मानसिक रूप से अस्वस्थ इंसान के सोचने, भावनाओं को महसूस करने और व्यवहार करने का तरीका आम व्यक्ति से बिल्कुल अलग होता है। आमतौर पर ऐसा इंसान हर समय एक जैसा ही व्यवहार करता है। पर्सनालिटी डिसऑर्डर भी ऐसा ही एक मानसिक विकार है, जिसमें व्यक्ति के व्यवहार में बहुत ज्यादा बदलाव आ जाते हैं। इन बदलावों की वजह से रोगी की दिनचर्या बहुत बुरी तरह से प्रभावित होने लगती है। इस तरह के मानसिक विकारों की खास बात यह होती है कि खुद पीड़ित व्यक्ति को एहसास नहीं होता कि वह किसी मानसिक समस्या का शिकार हुआ है। पैरानोइड पर्सनालिटी डिसऑर्डर, एंटीसोशल पर्सनालिटी डिसऑर्डर, बॉर्डर पर्सनालिटी डिसऑर्डर, मल्टीपल पर्सनालिटी डिसऑर्डर, नार्सिसिस्टिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर कुछ मुख्य व्यक्तित्व विकार हैं।
व्यक्तित्व विकार के कारण क्या हैं?
व्यक्तित्व विकार की वजह आनुवांशिकता, वातावरण, पालन-पोषण के तरीके और सामाजिक परिवेश आदि हो सकते हैं।
जिन लोगों के करीबी रिश्तेदारों में व्यक्तित्व विकार की समस्या रही है, आगे आने वाली पीढ़ी में भी इस समस्या के होने की संभावना बढ़ जाती है।
जिनका अतीत दर्दनाक घटनाओं जैसे-बचपन में यौन उत्पीड़न, शारीरिक प्रताड़ना आदि से भरा हो, ऐसे लोगों में व्यक्तित्व विकार होने की संभावना होती है।
जिन लोगों में व्यक्तित्व विकार होता है, उनका भावनात्मक बर्ताव और लोगों से काफी अलग होता है। ऐसे में दिमागी संरचना या दिमागी रसायन में गड़बड़ी, व्यक्तित्व विकार का एक महत्वपूर्ण कारण माना जाता है। ऐसी स्थिति में दिमाग का वह हिस्सा जो भावनाओं व निर्णय लेने की क्षमताओं को नियंत्रित करता है वह शरीर के बाकी हिस्सों के साथ तालमेल नहीं कर पाता है यानि सूचनाएं आगे नहीं भेज पाता है।