backup og meta

Jenvac vaccine: जेपनीज इंसेफेलाइटिस से बचाने का काम करती है ये वैक्सीन!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 13/12/2021

    Jenvac vaccine: जेपनीज इंसेफेलाइटिस से बचाने का काम करती है ये वैक्सीन!

    जेनवैक वैक्सीन के बारे में जानकारी होना जरूरी है।जैसा कि हम सभी को पता है कि टीकाकरण हमें संक्रामक रोगों से बचाने का काम करता है। टीकाकरण के बाद शरीर बीमारी से लड़ने के लिए तैयार हो जाता है। वैक्सीनेशन के बाद हमारी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है और उस बीमारी से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार भी हो जाती है। जैसे ही संक्रमण या इंफेक्शन शरीर में फैलता है, इम्यून सिस्टम उस बीमारी से बचाने का काम करता है। हम सभी को पता है कि मच्छरों के काटने से कई जानलेवा बीमारियां हो जाती हैं। इसमें से एक बीमारी है जेपनीज इंसेफेलाइटिस (Japanese Encephalitis)। ये बीमारी मच्छरों के काटने से होती है।

    इस वायरल संक्रमण से बचने के लिए बच्चों का टीकाकरण बहुत जरूरी होता है। आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से जेपनीज इंसेफेलाइटिस (Japanese Encephalitis) से बचाव के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले टीके जेनवैक वैक्सीन (Jenvac vaccine) के बारे में जानकारी देंगे। हम आर्टिकल में आपको जेनवैक वैक्सीन के इस्तेमाल, उसकी डोज और साथ ही रखी जाने वाली सावधानियों के बारे में भी बताएंगे। आइए पहले जानते हैं कि आखिर क्या है जेपनीज इंसेफेलाइटिस की बीमारी।

    और पढ़ें: Poliovac vaccine: पोलियोवैक वैक्सीन किस बीमारी से दिलाती है सुरक्षा?

    जेपनीज इंसेफेलाइटिस (Japanese Encephalitis) क्या है?

    जेपनीज इंसेफेलाइटिस (Japanese Encephalitis) वायरल संक्रमण मच्छरों के काटने से फैलता है। यह मच्छर दिन में या फिर रात में काट सकता है। इस वायरस से बचने के लिए मच्छरों से सुरक्षा बहुत जरूरी है। मच्छरों से बचने के लिए मॉस्किटो रिपिलेंट का इस्तेमाल बहुत जरूरी है। आपको घर से बाहर निकलते समय फुल कपड़े पहनने चाहिए। अपने तन को पूरी तरह से कपड़ों से ढकना चाहिए। मच्छरों से फैलने वाला ये वायरस सूअरों में भी पाया जाता है लेकिन ये इंसानों में मच्छरों के काटने से ही फैलता है। मच्छर जिस भी जानवर को काट ले, तो ये वायरस आसानी से उसमें पहुंच जाता है। जिन देशों में ये वायरस पाया जाता है, वहां के लोगों के लिए जेपनीज इंसेफेलाइटिस वैक्सीन लेना बहुत जरूरी हो जाता है। जेपनीज इंसेफेलाइटिस वैक्सीन (Japanese Encephalitis vaccine) के साथ ही कुछ बातों का ध्यान रख इस वायरल बीमारी से बचा जा सकता है।

    जेनवैक वैक्सीन (Jenvac vaccine) क्या है?

    जेपनीज इंसेफेलाइटिस (Japanese Encephalitis) एशियन कंट्रीज में फैलने वाला कॉमन वायरस है। इस वायरस के कारण करीब 68,000 लोगों को हर साल बीमार होना पड़ता है। इस बीमारी के कारण हल्के से गंभीर लक्षण भी दिख सकते हैं। जेपनीज इंसेफेलाइटिस (Japanese Encephalitis) के कारण हल्का बुखार (Mild fever), सिर दर्द, गर्दन में अकड़न आदि लक्षण देखने को मिलते हैं। जेपनीज इंसेफेलाइटिस (Japanese Encephalitis) वायरल इंफेक्शन के कारण बुखार से लेकर लकवे (Paralysis) तक की समस्या का सामना भी करना पड़ सकता है। अधिक गंभीर लक्षणों से जूझ रहे करीब 30 प्रतिशत लोगों की मौत हो जाती है।

    और पढ़ें: Tresivac vaccine: ट्रेसिवैक वैक्सीन किन बीमारियों से करती है सुरक्षा!

    जेनवैक वैक्सीन की डोज (Jenvac vaccine dose)

    प्राइमरी वैक्सीन में 0.5 mL डोज दिया जाता है। अगर एक वर्ष पहले ही टीका लिया गया है, तो बूस्टर डोज दी जा सकती है। लोगों को ऐसी सलाह दी जाती है कि जिन्होंने पहले जेनवैक वैक्सीन (Jenvac vaccine) की डोज ली है, वो जेनवैक का ही बूस्टर डोज लें। जेनवैक वैक्सीन (Jenvac vaccine) क्वालिफाइड हेल्थकेयर प्रोफेशनल के द्वारा दी जाती है। इस वैक्सीन की प्राइमरी डोज एक से तीन साल तक के बच्चों को दी जाती है। वहीं एडल्ट्स को ये वैक्सीन 49 साल की उम्र तक दी जा सकती है। दो माह से कम के बच्चे को जेपनीज इंसेफेलाइटिस वैक्सीन (Japanese Encephalitis vaccine) नहीं देनी चाहिए। जो लोग जेपनीज इंसेफेलाइटिस (Japanese Encephalitis) के संक्रमण से प्रभावित स्थान पर ट्रेवल करने वाले होते हैं, उन्हें भी जेनवैक वैक्सीन (Jenvac vaccine) लेने की सलाह दी जाती है। जेनवैक वैक्सीन की डोज (Jenvac vaccine) के संबंध में अगर अधिक जानकारी चाहिए, तो डॉक्टर से जानकारी जरूर प्राप्त करें।

    वैक्सीन का ओवरडोज होने पर क्या होता है?

    जेनवैक वैक्सीन (Jenvac vaccine) की एक डोज लेने की सलाह दी जाती है। अगर किसी कारणवश वैक्सीन का ओवरडोज हो जाए, तो इससे क्या प्रभाव पड़ता है, इस बारे में अभी जानकारी उपलब्ध नहीं है।

    और पढ़ें: Rotasiil vaccine: रोटासिल वैक्सीन को लेने से किस बीमारी से मिलती है सुरक्षा?

    जेनवैक वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स (Jenvac vaccine side effects)

    जेनवैक वैक्सीन (Jenvac vaccine) लेने के बाद दुष्प्रभाव दिखाई पड़ सकते हैं। फीवर आना, सिर दर्द होना, बॉडी में दर्द होना, जिस स्थान पर इंजेक्शन लगाया गया है, उसी स्थान पर लालिमा सूजन आदि समस्याओं का सामना करना पड़ सकता हैं। कुछ लोगों को वॉमिटिंग (Vomiting), मतली, डायरिया (Diarrhea), कोल्ड (Cold) आदि का सामना भी करना पड़ सकता है लेकिन ये अनकॉमन साइड इफेक्ट्स हैं। ये सभी साइड इफेक्ट्स वैक्सिनेशन के 48 घंटे के भीतर दिखने लगते हैं। अगर उपाय न भी किया जाए, तो यह प्रभाव 2 दिनों में खत्म हो जाते हैं। अगर आपको किसी प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो आप डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं और दवा भी ले सकते हैं। आप चाहे तो जेनवैक वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स (Jenvac vaccine side effects) के बारे में डॉक्टर से अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

    प्रेग्नेंसी या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान क्या ले सकते हैं ये वैक्सीन?

    प्रेग्नेंसी या फिर ब्रेस्टफीडिंग के दौरान इस वैक्सीन को लेना चाहिए या फिर नहीं, इस बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं है। अगर आप प्रेग्नेंट है या फिर बच्चे को दूध पिला रही हैं, तो इस वैक्सीन को लेने से पहले इस बारे में डॉक्टर से जानकारी जरूर लें।

    और पढ़ें: Rotasure vaccine: रोटेस्योर वैक्सीन किस बीमारी से बचाने में करती है मदद!

    जेनवैक वैक्सीन (Jenvac vaccine) लेने से पहले ध्यान रखें इन बातों का!

    • जेनवैक वैक्सीन (Jenvac vaccine) लेने के कुछ समय बाद तक आपको आराम करना चाहिए और कोई भी मेहनत वाला काम नहीं करना चाहिए।
    • अगर आपको या बच्चे को किसी चीज से एलर्जी की समस्या है, तो इस बारे में डॉक्टर को जरूर बताएं।
    • अगर आपको पहले जेपनीज इंसेफेलाइटिस (Japanese Encephalitis) संक्रमण हो चुका है, तो डॉक्टर को जानकारी दें और साथ ही ये भी बताएं कि क्या आप पहले कोई वैक्सीन ले चुके हैं।
    • किडनी डिजीज (Kidney disease) या फिर लिवर डिजीज (Liver disease) वाले लोगों के लिए जेनवैक वैक्सीन (Jenvac vaccine) सुरक्षित मानी जाती है। अगर आपको पहले से कोई बीमारी हो, तो डॉक्टर को जानकारी जरूर दें।
    • जेनवैक वैक्सीन जेपनीज इंसेफेलाइटिस की बीमारी होने पर नहीं दी जाती है, इसलिए बच्चों को ये वैक्सीन जरूर लगवाएं, ताकि बच्चे को भविष्य में इस संक्रमण से बचाया जा सके।
    • जेपनीज इंसेफेलाइटिस मच्छरों को काटने से होने वाला वायरल इंफेक्शन है। आपको मच्छरों से बचना चाहिए और शाम के समय हल्के रंग के कपड़े पहन कर घर से बाहर निकलना चाहिए।

    और पढ़ें: Shanchol vaccine: हैजा जैसी बीमारी से छुटकारा दिलाती है शंकोल वैक्सीन!

    कुछ बातों का ध्यान रख आप जेपनीज इंसेफेलाइटिस जैसी गंभीर बीमारी से बच सकते हैं। जेनवैक वैक्सीन (Jenvac vaccine) की कीमत 507 रु है। आपको डॉक्टर से इस वैक्सीन के दाम के बारे में जानकारी लेनी चाहिए। अगर आपको डॉक्टर अन्य ब्रांड की वैक्सीन लेने की सलाह देते हैं, तो आप डॉक्टर की सलाह जरूर मानें। यहां हमने आपको केवल जेनवैक वैक्सीन (Jenvac vaccine) के बारे में जानकारी दी है। आपको इसके बारे में डॉक्टर से अधिक जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।

    इस आर्टिकल में हमने आपको जेनवैक वैक्सीन (Jenvac vaccine) के बारे में  बारे में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

    डॉ. हेमाक्षी जत्तानी

    डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


    Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 13/12/2021

    advertisement iconadvertisement

    Was this article helpful?

    advertisement iconadvertisement
    advertisement iconadvertisement