मारपीट का बच्चों पर असर कैसा होगा, अगर बच्चे ने कोई गलत काम किया ही न हो? जी हां! कई बार बच्चों को मारपीट का सामना सिर्फ इसलिए करना पड़ता है क्योंकि उनके पेरेंट्स किसी कारण से स्ट्रेस (Stress) में थे। पेरेंट्स खुद के स्ट्रेस का शिकार बच्चों को बनाएंगे, तो यकीनन ये बच्चे के मन पर बुरा प्रभाव ही डालेगा।
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न करें मारपीट, बच्चों को समझाएं इस तरह से
अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अनुसार बच्चों के साथ पेरेंट्स को पॉजिटिव और सपोर्टिव पेरेंट्स-चाइल्ड बिहेवियर अपनाना चाहिए। ऐसा करने से ही बच्चों के व्यवहार में बदलाव होगा और बच्चों का बिहेवियर अच्छा होगा। बच्चों को अच्छे व्यवहार के लिए प्रेरित करना भी अच्छा कदम साबित हो सकता है। ज्यादातर पेरेंट्स को भले ही बच्चों को मारकर समझाना आसान रास्ता लगता हो, लेकिन ये गलत धारणा है। अगर आपको लग रहा है कि बच्चा आपकी बात नहीं मान रहा है, तो आप उसके फेवरेट टॉय या ड्रेस कुछ समय तक न देकर भी उनके व्यवहार में बदलाव ला सकते हैं। अगर आप बच्चे को चिल्लाएंगे या फिर उससे हमेशा गुस्से से बात करेंगे, तो उसे लेगेगा कि ऐसा बिहेवियर करना सही रहेगा। आपको ये उदाहरण बिल्कुल पेश नहीं करना चाहिए। आपको बच्चों का रोल मॉडल बनना चाहिए, ताकि बच्चे आपको देखकर कुछ सीखे और अच्छे बिहेवियर का अपनाएं।
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- आपको रूल बनाने की जरूरत है, जिसे आप खुद भी फॉलो करें। अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा कोई गंदा शब्द न कहे, तो आपको भी उस शब्द से दूरी बनानी होगी।
- अगर बच्चा अच्छा व्यवहार (Good behavior) करता है, तो उसकी प्रसंशा जरूर करें। ऐसा करने से बच्चे को भी विश्वास हो जाएगा कि वो अच्छा भाषा और अच्छा व्यवहार अपना रहा है। अगर आप उसकी अच्छी बात पर भी प्रसंशा नहीं करेंगे, तो वो उन बातों से अंजान रहेगा।
- आपको बच्चे के बुरे व्यवहार को इग्नोर करना होगा ताकि उसे पता चले कि बुरा बोलने या फिर बैड बिहेवियर करने से उसकी बात नहीं मानी जाएगी।
- बच्चे के अच्छे और बुरे, दोनों ही व्यवहार के लिए आप जिम्मेदार हैं। मारपीट का बच्चों पर असर कभी भी सकारात्मक नहीं हो सकता है, आपको हमेशा इस बात का ध्यान रखना होगा।