अगर आपके मन में सवाल हो कि इंफ्लूएंजा वैक्सीन (Influenza vaccine) कितने प्रकार की होती हैं, तो हम आपको बता दें कि फ्लू वैक्सीन दो प्रकार की होती हैं, जो कम से कम चार प्रकार के इनफ्लुएंजा वायरस से सुरक्षा प्रदान करती हैं। इंफ्लूएंजा वैक्सीन (Influenza vaccine) को सुई के माध्यम से इंजेक्ट किया जाता है। साथ ही इसे नाक के स्प्रे के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। पहले नाक के स्प्रे का इस्तेमाल नहीं किया जाता था क्योंकि ये पर्याप्त रूप से काम नहीं करता था। 2 से 49 वर्ष की आयु के लोगों को नाक से स्प्रे के माध्यम से वैक्सीन दिया जाता है। जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर होती है, उनको भी नाक से स्प्रे के माध्यम से वैक्सीन दिया जाता है। वहीं गर्भवती महिलाओं को नोज स्प्रे की सलाह नहीं दी जाती है। आपको इस बारे में डॉक्टर से अधिक जानकारी लेनी चाहिए।
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इंफ्लूएंजा वैक्सीन (Influenza vaccine) से क्या हो सकते हैं दुष्प्रभाव?
इंफ्लूएंजा वैक्सीन (Influenza vaccine) लेने के बाद आमतौर पर गंभीर दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिलते हैं। इंजेक्शन लगने के बाद उस स्थान पर लालिमा आ सकती है और साथ ही सूजन की समस्या भी हो सकती है। कुछ लोगों को हल्का फीवर भी आ सकता है। अगर आपके बच्चे को वैक्सीन लगवाने के बाद सिरदर्द, वॉमिटिंग आदि की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो आपको डॉक्टर को जानकारी जरूर देनी चाहिए।
इन स्थितियों में नहीं दी जाती है वैक्सीन!
इंफ्लूएंजा वैक्सीन (Influenza vaccine) लगवाने से पहले आपको डॉक्टर को कुछ बातों के बारे में जानकारी जरूर दे देनी चाहिए। अगर बच्चे को पहले से एलर्जी की समस्या हो चुकी है, तो डॉक्टर को जरूर बताएं। ऐसी स्थिति में डॉक्टर वैक्सीन नहीं देते हैं। वहीं गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (Guillain-Barre syndrome) के कारण भी वैक्सीन नहीं दी जाती है। अगर बच्चे को पहले से ही कोई गंभीर रोग हो, तो भी डॉक्टर को जरूर बताएं।
इस आर्टिकल में हमने आपको इंफ्लूएंजा वैक्सीन (Influenza vaccine) के बारे में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।