जब से देश में कोरोना वायरस संक्रमण फैला है, तब से लोग इंफेक्शन या संक्रमण को लेकर सतर्क हो गए हैं। वायरस तेजी से शरीर में आक्रमण करता है और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर शरीर को बीमार करने का काम करता है। जन्म के बाद से ही बच्चों को जरूरी वैक्सीनि दिए जाते हैं, जो उन्हें संक्रामक बीमारियों से बचाने का काम करते हैं। इंफ्लूएंजा वैक्सीन (Influenza vaccine) भी जरूरी वैक्सीन मानी जाती है, जो बच्चों को फ्लू के संक्रमण से बचाने का काम करती है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको इंफ्लूएंजा वैक्सीन (Influenza vaccine) के बारे में जानकारी देंगे और साथ ही वैक्सीन संबंधी सावधानियों के बारे में भी बताएंगे। जानिए क्या होती है इंफ्लूएंजा वैक्सीन (Influenza vaccine)।
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इंफ्लूएंजा वैक्सीन (Influenza vaccine) की क्यों पड़ती है जरूरत?
फ्लू फैलने का सबसे ज्यादा खतरा अक्टूबर महीने से लेकर मई के महीने तक रहता है। अगर इन महीनों की शुरुआत में ही बच्चे को फ्लू वैक्सीन लगवा लिया जाए, तो बच्चा फ्लू के संक्रमण से बच सकता है। इंफ्लूएंजा वैक्सीन (Influenza vaccine) के बाद शरीर एंटीबॉडी बना लेता है जोकि फ्लू से शरीर को बचाने का काम करता है। अगर बच्चा फ्लू के संपर्क में आ भी जाता है, तो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता शरीर को बीमार नहीं पड़ने नहीं देती है। जो लोग इस सीजन में ट्रैवल करते हैं, उनके लिए भी वैक्सीन बहुत जरूरी होती है। बच्चों को फ्लू वैक्सीन कब लगानी चाहिए, आपको इस बारे में डॉक्टर से जरूर जानकारी लेनी चाहिए।
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किन लोगों को जरूरत होती है इंफ्लूएंजा वैक्सीन (Influenza vaccine) की?
फ्लू वैक्सीन की जरूरत बच्चों से लेकर बड़ों तक को होती है। फ्लू की समस्या किसी को भी हो सकती है, ऐसे में फ्लू सीजन के आने से पहले अगर व्यक्ति या बच्चे इंफ्लूएंजा वैक्सीन (Influenza vaccine) लगवा लें, तो इस इंफेक्शन से बचा जा सकता है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल और प्रिवेंशन (Centers for Disease Control and Prevention) है यानी कि CDC रिकमेंड करता है कि प्रत्येक 6 महीने के बच्चे से लगाकर अधिक उम्र तक के लोगों के लिए इंफ्लूएंजा वैक्सीन (Influenza vaccine) जरूरी होती है। इंफ्लूएंजा वैक्सीन (Influenza vaccine) उन लोगों के लिए भी जरूरी होता है, जो किसी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना कर रहे हो। ऐसा करने से फ्लू से होने वाले खतरे को कम किया जा सकता है।
- 6 महीने से 4 साल तक के सभी बच्चे
- 65 वर्ष और उससे अधिक उम्र का कोई भी
- वो सभी महिलाएं जो प्रेग्नेंट हैं, प्रेग्नेंट होने की कोशिश कर रही हैं या हाल ही में जन्म दिया है या फिर फ्लू के मौसम में ब्रेस्टफीडिंग करा रही हैं, उन्हें इंफ्लूएंजा वैक्सीन (Influenza vaccine) जरूर लेना चाहिए।
- एचआईवी संक्रमण के कारण इम्यूनिटी बहुत कमजोर हो जाती है। इस समस्या से बचने के लिए समय पर फ्लू वैक्सिनेशन बहुत जरूरी हो जाता है।
- अस्थमा (Asthma) या मधुमेह की समस्या से पीड़ित व्यक्ति भी ये वैक्सीन ले सकते हैं।
- जो लोग लंबे समय से देखभाल आदि के लिए नर्सिंग होम में रह रहे हैं, उनके लिए भी इंफ्लूएंजा वैक्सीन (Influenza vaccine)जरूरी होती है।
- हाय रिस्क ग्रुप में किसी की देखभाल करने वाले या घर के सदस्य को भी इंफ्लूएंजा वैक्सीन (Influenza vaccine) जरूर लेनी चाहिए।
6 महीने से कम उम्र के बच्चों को वैक्सीन की जरूरत नहीं होती है। अगर बच्चे घर के अंदर रह रहे हैं और बाहर उनका आना जाना नहीं है, तो बच्चे काफी हद तक फ्लू से बचे रहते हैं। बेहतर होगा कि आप 6 माह से कम उम्र के बच्चों को फ्लू के खतरे से सुरक्षित रखें। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।
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कैसे दी जाती है इंफ्लूएंजा वैक्सीन (Influenza vaccine)
- नौ साल से कम उम्र के बच्चों को फ्लू के टीके की दो डोज दी जाती है। कम से कम 1 महीने का अंतर में दोनों ली जा सकती है।
- 9 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को फ्लू के टीके की कम से कम दो खुराकें लग जानी चाहिए। अगर ऐसा नहीं हो पाया है और बच्चा 9 वर्ष से अधिक का हो गया है, तो डॉक्टर से जानकारी लें।
- नौ वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को टीके की केवल एक खुराक की आवश्यकता होती है। डॉक्टर से जानकारी लें कि बच्चे को टीका कब लगवाएं।
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अगर आपके मन में सवाल हो कि इंफ्लूएंजा वैक्सीन (Influenza vaccine) कितने प्रकार की होती हैं, तो हम आपको बता दें कि फ्लू वैक्सीन दो प्रकार की होती हैं, जो कम से कम चार प्रकार के इनफ्लुएंजा वायरस से सुरक्षा प्रदान करती हैं। इंफ्लूएंजा वैक्सीन (Influenza vaccine) को सुई के माध्यम से इंजेक्ट किया जाता है। साथ ही इसे नाक के स्प्रे के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। पहले नाक के स्प्रे का इस्तेमाल नहीं किया जाता था क्योंकि ये पर्याप्त रूप से काम नहीं करता था। 2 से 49 वर्ष की आयु के लोगों को नाक से स्प्रे के माध्यम से वैक्सीन दिया जाता है। जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर होती है, उनको भी नाक से स्प्रे के माध्यम से वैक्सीन दिया जाता है। वहीं गर्भवती महिलाओं को नोज स्प्रे की सलाह नहीं दी जाती है। आपको इस बारे में डॉक्टर से अधिक जानकारी लेनी चाहिए।
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इंफ्लूएंजा वैक्सीन (Influenza vaccine) से क्या हो सकते हैं दुष्प्रभाव?
इंफ्लूएंजा वैक्सीन (Influenza vaccine) लेने के बाद आमतौर पर गंभीर दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिलते हैं। इंजेक्शन लगने के बाद उस स्थान पर लालिमा आ सकती है और साथ ही सूजन की समस्या भी हो सकती है। कुछ लोगों को हल्का फीवर भी आ सकता है। अगर आपके बच्चे को वैक्सीन लगवाने के बाद सिरदर्द, वॉमिटिंग आदि की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो आपको डॉक्टर को जानकारी जरूर देनी चाहिए।
इन स्थितियों में नहीं दी जाती है वैक्सीन!
इंफ्लूएंजा वैक्सीन (Influenza vaccine) लगवाने से पहले आपको डॉक्टर को कुछ बातों के बारे में जानकारी जरूर दे देनी चाहिए। अगर बच्चे को पहले से एलर्जी की समस्या हो चुकी है, तो डॉक्टर को जरूर बताएं। ऐसी स्थिति में डॉक्टर वैक्सीन नहीं देते हैं। वहीं गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (Guillain-Barre syndrome) के कारण भी वैक्सीन नहीं दी जाती है। अगर बच्चे को पहले से ही कोई गंभीर रोग हो, तो भी डॉक्टर को जरूर बताएं।
इस आर्टिकल में हमने आपको इंफ्लूएंजा वैक्सीन (Influenza vaccine) के बारे में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।
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