इसे आमतौर पर 6, 10, और 14 हफ़्तों में तीन डोज दी जाती है। इसके बाद बच्ची के दूसरे साल में इसकी बूस्टर डोज दी जाती है। अगर बच्चे को इसकी सभी खुराकें नहीं मिलती हैं, तो वो इस वायरस से पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हो पाता है। इसलिए, बच्चे को यह सभी खुराकें देने जरुरी हैं। हेक्साकसिम वैक्सीन साइड इफेक्ट्स (Hexaxim vaccine side effects) आमतौर पर गंभीर नहीं होते हैं। लेकिन, इनके बारे में जानकारी होना जरूरी है। लेकिन पहले जान लेते हैं इसके फायदों के बारे में।
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हेक्साकसिम वैक्सीन के फायदे क्या हैं? (Benefits of Hexaxim vaccine)
हेक्साकसिम वैक्सीन (Hexaxim vaccine) सात वैक्सीन का कॉम्बिनेशन है। यह वैक्सीन एक माइल्ड इंफेक्शन की शुरुआत करके इम्युनिटी को डेवेलप करने में मदद करती है। इस प्रकार का संक्रमण बीमारी का कारण नहीं बनता है। लेकिन, भविष्य में होने वाले किसी भी संक्रमण से बचाने के लिए एंटीबॉडी (प्रोटीन) का उत्पादन करने के लिए शरीर की इम्यून सिस्टम (Immune System) को स्टिमुलेट करता है। हेक्साकसिम वैक्सीन साइड इफेक्ट्स (Hexaxim vaccine side effects) से पहले यह जान लें कि यह किस तरह से बच्चे के लिए लाभदायक हो सकती है। जानिए, क्या हैं इस वैक्सीन के फायदे?
डिप्थीरिया (Diphtheria)
डिप्थीरिया (Diphtheria) एक बैक्टीरियल इंफेक्शन (Bacterial Infection) है, जिसके कारण गले में दर्द और सूजन हो सकती है। इससे सांस लेने में भी समस्या होती है। यही नहीं, यह रोग हार्ट, किडनी और नर्वज को भी डैमेज कर सकता है। इस समस्या से बचने के लिए डॉक्टर इस वैक्सीन की सलाह दे सकते हैं। लेकिन, इस वैक्सीन को लेने से पहले इसके बारे में पूरी जानकारी ले लें।