क्लाइमेट चेंज का बच्चों पर असर (Climate change kids health) ना हो, इसलिए निम्नलिखित स्टेप उठाए जा सकते हैं। जैसे:
- फैमिली, कम्यूनिटी एवं सोसायटी द्वारा कम से कम कचरा (Waste) फैलना
- कोयला (Coal), तेल (Oil) एवं गैस (Gas) का इस्तेमाल ना कर विंड एनर्जी (Wind Energy) और सोलर एनर्जी (Solar Energy) का इस्तेमाल करना।
इन दो बातों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
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क्लाइमेट चेंज का बच्चों पर असर को बेअसर करने के लिए क्या करें?

क्लाइमेट चेंज का बच्चों पर असर (Climate change kids health) ना हो, इसलिए निम्नलिखित टिप्स फॉलो करें। जैसे:
1. सामान्य शारीरिक परेशानियों पर ध्यान दें (Immediate Attention to Common Illness)
अगर बच्चे को सर्दी-जुकाम की समस्या हो, तो डॉक्टर से कंसल्ट करें। कभी-कभी सर्दी-जुकाम के घरेलू नुस्खों को हम अपना लेते हैं, लेकिन ज्यादा वक्त तक इनपर निर्भर ना रहें।
2. धूप में बच्चों को जाने ना दें (Limited Exposure to the Sun)
क्लाइमेट चेंज का बच्चों पर असर ना हो, इसलिए बच्चों को धूप में बाहर जाने ना दें। सूर्य की अल्ट्रा वॉयलेट रे बच्चों की त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती हैं। हालांकि विटामिन-डी (Vitamin-D) की पूर्ति के लिए सुबह की किरणें फायदेमंद हो सकते हैं, लेकिन 9 या 10 बजे के बाद धूप तेज होने लगती है और इससे स्किन को फायदे की जगह नुकसान पहुंचता है।
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3. तरल पदर्थों का सेवन ज्यादा करवाएं (Increase Fluids intake)
बच्चों को पानी एवं अन्य तरल पदार्थों का सेवन ज्यादा से ज्यादा करवाएं। इससे बच्चे को डिहाइड्रेशन (Dehydration) की समस्या नहीं होगी और बच्चा स्वस्थ्य रहेगा। इससे क्लाइमेट चेंज का बच्चों पर असर नहीं हो सकता है। दूषित एवं पैक्ड जूस (Packed juice) बच्चों को ना दें और खुद भी इनसे दूरी बनायें।
4. हाइजीनक इन्वायरमेंट (Hygienic Environment)
बच्चों के लिए सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण दोनों ही बेहद आवश्यक हैं। शुद्ध वातावरण बच्चों के विकास के साथ-साथ उनके रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाने में मददगार होते हैं। इसलिए घर एवं आसपास के इन्वायरमेंट हाइजीन का ध्यान रखें।
5. बच्चों के डायट का ख्याल रखें (Healthy Diet)
क्लाइमेट चेंज का बच्चों पर असर (Climate change kids health) ना हो, इसलिए बच्चों के डायट का ध्यान रखें। 6 महीने से बड़े बच्चों को मां के दूध के साथ-साथ बेबी सीरियल्स भी दिया जा सकता है वहीं बढ़ते बच्चों को पौष्टिक आहार जैसे दाल, चावल, हरी सब्जियां, ताजे फल, डेयरी प्रोडक्ट्स, नट्स एवं नॉन वेजिटेरियन बच्चों को अंडा, मछली, मीट एवं चिकन दिया जा सकता है। आप बच्चों को फ्रेश एवं ऑर्गेनिक फूड खाने की आदत डालें। फास्ट फूड या जंक फूड (junk food) बच्चों को ना दें।
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6. बच्चों एजुकेट करना ना भूलें (Providing Basic Education to Children)
अगर आप ये सोच रहें हैं कि क्लाइमेट चेंज का बच्चों पर असर में चाइल्ड एजुकेशन से क्या लेना देना है, तो चलिए इससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी आपसे शेयर करते हैं। दरअसल यहां चाइल्ड एजुकेशन का मतलब है, उन्हें पढ़ाई-लिखाई के अलावा कुछ जरूरी बातों को बताना और उनके महत्व को समझना। जैसे खाने के पहले हाथों को अच्छी तरह से क्लीन करना, नाखूनों को छोटा रखना, ठीक तरह से बैठकर खाना खाना, फ्रूट्स खाने के पहले उन्हें पानी से धो लेना, किसी भी खाने की चीजों को नीचे गिरने पर उठाकर ना खाना या किसी का झूठा ना खाना। ये बातें बहुत साधारण हैं, लेकिन बच्चों को जानना बेहद जरूरी है। ऐसा करने से वो खुद को इंफेक्शन (Infection) की समस्या से बचा जा सकते हैं। अब देखिये ना कोरोना वायरस (Coronavirus) कितना भी गंभीर क्यों ना हो, लेकिन इसका इलाज तो हैंड वॉश (Hand wash) और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे सामान्य सी बातों में छिपा है।
इन 6 बातों या टिप्स को फॉलो कर क्लाइमेट चेंज का बच्चों पर असर (Climate change kids health) होने से बचाया जा सकता है।
अगर आप क्लाइमेट चेंज और क्लाइमेट चेंज का बच्चों पर पड़ने वाले असर (Climate change kids health) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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