आशा करत हैं आपको हमारा ब्रेस्ट मिल्क फॉर्मूला मिल्क पर ये आर्टिकल पसंद आया होगा। इस आर्टिकल में हमने आपको ब्रेस्ट मिल्क फॉर्मूला मिल्क के बीच के अंतर को बताने की कोशिश की है। इसी के साथ ही हमने इस आर्टिकल में ये भी बताया कि आखिर कब और क्यों बच्चे को फॉर्मुला मिल्क देना चाहिए। इसके अलावा, अगर आपके मन में ब्रेस्ट मिल्क फॉर्मूला मिल्क को लेकर आपके मन में कोई और अन्य सवाल है, तो हमसे हमारे फेसबुक पेज पर जरूर पूछें। हम आपके सभी सवालों के जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे। इसके अलावा, अगर आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया है, तो ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ शेयर करें, ताकि लोगों को इस बारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जानकारी मिल सके।
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