जिन बच्चों को खुद को व्यक्त करने में कठिनाई होती है, वे सामाजिक रूप से खुद को अलग-थलग महसूस कर सकते हैं। यह उनके लिए तनाव भरा हो सकता है। सबसे ज्यादा दिक्कत उन्हें स्कूल में आती हैं, जहां वो दूसरे बच्चे से झगड़ा होने पर अपनी बात नहीं बोल पाते हैं या दूसरे बच्चे की बात का जवाब नहीं दे पाते हैं, तो ऐसे में बच्चे के लिए स्थिति और भी गंभीर हो जाती है। डीईएलडी के शिकार वाले बच्चों के लिए काउंसलिंग जरूरी होती है। जब विकार को किसी अन्य स्थिति, जैसे सुनने की दुर्बलता, मस्तिष्क की चोट, या सीखने की अक्षमता के साथ नहीं जोड़ा जाता है।
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कौन सी गतिविधियां डेवलपमेंट एक्सप्रेसिव लैंग्वेज डिसऑर्डर बेहतर बनाने में मदद कर सकती हैं?
यदि बच्चे को डेवलपमेंट एक्सप्रेसिव लैंग्वेज डिसऑर्डर है, तो कुछ गतविधियों द्वारा बच्चे को बोलने में मदद मिल सकती है, इसे आप घर पर ही कर सकते हैं, जिनमें शामिल है:
- बच्चे को किताबों में चित्रों द्वारा समझाने की कोशिश करें कि किस चीज को क्या बोलते हैं और किन स्थितियों में इन शब्दों का प्रयोग करना चाहिए।
- बच्चों को पसंदीदा चीजें जानने की कोशिश करें ताकि बच्चे के अंदर जिज्ञासा हो अपनी पंसद की चीज के बारे में बताने की।
- उसके साथ ऐसे खेल खेलें, जो बच्चे को वास्तव में पसंद आए और पूरे खेल के दौरान नए शब्दों का उपयोग करें, ताकि बच्चा कुछ नया सिखे।
- बच्चों के साथ बुक्स रिडिंग करते सयम उस टॉपिक के बारे में भी बात करें।
- बच्चे के साथ मिलकर गाने गाएं।
- शब्दों के क्विज या पिक्चर क्विज खेलें।
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थेराप्यूटिक इंटरवेंशन (Therapeutic intervention)
- अपनी इच्छाओं और जरूरतों को व्यक्त करने के लिए बच्चे की क्षमता में सुधार करें।
- अपने विचारों को कैसे व्यक्त करना है, इसके लिए बच्चे की क्षमता में सुधार करें।
- कहानियों को बताने और घटनाओं को दूसरों से जोड़ने क्षमता बच्चे में विकसित करें।
- प्रश्नों के उचित उत्तर देने की बच्चे की क्षमता में सुधार करें।
- बच्चे की शब्दावली विकसित करें।
- खेल-खेल में बच्चे को शब्दावली सिखाएं।
- एक बच्चे में निराशा को कम करने में मदद करें जो अपने संदेश को समझ नहीं पा रहा है