जब से कोरोना महामारी छाई है, लोग वायरस और बैक्टीरिया का नाम सुनते ही घबरा जाते हैं। ये सच है कि वायरस और बैक्टीरिया शरीर को नुकसान पहुंचाने का काम करते हैं लेकिन कुछ बैक्टीरिया शरीर के लिए लाभकारी भी होते हैं। जी हां! हम बात प्रोबायोटिक्स की कर रहे हैं। बच्चों में सेहत संबंधी कुछ परेशानियां आम होती हैं, जिनपर अधिकतर लोग ध्यान नहीं देते हैं। बीमारी का कारण इम्यूनिटी का कमजोर होना भी हो सकता है। बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर होने पर उन्हें सर्दी-जुकाम की समस्या लगी रहती है। बच्चे जब गर्भ में होते हैं, वहीं पर उनका माइक्रोबायोम (microbiome) डेवलप होता है। अनहेल्दी माइक्रोबायोम कई बीमारियों का कारण बन सकता है। प्रोबायोटिक्स (Probiotics) माइक्रोबायोम (microbiome) को हेल्दी बनाने का काम करते हैं। बच्चों के लिए प्रोबायोटिक्स का सेवन फायदेमंद होता है। अब आप सोच रहे होंगे कि प्रोबायोटिक्स को कैसे आहार में शामिल किया जा सकता है या फिर प्रोबायोटिक्स क्या होते हैं? हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बच्चों के लिए प्रोबायोटिक्स के फायदे के बारे में जानकारी देंगे। जानिए क्या होते हैं प्रोबायोटिक्स और बच्चों को ये किस तरह से फायदा पहुंचाते हैं।
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प्रोबायोटिक्स (probiotics) क्या होते हैं?
सभी बैक्टीरिया शरीर के लिए हानिकारक नहीं होते हैं। कुछ बैक्टीरिया शरीर को फायदा भी पहुंचाते हैं। अच्छे बैक्टीरिया पाचन को दुरस्त रखने का काम करते हैं। साथ ही न्यूट्रिएंट्स को अवशोषित करने और जर्म्स से लड़ने का भी काम करते हैं। इन्फेक्शन के दौरान वायरस या बैक्टीरिया जब शरीर में आक्रमण करते हैं, तो अच्छे बैक्टीरिया या प्रोबायोटिक्स उनसे लड़कर उन्हें खत्म करने का काम करते हैं। हर किसी के शरीर में खुद का माइक्रोबायोम होता है, जिसमें अच्छे बैक्टीरिया, बुरे बैक्टीरिया, वायरस और कवक होते हैं। ये सभी स्किन में, गट में, यूरोजेनिटल ट्रेक्ट (urogenital tract) और सलाइवा (saliva) में रहते हैं। जब माइक्रोबायोम में अच्छे बैक्टीरिया कम होने लगते हैं और बुरे बैक्टीरिया बढ़ने लगते हैं, तो शरीर जल्दी बीमार पड़ने लगता है। एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करने से माइक्रोबायोम के अच्छें बैक्टीरिया भी खत्म होने लगते हैं, जो कुछ बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
बच्चों के लिए क्यों जरूरी हैं प्रोबायोटिक्स?
नेशनल हेल्थ इंटरव्यू सर्वे ट्रस्टेड सोर्स (National Health Interview SurveyTrusted Source) के अनुसार, ‘ बच्चों में सबसे ज्यादा यूज किया जाने वाला प्रोबायोटिक्स तीसरा नैचुरल प्रोडक्ट ( natural product) है। बच्चों में प्रोबायोटिक्स के बेनीफिट्स और रिस्क को लेकर अभी अधिक रिचर्स की जरूरत है। अमेरिकन फैमिली फिजीशियन रिव्यू में पाया गया है कि प्रोटबायोटिक्स का सेवन करने से इंफ्लामेटरी बाउल डिजीज में राहत मिलती है। अगर प्रेग्नेंट महिला और ब्रेस्फफीड करवाने वाली महिलाएं प्रोबायोटिक्स का सेवन करती हैं, तो उनके बच्चों में एक्जिमा और एलर्जी की संभावना कम हो जाती है। जेएएमए पेडिएट्रिक ट्रस्टेड सोर्स (JAMA PediatricsTrusted Source) में पब्लिश स्टडी के अनुसार बच्चों में प्रोबायोटिक्स का सेवन करने से कोलिक(colic), कब्ज (constipation) और एसिड रिफ्लक्स (acid reflux) की समस्या से राहत मिलती है।
प्रोबायोक्स का सेवन करने से बच्चों में सर्दी-जुकाम की समस्या में भी कमी आती है। जो बच्चे किसी कारणवश बीमार रहते हैं, उन्हें प्रोबायोटिक का सेवन करने से पहले डॉक्टर से जरूर परामर्श कर लेना चाहिए। बाजार में प्रोबायोटिक्स की चबाने वाली टैबलेट्स के साथ ही पाउडर भी उपलब्ध है। आपके बच्चे को प्रोबायोटिक्स का कौन-सा प्रोडक्ट देना सही रहेगा, आप इस बारे में डॉक्टर से जानकारी प्राप्त कर सकती हैं। बिना सलाह किए आपको बच्चों को प्रोबायोटिक्स टैबलेट नहीं देना चाहिए वरना ये हानि भी पहुंचा सकते हैं। बेहतर होगा कि आप डॉक्टर से जानकारी प्राप्त करें।
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प्रोबायोटिक्स के सेवन के लिए ये फूड किए जा सकते हैं शामिल
प्रोबायोटिक्स में बैक्टीरिया के निम्नलिखित स्ट्रेन पाए जाते हैं।
- लैक्टोबैसिलस जीजी (lactobacillus gg)
- लैक्टोबैसिलस रम्नोसस ( Lactobacillus rhamnosus)
- बिफीडोबैक्टीरियम लोंगम(Bifidobacterium longum
- लेक्टोबेसिल्लुस एसिडोफिलस(Lactobacillusacidophilus)
बच्चे रोजाना के खानपान से भी प्रोबायोटिक्स का सेवन कर सकते हैं। जानिए प्रोबायोटिक्स का सेवन करने के लिए किन फूड्स का सेवन करना चाहिए।
योगर्ट (Yogurt) का करें सेवन
योगर्ट प्रोबायोटिक का अच्छा सोर्स माना जाता है। योगर्ट आप मार्केट से ले सकते हैं। योगर्ट में ‘लेक्टोबेसिलस बैक्टीरिया ’ से बनता है। प्रोबायोटिक्स खाने से डाइजेशन बेहतर रहता है और बोंस हेल्थ भी इंप्रूव होती है। जिन बच्चों में इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (irritable bowel syndrome) की समस्या होती है, उनके लिए प्रोबायोटिक्स लाभकारी होता है। लैक्टोस इंटॉलरेंस में भी प्रोबायोटिक्स का सेवन करना चाहिए क्योंकि ये लेक्टोस को लैक्टिक एसिड (lactic acid) में बदल देता है। अगर आप बाजार से योगर्ट खरीद रहे हैं, तो लो फैट योगर्ट ही लें।
चीज (Cheese)में भी होता है प्रोबायोटिक्स
चीज डेयरी प्रोडक्ट है और इसमें प्रोटीन की भरपूर मात्रा होती है।कुछ चीज में प्रोबायोटिक्स की प्रचुर मात्रा पायी जाती है। गोडा (Gouda), मोजेरेला (mozzarella), चेडर (cheddar) और कॉटेज पनीर ( cottage cheese) में प्रोबायोटिक्स की अच्छी मात्रा पाई जाती है। पनीर में भी प्रोबायोटिक्स पाया जाता है। अगर पनीर को फल और अखरोट के साथ मिला कर खाया जाए, तो प्री-बॉयटिक्स और प्रोबायोटिक्स में बैलेंस किया जा सकता है।
बटरमिल्क या छाछ (Traditional Buttermilk)
बटरमिल्क फर्मेंटेड डेयरी प्रोडक्ट है। बटरमिल्क दो प्रकार के होते हैं, पहला ट्रेडीशनल और दूसरा कल्चरल। ट्रेडीशनल बटरमिल्क में प्रोबायोटिक्स की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। बटरमिल्क में लो फैट और कैलोरी होती है। इसमे विटामिन्स और मिनिरल्स जैसे कि विटामिन बी 12, राइबोफ्लेविन और फॉस्फोरस पाया जाता है। कल्चरल्ड बटरमिल्क में प्रोबायोटिक्स नहीं पाया जाता है।
केफिर ( Kefir)
केफिर ( Kefir) फर्मेन्टेड प्रोबायोटिक मिल्क (fermented probiotic milk ) होता है। यह बकरी के दूध और अनाज का एक मिश्रण होता है। केफिर ( Kefir) में एंटीऑक्सीडेंट की अधिक मात्रा पाई जाती है। केफिर में लैक्टोबैसिलस और बीफीडस नामक बैक्टीरिया पाया जाता है। केफिर का सेवन शरीर को बहुत से लाभ पहुंचाता है। डायजेशन संबंधी समस्या और इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करता है। केफिर में फ्रेंडली बैक्टीरिया अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। आप इस बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं।
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क्या प्रोबायोटिक्स से हो सकता है बच्चों को खतरा?
आपने प्रोबायोटिक्स से जुड़े बेनिफिट्स के बारे में पढ़ लिया लेकिन आपको इससे जुड़े रिस्क के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए। प्रोबायोटिक्स एफ. डी. ए. से रेगुलेटेड नहीं होते हैं और इनका उपयोग करने से जोखिम भी हो सकते हैं। अगर आपने अपने बच्चे को प्रोबायोटिक्स देने जा रहे हैं, तो आपको डॉक्टर से सलाह किए बिना ये कदम नहीं उठाना चाहिए। एडल्ट्स में प्रोबायोटिक्स के बहुत कम साइड इफेक्ट्स होते हैं लेकिन इस बारे में अधिक रिचर्स की जरूरत है। जिन बच्चों का वीक इम्यून सिस्टम होता है या फिर कोई हेल्थ प्रॉब्लम, प्रीमेच्योर बोर्न आदि की समस्या होती है, उन बच्चों में प्रोबायोटिक्स का उल्टा प्रभाव यानी साइड इफेक्ट्स देखने को मिल सकते हैं। यानी ऐसे बच्चे यदि प्रोबायोटिक्स का सेवन करते हैं, तो उन्हें संक्रमण विकसित हो सकता है।
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बच्चों के लिए प्रोबायोटिक्स संबंधित ये बातें जरूर पूछें डॉक्टर से
बच्चों में कब्ज की समस्या, एसिड रिफ्लक्स और कोलिक की समस्या आम होती है। प्रोबायोटिक्स इन समस्याओं से राहत दिलाने का काम करता है और साथ ही सेकेंड्री इन्फेक्शन और डायरिया की समस्या को भी दूर करने में मदद करता है। अगर आप बच्चे को प्रोबायोटिक्स का सेवन कराना चाहते हैं, तो आपको डॉक्टर से कुछ बातें जरूर पूछनी चाहिए। जानिए कौन से हैं वो प्रश्न, जो आप डॉक्टर से पूछ सकते हैं।
- प्रोबायोटिक्स का सेवन करने से बच्चों को क्या फायदा पहुंचता है?
- बच्चों को कितने समय तक प्रोबायोटिक्स का सेवन करना चाहिए?
- अगर बच्चे को निश्चित समय तक प्रोटबायोक्ट दिए जाने पर भी फायदा न दिखे, तो क्या प्रोबायोटिक्स का सेवन बंद कर देना चाहिए?
- बच्चे को कौन-से ब्रांड का प्रोबायोटिक्स देना चाहिए?
- किन परिस्थितियों में बच्चे को प्रोबायोटिक्स का सेवन नहीं करना चाहिए?
- प्रोबायोटिक्स फूड में क्या बच्चों को खाने के लिए दिया जा सकता है?
- कितनी मात्रा में प्रोबायोटिक्स दिया जाना चाहिए?
बच्चों के लिए प्रोबायोटि्स का सेवन सुरक्षित है या नहीं, ये डॉक्टर आपसे बच्चे के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के बाद ही बता सकते हैं। अगर आप बच्चे को पौष्टिक आहार देती हैं, तो उसके अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है लेकिन प्रोबायोक्स का सेवन उसे रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है। हम उम्मीद करते हैं कि आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बच्चों के लिए प्रोबायोटिक्स के बारे में जानकारी मिल गई होगी। आप स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।
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