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Vesicoureteral Reflux: वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स क्या है?

के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 22/06/2022

Vesicoureteral Reflux: वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स क्या है?

परिभाषा

वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स (Vesicoureteral Reflux) शिशुओं और बच्चों को होने वाली पेशाब से जुड़ी समस्या है जिसमें उनका मूत्र प्रवाह गलत दिशा में होने लगता है। आमतौर पर यूरिन किडनी से होता हुआ मूत्रवाहिनी के जरिए ब्लैडर (मूत्राशय) में पहुंचता है, लेकिन वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स में यूरीन ब्लैडर से वापस किडनी की तरफ जाने लगता है जिससे यूरिनरी ट्रैक्ट्र इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स के कारण, लक्षण और उपचाjरजानने के लिए पढ़ें यह आर्टिकल।

वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स क्या है? Vesicoureteral Reflux

पेशाब के रूप में हमारे शरीर का अपशिष्ट निकलता है, जो आमतौर पर एक ही रास्ते से होकर गुजरता है। किडनी से होता हुआ यह मूत्रवाहिनी और फिर ब्लैडर में एकत्र हो जाता है और जब आप यूरिन पास करते हैं तो अपशिष्ट शरीर से बाहर निकल जाता है, लेकिन कई बार मूत्र ब्लैडर से वापस किडनी की तरफ जाने लगता है और इसे ही वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स कहा जाता है। यह असामान्य क्रिया है और इससे कई तरह की स्वास्थ्य समस्या हो सकती हैं। वैसे तो वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स की समस्या नवजात और छोटे बच्चों को ज्यादा होती है, लेकिन यह बड़े बच्चों और व्यस्कों को भी हो सकती है। इसकी वजह से पीड़ित व्यक्ति में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। यदि समय रहते इसका उपचार न कराया जाए तो किडनी भी खराब हो सकती है। वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स की समस्या यदि गंभीर हो जाए तो किडनी को क्षतिग्रस्त होने से बचाने के लिए सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है।

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कारण

वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स किन कारणों से होता है? (Vesicoureteral Reflux Causes)

करीब 100 स्वस्थ बच्चों में से 10 को वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स की समस्या होती है। अधिकांश बच्चों में यह जन्म से ही किसी विकृति के कारण होता है। कुछ बच्चों में मूत्रवाहिनी और मूत्राशय (ब्लैडर) का अटैचमेंट सामान्य से छोटा होता है यानी इनको जोड़ने वाली वाल्व और फ्लैप इतनी छोटी होती है कि वह काम नहीं करती। कुछ मामलों में यह अनुवांशिक भी हो सकता है। साथ ही जिन लोगों को यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होता है उनमें भी वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स पाया गया है। ऐसा करीब 3 में से एक बच्चे में पाया गया है।

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लक्षण

वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स के लक्षण क्या हैं? (Vesicoureteral Reflux Symptoms)

वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स से पीड़ित कुछ बच्चों में कोई लक्षण नहीं दिखते हैं, लेकिन जब लक्षण दिखते हैं तो सबसे आम लक्षण है यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन जो बैक्टीरिया के कारण होता है। यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन में भी हमेशा लक्षण नहीं दिखते है, लेकिन जब लक्षण दिखते हैं तो उनमें शामिल हैः

  • पेशाब में खून याना या दुर्गंध आना
  • कम मात्रा में पेशाब
  • पेशाब करने की तीव्र इच्छा
  • पेशाब के दौरान जलन या दर्द होना
  • अचानक पेशाब आना या गीला होना
  • पेट में दर्द
  • बुखार

यदि आपके बच्चे में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के यह लक्षण दिखते हैं और बच्चे को 100.4 से 102 डिग्री तक बुखार आता है, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।

वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स के अन्य लक्षणों में शामिल हैः

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जोखिम

वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स का जोखिम क्या है? (Vesicoureteral Reflux Risk factors)

इन स्थितियों में वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स का खतरा बढ़ जाता हैः

ब्लैडर और बाउल डिसफंक्शन- जिन बच्चों को ब्लैडर और बाउल डिसफंक्शन की समस्या होती है वह अपने पेशाब और मल को रोक सकते हैं जिससे उन्हें बार-बार यरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होता है, जिससे वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स हो सकता है

लिंग- आमतौर पर लड़कियों को लड़कों की तुलना में वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स का खतरा अधिक हो ता है। हालांकि बर्थ डिफेक्ट की वजह से वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स की समस्या लड़कों में अधिक होती है।

उम्र- नवजात और 2 साल तक की उम्र के बच्चों में बड़े बच्चों की तुलना में वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स का रिस्क अधिक होता है।

पारिवारिक इतिहास- यदि वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स की समस्या परिवार में पहले भी किसो को रही है या बच्चे के माता-पिता इससे पीड़ित रहे हैं तो बच्चे में इसका खतरा बहुत अधिक होता है।

निदान

वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स का निदान कैसे किया जाता है? (Vesicoureteral Reflux diagnosis)

पेशाब की जांच से यह पता चल जाता है कि बच्चे को यरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन है या नहीं। वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स के निदान के लिए किए जाने वाले दूसरे टेस्ट में शामिल हैः

किडनी और ब्लैडर का अल्ट्रासाउंड- इस तकनीक में हाई फ्रिक्वेंसी वाली ध्वनी तरंगों से किडनी और ब्लैडर की इमेज उभारी जाती है। अल्ट्रासाउंड से किसी तरह की सरंचनात्मक असमान्यता का पता लगाया जाता है। बच्चे की किडनी में सूजन का पता भी इससे चलता है, जो वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स का प्रारंभिक संकेत है।

यूरिनरी ट्रैक्ट सिस्टम का स्पेशलाइज्ड एक्स-रे- ब्लैडर फुल होने और खाली होने के बाद दोनों स्थितियों में ब्लैडर का एक्स-रे निकालकर असमान्यताओं का पता लगाया जाता है। बच्चे को टेबल पर पीठ के बल लिटाकर एक लचीली ट्यूब को उसकी मूत्रवाहिनी से ब्लैडर में डाला जाता है।

न्यूक्लियर स्कैन- इस टेस्ट में ट्रेसर जिसे रेडियोआइसोटोप कहा जाता है, का इस्तेमाल होता है। स्कैनर ट्रेसर का पता लगाकर बताता है कि यूरिनरी ट्रैक्ट सही तरीके से काम कर रहा है या नहीं।

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उपचार

वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स का उपचार कैसे किया जाता है? (Vesicoureteral Reflux treatment)

वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स के निदान के बाद डॉक्टर आपको नंबर स्कोर देता है जो 1 से 3 और 1 से 5 तक होता है। ये नंबर जितना अधिक होता है वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स उतना ही गंभीर होता है। वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स का उपचार इन नंबरों और बच्चे के संपूर्ण स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। यदि नंबर स्कोर कम है तो इसका मतलब है कि बिना उपचार के ही वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स कुछ दिनों में ठीक हो जाएगा। इसलिए वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स मामलों में डॉक्टर इंतजार करके केस की निगरानी करते हैं।

उपचार के तरीकों में शामिल हैः

डिफ्लक्स- जेल की तरह दिखने वाला यह लिक्विड ब्लैडर में इंजेक्ट किया जाता है, जहां मूत्रवाहिनी का मार्ग खुलता है। इंजेक्शन के एक उभार बनता है जिसकी वजह से मूत्र वापस किडनी तक नहीं जा पाती।

एंटीबायोटिक- इसका इस्तेमाल यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन को ठीक करने के साथ ही किडनी तक इंफेक्शन को फैलने से रोकने के लिए भी किया जाता है।

सर्जरी- वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स के गंभीर मामलों और किडनी के क्षतिग्रस्त होने पर ही सर्जरी की जाती है। सर्जरी की मदद से मूत्रवाहिनी और ब्लैडर के बीच मौजूद वाल्व को रिपेयर किया जाता है।

घर पर रखें इन बातों का ध्यान

यदि आपके बच्चे को वेसिकोरेट्रल रिफ्लक्स की समस्या है तो बच्चे को नियमित रूप से बाथरूम जाने की आदत डालें। इसके अलावा इन बातों का ध्यान रखें-

  • इस बात का ध्यान रखें कि बच्चा डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब्ड एंटीबायोटिक समय पर ले।
  • बच्चे को ज्यादा पानी पिलाएं, क्योंकि इससे यरिनरी ट्रैक्ट से बैक्टीरिया बाहर निकल जाते हैं। ज्यादा जूस या सॉफ्ट ड्रिंक न दें, क्योंकि इससे ब्लैडर में परेशानी हो सकती है।
  • पेट दर्द होने पर बच्चे के पेट पर कंबल या गर्म टॉवेल रखें।

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डिस्क्लेमर

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