विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), यूनिसेफ (UNICEF) और मेडिकल जर्नल द लांसेट (The Lancet) द्वारा पब्लिश्ड एक रिपोर्ट ‘अ फ्यूचर फॉर द वर्ल्ड्स चिल्ड्रन’ में ये बात सामने आई है कि है दुनिया में कोई ऐसा देश नहीं है, जो बच्चों की सेहत, उनके आसपास के वातावरण और बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रहा हो। नहीं समझें! दरअसल ये रिपोर्ट जलवायु परिवर्तन से पैदा होने वाले खतरों की ओर ध्यान आकर्षित करती है। इस रिपोर्ट के अनुसार जलवायु परिवर्तन (Climate change) समुद्र के जल स्तर में बढ़ना, मौसम में हो रहे बदलाव, खाने-पीने का संकट, अत्यधिक गर्मी और बढ़ते संक्रामक रोग की वजह बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ता नकारात्मक प्रभाव या यूं कहें कि क्लाइमेट चेंज का बच्चों पर असर (Climate change kids health) बेहद चिंता का विषय बनता जा रहा है।