आए दिन हमें अखबारों और न्यूज चैनल में बाल यौन शोषण (Child Abuse) से जुड़ी खबरें पढ़ने और देखने को मिलती रहती हैं। यू तो हम सभी इस समस्या को अजनबी मानते हैं पर यह कितनी बड़ी समस्या है इसका अंदाजा आप मात्र इस आंकड़े से लगा सकते हैं, कि हर चार में से एक लड़की और हर छह में से एक लड़का बचपन में इस अपराध का शिकार होता है। यह समस्या इसलिए और भी चिंतनीय है क्योंकि बच्चों का फायदा उठाने वाला व्यक्ति कोई बाहरी नहीं बल्कि अक्सर कोई परिचित ही होता है। परिचित होने की वजह से वो बच्चों को आसानी से गुमराह करते है। बच्चों की उम्र और समझ इतनी कम होती है कि कई बार उन्हें ये समझ ही नहीं आता कि उनके साथ कुछ गलत हो रहा है। इसलिए जरूरी है कि बच्चों को बचपन से ही गुड टच (good touch) और बैड टच (bad touch) के बारे में समझाना शुरू कर दिया जाए। ताकि वे इसको खुद भी समझ सके और जरूरत पड़ने पर अपने पैरेंट्स को भी इस बारे में अवगत करा सकें। इस लेख में कुछ ऐसी बातें बताई जा रही हैं जो बच्चे को बाल यौन शोषण से बचाने में मदद कर सकती हैं।
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कितना सामान्य है बाल शोषण?
रिपोर्ट के मुताबिक हर दिन लगभग पांच बच्चे बाल शोषण की वजह से मौत का शिकार होते हैं। इसके अलावा प्रत्येक 3 लड़कियों में से 1 लड़की और प्रत्येक 4 लड़कों में से 1 लड़का 18 साल से कम उम्र में बाल शोषण का शिकार होता है। लड़के (48.5%) और लड़कियां (51.2%) लगभग एक ही दर से शिकार बनते हैं। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से बात करें।
बाल शोषण के लक्षण क्या हैं?
बाल शोषण के सामान्य लक्षणों में शामिल है:
- दोस्त बनाने या सामान्य गतिविधियों में बच्चे का हिस्सा न लेना
- व्यवहार में बदलाव होना, जैसे- गुस्सैल मिजाज, अचानक से बात करना बंद करना, स्कूल जाने से डरना या पढ़ाई की स्थिति में बदलाव होना
- डिप्रेशन, एंग्जाइटी, किसी बात से डरना या अचानक से आत्म विश्वास में कमी महसूस करना
- बच्चे की उचित देखरेख में लापरवाही
- लगातार स्कूल न जाना या स्कूल बस में चढ़ने से डरना
- स्कूल में ही जबरन रहना, जैसे बच्चा घर जाना ही न चाहता हो
- घर से दूर भागने की कोशिश करना
- विद्रोह या निडर व्यवहार करना
- सुसाइड (आत्महत्या) का प्रयास करना
हालांकि, हर बच्चे में इसके लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। इसके लक्षण बच्चे के साथ होने वाले बाल शोषण औऱ उसकी मानसिक स्थिति पर निर्भर कर सकते हैं। ध्यान रखें कि यहां बताई गई बातें सिर्फ एक चेतावनी के संकेत हैं। कई बार इस तरह के लक्षण बच्चे में किसी अन्य समस्या के कारण भी देखें जा सकते हैं।
अच्छे और बुरे में फर्क करना सिखाएं
आज के समय और समाज को देखते हुए यह बात साफ समझ आती है कि सिर्फ प्यार और दुलार आपके बच्चे को सुरक्षित रखने के लिए काफी नहीं है। उसे अच्छे और बुरे में फर्क करना सिखाना उतना ही जरूरी है। कई माता-पिता को लगता है कि बाल यौन शोषण जैसी गंभीर समस्या के बारे में अपने बच्चे से बात करना सही नहीं है।
कई माता-पिता अपने बच्चों को इस बारे में समझने के लिये बहुत छोटा मानते हैं। परंतु ऐसी स्थिति में आपके बच्चे के साथ बाल यौन शोषण होने की संभावना बढ़ जाती है। क्योंकि हमारे मासूम बच्चे समाज में मौजूद ऐसे हैवानों को नहीं जानते जो उनकी इसी अज्ञानता का गलत फायदा उठा लेते हैं। इसलिए बच्चों को इस बारे में समझाना बेहद जरूरी है। इसके लिए आप किसी गेम या कहानी का सहारा ले सकते हैं। बच्चों को दोनों ही चीजें बेहद पसंद होती हैं और वे इन्हें काफी एंजॉय करते हैं।
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दस बातें जो हर माँ बाप को सिखानी चाहिए अपने बच्चे को (Ten things every parent should teach their child)
- बच्चे को माता-पिता की अनुपस्थिति में किसी भी अपरिचित या अनजान इंसान से बात न करने की या कुछ देने की कोशिश करें तो न लेने की सीख जरूर देनी चाहिए। अक्सर हमने देखा है कि बच्चों को चॉकलेटदेने के बहाने उन्हें कहीं दूर दराज इलाके में ले जाया जाता है और उनके साथ बुरा बर्ताव किया जाता है।
- अपने बच्चे को गुड-टच और बैड-टच के बारे में समझायें। अगर कोई आपके बच्चों के साथ बैड-टच करता है तो उसकी शिकायत तुरंत करने को कहे।
- आपका बच्चा जब भी बाहर खेलने जायें, तब आपको यह पता होना चाहिये कि वो किस तरह का खेल खेल रहा है और उस खेल में बैड-टच संबंधित कुछ बात तो नहीं है इस बात की पुष्टि करें। साथ ही किसी के घर पर बच्चे को खेलने के लिए तभी भेजें जब आपको उस पर भरोसा और आपने उसे अच्छी तरह परख लिया हो। अक्सर बाल यौन शोषण (Child Abuse) के मामलों में पड़ोसी जिम्मेदार पाए जाते हैं।
- अगर आपका बच्चा किसी से मिलने में असहज महसूस करता है तो आप बच्चे पर उस व्यक्ति से मिलने का दबाव न बनायें भले ही वो व्यक्ति आपका कितना ही निकट सबंधी क्यों न हों। उसकी असहजता का कारण जरूर पूछें। अगर वो नहीं बता पा रहा है तो खुद इस बारे में पता लगाने की कोशिश करें।
- अगर बच्चे का किसी से बहुत अधिक लगाव हो रहा है तो इस पर ध्यान दें, और पता लगाने की कोशिश करें की यह लगाव विशुद्ध है या नहीं, इसे नजरअंदाज न करें। अक्सर पेरेंट्स का इन छोटी-छोटी बातों को नजरअंदाज करना बाल यौन शोषण (Child Abuse) को जन्म देती हैं।
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अपने बच्चे को बाल यौन शोषण (Child Abuse) से बचाने के लिये इन बातों पर करें गौर:
- अगर आपका बच्चा बहुत गुमसम रहने लगा है तो उससे धैर्य के साथ बात करें और उसकी उदासी का कारण पूछें। उसके इस बर्ताव को इग्नोर ना करें।
- बच्चों के सामने सेक्स (Sex) को हौआ न बनायें, उन्हें खुद ही इसके बारे में शिक्षित करें। बच्चों के लिए सेक्स एजुकेशन (Sex Education) किसी अन्य एजुकेशन जितनी ही जरूरी है।
- वो किस तरह की किताबें पढ़ रहे हैं, किस तरह के प्रोग्राम टीवी पर देख रहे हैं, इसकी जानकारी रखें। बच्चों के मोबाइल उपयोग पर भी नजर रखें।
- अगर बच्चा किसी की शिकायत करता है तो उसे गंभीरता से लें और सही कदम उठायें। इसे टालें बिलकुल नहीं।
- बच्चे को आपसे सभी बातें शेयर करने के लिए कहें, उसके दोस्त बन कर रहें, ताकि कुछ गलत होने पर वो आपको बताने से झिझके नहीं। इन बातों का ध्यान रखकर आप बच्चे को बाल यौन शोषण (Child Abuse) से बचा सकते हैं।
यह समस्या किसी के साथ भी हो सकती है। बाल शोषण को रोकने और इससे बचने के लिये अपने बच्चे को पहले से ही इस बारे में उसकी समझ के अनुसार शिक्षा दें। अगर दुर्भाग्यवश ऐसा हो जाता है तब भी अपने बच्चे के साथ खड़े रहे।
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