परिचय
क्री दू शात सिंड्रोम (Cri du chat syndrome) क्या है?
क्री दू शात सिंड्रोम (Cri du chat syndrome) एक दुर्लभ आनुवंशिक विकार या जेनेटिक प्रॉब्लम है, जो आनुवंशिक उत्परिवर्तन के कारण बच्चों में होता है। इसे क्रोमोसोम 5पी डिलीशन सिंड्रोम (Chromosome 5p deletion syndrome) या 5पी- (5पी माइनस) सिंड्रोम या कैट क्राय सिंड्रोम (cat cry syndrome) के रूप में भी जाना जाता है। यह क्रोमोसोम 5 की छोटी भुजा (पी आर्म) पर आनुवंशिक सामग्री के डिलीशन के कारण होती है। इससे पीड़ित शिशु अक्सर ऊंची आवाज में रोते हैं, जो किसी बिल्ली की आवाज की तरह सुनाई देता है।
कितना सामान्य है क्री दू शात सिंड्रोम?
नवजात बच्चों में होने वाला यह एक दुर्लभ डिसऑर्डर है। हर 10,000 में से इसकी बीमारी सिर्फ एक बच्चे में ही पाई जाती है। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से पारमर्श करें।
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लक्षण
क्री दू शात सिंड्रोम के लक्षण क्या हैं?
आमतौर पर, इस आनुवंशिक विकार के लक्षण जन्म के तुरंत बाद या 2 साल की उम्र तक बच्चों में साफ तौर पर दिखाई देने लगते हैं। इस सिंड्रोम के सामान्य लक्षणों में शामिल हैंः
- बिल्ली की तरह रोना
- मानसिक मंदता
- विकास में देरी
- विशिष्ट चेहरे की विशेषताएं
- कमजोर मांसपेशी टोन (हाइपोटोनिया)
- बहुत तेज आवाज
- पीछे की ओर घूमे हुए कान
- गोल चेहरा
- उच्च तालु
- छोटी गर्दन
- छोटा कद
- छोटे हाथ
- सिकुड़ी हुई उंगलियां
इसके सभी लक्षण ऊपर नहीं बताएं गए हैं। अगर इससे जुड़े किसी भी संभावित लक्षणों के बारे में आपका कोई सवाल है, तो कृपया अपने डॉक्टर से बात करें।
मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
अगर ऊपर बताए गए किसी भी तरह के लक्षण बच्चे में दिखाई देते हैं या इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें। हर किसी का शरीर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रिया करता है।
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कारण
क्री दू शात सिंड्रोम के क्या कारण हैं?
नवजात बच्चों में इस सिंड्रोम को समझने से पहले आपको जेनेटिक डिसऑर्डर को समझना होगा। भ्रूण की प्रत्येक कोशिका 46 गुणसूत्रों से बनती है, जो 23 गुणसूत्र के दो अलग-अलग जोड़े होते हैं। एक भ्रूण को बनाने के लिए 23 गुणसूत्रीय दो कोशिकाएं एक साथ आकर मिलती हैं और 46 जोड़ी जायगोट बनता है। इसके बाद ही यह भ्रूण का रूप लेता है। कुछ मामलों में कोशिकाओं के विभाजन के दौरान गुणसूत्रों का एक अतिरिक्त जोड़ा दोनों गुणसूत्र के जोड़ो में से किसी एक में मिल जाता है। यहां गुणसूत्र के दो जोड़े होने के बजाय तीन जोड़े हो जाते हैं। इस प्रकार की अनियमितता के चलते बच्चे में सामान्य शारीरिक और जन्मजात बदलाव पैदा होते हैं। इसे ही जेनेटिक डिसऑर्डर कहा जाता है।
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गुणसूत्र 5 की छोटे (पी) आर्म के अंत के लापता होने के कारण क्री दू शात सिंड्रोम होता है। यह क्रोमोसोमल परिवर्तन 5पी- के रूप में जाना जाता है। डिलीशन का आकार प्रभावित व्यक्तियों के बीच भिन्न-भिन्न हो सकता है, लेकिन अध्ययनों से पता चलता है कि डिलीशन बड़ा होने से अधिक गंभीर मानसिक विकार हो सकता है।
नवजात बच्चों में यह सिंड्रोम अधिकांश तौर पर पारिवारिक विरासत में नहीं मिलता है। लगभग 10 फीसदी लोगों में सिर्फ एक ही व्यक्ति को यह अपने माता-पिता से विरासत में मिल सकता है। डिलीशन अक्सर प्रजनन कोशिकाओं (अंडे या शुक्राणु) के निर्माण के दौरान या प्रारंभिक भ्रूण के विकास के समय हो सकता है।
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जोखिम
कैसी स्थितियां क्री दू शात सिंड्रोम के जोखिम को बढ़ा सकती हैं?
कैसी स्थितियां क्री दू शात सिंड्रोम के जोखिम को बढ़ा सकती हैं, इसके बारे में उचित जानकारी अज्ञात हैं। कृपया अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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उपचार
यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
क्री दू शात सिंड्रोम का निदान कैसे किया जाता है?
क्री दू शात सिंड्रोम (Cri du chat syndrome) का डायग्नोज बर्थ के दौरान किया जाता है। हेल्थ केयर प्रोवाइडर क्लीनिकल लक्षणों के साथ ही बच्चे की कंडीशन की जांच करते हैं। जब न्यू बॉर्न बेबी कैट की तरह रोता है, तो इस बीमारी को डायग्नोज कर लिया जाता है। साथ ही क्रोमोसोम ऐनालिसिस के माध्यम से भी इस बात का पता चल जाता है। अगर एनालिसिस के दौरान क्रोमोसोम मिस होता है, तो इस अनुवांशिक विकार के बारे में जानकारी मिल जाती है। अगर इस तरह से भी बीमारी डायग्नोज नहीं होती है, तो FISH एनालिसिस के माध्यम से डिलीशन के बारे में पता किया जाता है। ऐसे आनुवंशिक परीक्षण से गुणसूत्र 5 की मिसिंग के बारे में जानकारी मिल जाती है। क्री दू शात सिंड्रोम का निदान करने के लिए, चिकित्सक फिजिकल टेस्ट करते हैं, इन टेस्ट से डॉक्टर निम्न स्थितियों का पता लगाते हैंः
- पाल्पेबल इंग्वाइनल हर्निया की उपस्थिति
- मांसपेशियों की टोन में कमी
- एपिकांथल सिलवटों (Epicanthal folds)
- कान के बाहरी हिस्से में घुमाव का कारण।
क्री दू शात सिंड्रोम का इलाज कैसे होता है?
फिलहाल, क्री दू शात सिंड्रोम के स्थायी इलाज के लिए कोई निश्चित उपचार नहीं है। हालांकि, कुछ उपचारों की मदद से इसके लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है। इससे पीड़ित बच्चे के माता-पिता को अपने गुणसूत्र में हुए परिवर्तनों का पता लगाने के लिए आनुवांशिक परामर्श और परीक्षण करानी चाहिए। इस सिंड्रोम के कारण सबसे ज्यादा बच्चे का मानसिक विकास प्रभावित होता है। ऐसे में इससे प्रभावित बच्चे को बिना देरी किए, संवाद करने के लिए मौखिक कौशल सिखाएं। वहीं, इसके कारण होने वाले शारीरिक अक्षमताएं इस सिंड्रोम की स्थिती की सीमा पर निर्भर कर सकती है। ऐसी स्थिती में व्यक्ति को स्वयं की देखभाल करनी चाहिए या अपने बच्चे की देखभाल करनी चाहिए।
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घरेलू उपाय
जीवनशैली में होने वाले बदलाव क्या हैं, जो मुझे क्री दू शात सिंड्रोम को रोकने में मदद कर सकते हैं?
जैसा की ऊपर बताया गया है कि इस सिंड्रोम के उपचार के लिए कोई निश्चित विधि नहीं हैं। ऐसे में अपने डॉक्टर द्वारा सुझाए गए घरेलू उपायों और उपचार की प्रक्रिया का पालन करें।
इस आर्टिकल में हमने आपको क्री दू शात सिंड्रोम से संबंधित जरूरी बातों को बताने की कोशिश की है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस बीमारी से जुड़े किसी अन्य सवाल का जवाब जानना है, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे। अपना ध्यान रखिए और स्वस्थ रहिए।
इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं। डॉक्टर से परामर्श के बाद ही ट्रीटमेंट के बारे में सोचना चाहिए। हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता। इस आर्टिकल में हमने आपको क्री दू शात सिंड्रोम (Cri du chat syndrome) के संबंध में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंग।
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