सभी को एक्टिव बच्चे बच्चे ही अच्छे लगते हैं। बच्चे पढ़ाई में तो अच्छे हो ही, साथ में खेलने-कूदने जैसी दूसरी एक्टिविटीज में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लें। इसके लिए बच्चे का दिमाग (Child’s brain) तंदरुस्त होना बहुत जरूरी है। कई पेरेंट्स की यह शिकायत होती है कि उनके बच्चे ठीक से पढ़ नहीं पाते हैं। कुछ माता-पिता की ये भी शिकायत है कि बच्चे पढ़ी हुई चीजें भी भूल जाते हैं। अगर आपका बच्चा भी इस तरह की परेशानी से गुजर रहा है और आप बच्चे के दिमाग की क्षमता बढ़ाना चाहते हैं तो अपनाएं यह खास टिप्स :
बच्चे का दिमाग (Child’s brain) ऐसे करें डेवलप
बच्चे का दिमाग (Child’s brain) तभी एक्टिव रह सकता है जब बच्चा फिजिकली और मेंटली रूप से हेल्दी हो। इसके लिए बच्चे के खानपान का विशेष ध्यान देना आवश्यक है। बच्चे को जो कुछ भी खाने को दें यह सुनिश्चित कर लें कि उनमें सभी आवश्यक पोषण तत्व जैसे कि विटामिंस, प्रोटीन, मिनरल्स, कार्ब और फैट्स हैं या नहीं। हां, उन्हें दूध देना बिल्कुल भी न भूलें क्योंकि इसमें जरूरी पोषक तत्व होते हैं। इसलिए आप को अपने बच्चे की जरूरतों के बारे में पता होना चाहिए। जानिए और किन तरीकों को अपनाया जा सकता है।
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दिमागी कसरत का अभ्यास
बच्चे का दिमाग (Child’s brain) तेज करने का सबसे अच्छा तरीका दिमागी कसरत का करना है। दिमागी कसरत के लिए बच्चों के साथ दिमागी खेल जैसे – प्रश्नोत्तरी, शब्दकोश भरना या सही विकल्प चुनने वाले खेल खेला जा सकता है। यह बच्चों की याद्दाश्त को बढ़ाने के साथ ही उनकी चीजों को याद रखने की क्षमता को भी बढ़ाता है। खेल-कूद से बढाएं बच्चों का दिमाग खेल-कूद में बच्चे जितने फुर्तीले होंगे, बच्चों का दिमाग उतना तेज और सक्रिय होगा। खेलने कूदने से बच्चों के दिमाग में ऑक्सीजन का प्रवाह सही मात्रा में होता है, जो उनके दिमाग की क्षमता बनाये रखने में अच्छी भूमिका निभाता है।
कलात्मकता देगी बच्चे के दिमाग को रफ्तार
अगर बच्चों में कलात्मक चीजों के प्रति झुकाव होता है तो यह बच्चों के दिमाग को विकसित करने में सकारात्मक भूमिका निभाता है। कला के प्रति झुकाव से बच्चों को नई चीजें सीखने में मदद मिलती है। इससे बच्चों में क्रिएटिविटी बढ़ती है और वे मल्टी-डाइमेंशन्स में सोच पाते हैं।
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गणित मजबूत करेगा बच्चे का माइंड
अपने बच्चों को बचपन से ही गणित विषय का अच्छे से अभ्यास कराएं। इससे उसके दिमाग को तेज करने में मदद होता है। आपने देखा होगा कि जिन लोगों की गणित में अधिक रूची होती है, वे अन्य की तुलना में ज्यादा वाइज सोचते हैं। गणित मनुष्य के दिमाग में रीजनिंग पॉवर को बढ़ाता है।
दोपहर की नींद भी है जरूरी
दुनिया भर में प्रसिद्ध यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाच्युसेट्स (MIT) की एक अध्ययन के मुताबिक खाना खाने के बाद दोपहर में करीब घंटे भर की नींद लेने से भी बच्चों की याद्दाश्त बढ़ती है। शोधकर्ताओं के मुताबिक बच्चे के दिमाग को मजबूत बनाने और सीखने के लिए दोपहर की नींद बेहद आवश्यक होती है।
बच्चे को पूछने दें सवाल
बच्चे का दिमाग (Child’s brain) एक्टिव रखने के लिए जरूरी है कि आप उसे सवाल पूछने से न रोकें बच्चा कुछ सीखने या समझने के लिए सबसे पहले सवाल ही पूछता है। बच्चे का दिमाग अपने आस-पास की चीजों या गतिविधियों को लेकर उत्सुक रहता है। ऐसे में बच्चा अपने बड़ों से इन सबके बारे में सवाल पूछता है। ऐसे में जब आपका बच्चा आपसे किसी बारे में सवाल करें तो उसका जवाब धैर्य के साथ दें क्योंकि बच्चे का दिमाग उस जवाब को लंबे समय के लिए अपने अंदर रखने वाला है।
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प्रोत्साहित करने से बच्चे का दिमाग रहता है एक्टिव
बच्चों को प्रोत्साहित करना बहुत जरूरी होता है। बच्चे छोटी-छोटी बातों पर हीन भावना का शिकार हो सकते हैं। ऐसे में बच्चों को प्रोत्साहित रखना जरूरी होता है। साथ ही जब वह कॉन्फिडेंट होता है तो बच्चे का दिमाग भी एक्टिव रहता है। इस तरह वह जानकारियों को लंबे समय तक अपने दिमाग में रख पाता है।
सोचने-समझने की क्षमता बढ़ाने में करें मदद
बच्चे का दिमाग (Child’s brain) एक्टिव रखने के लिए उसकी सोचने-समझने की क्षमता बढ़ाने की जरूरत होती है। बच्चा जो कुछ भी पढ़ता या सुनता है उसका दिमाग उसकी तस्वीर बनाता है। आप बच्चे के सामने उस विषय पर बात करें या उससे सवाल करें जो विषय आप चाहते हैं वह सीखे या समझें। जब आप बार-बार उस विषय पर बात करेंगे तो बच्चे का माइंड (Child’s brain) उस विषय से संबंधित तस्वीरें बनाएगा। इससे बच्चा लंबे समय तक इस विषय से जुड़ी जानकारी को दिमाग में रख पाएगा।
घुमाने ले जाने से भी होता है बच्चे का दिमाग (Child’s brain) विकसित
ऐसा माना जाता है कि इंसान किताबों और लिखी हुई चीजों से ज्यादा देखी, सुनी और समझी चीजों से सीखता है। यहीं कारण है कि यात्रा करने को सदियों से शिक्षा का एक जरिया माना गया है। आज के दौर में भी कुछ लोग अगर रोज की भाग दौड़ भरी जिंदगी से ब्रेक के लिए ट्रेवल करते हैं, तो कुछ की आदत या शौक बन चुका है। लेकिन, एक बात तो तय है कि जब इंसान नई जगह जाता है और नए लोगों से मिलता है, तो इस अनुभव से बहुत कुछ सीखता है और साथ ही यह उसके साथ एक लंबे समय तक भी रहता है। ऐसे में बच्चे को बाहर घुमाने ले जाने से भी बच्चे का दिमाग विकसित होता है। वह अनुभव करता है और नए लोगों से मिलता है और इस बार उसके दिमाग को कोई तस्वीर बनाने की जरूरत नहीं होती उसके सामने एक नई तस्वीर होती है, जिसे बच्चे का दिमाग अपने अंदर कैद कर लेता है।
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बच्चे का दिमाग (Child’s brain) इनसे होता है प्रभावित
एक बात और समझ लें कि जिस तरह हर एक बच्चा अलग होता है उसी तरह हर बच्चे का माइंड (Child’s brain) भी अलग होता है। तो बच्चे की अन्य बच्चों से तुलना न करें। इसके अलावा कुछ कारण हैं जो बच्चे के दिमाग प्रभावित कर सकते हैं।
- बच्चे के किसी चीज का याद रखने की क्षमता आनुवांशिक विकारों या सिर पर लगी किसी चोट के कारण भी प्रभावित हो सकती है।
- एकाग्रता की कमी के कारण भी बच्चा कई बार चीजों को याद नहीं रख पाता है।
- नींद पूरी न होने के कारण भी बच्चे का दिमाग (Child’s brain) एक्टिव नहीं रहता है।
- इसके अलावा कई बार आस-पास के तनावपूर्ण माहौल के कारण भी बच्चे के दिमाग पर असर पड़ता है।
अगर आपको लग रहा है कि आपका बच्चा किसी एक्टिविटी में पार्टिसिपेट नहीं कर रहा है या फिर उसे किसी भी काम में दिलचस्पी नहीं पैदा हो रही है, तो आपको सावधान हो जाने की जरूरत है। आपको इस बारे में एक बार डॉक्टर से भी बात करनी चाहिए। सभी बच्चों का नेचर एक जैसा नहीं होता है और इसी कारण से उन्हें कुछ समझने में दिक्कत हो सकती है। अगर बच्चे को किसी प्रकार की समस्या नहीं है, तो आपको उस पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।
डॉक्टर से परामर्श के बाद ही का इस्तेमाल करिए। हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता। इस आर्टिकल में हमने आपको बच्चे का दिमाग (Child’s brain) से संबंधित जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंग।
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