पियाजे बच्चों के बौद्धिक विकास (intellectual development) को मात्रात्मक प्रक्रिया यानी सिर्फ क्वांटिटी बढ़ाने के नजरिए से नहीं देखते हैं। सिर्फ बहुत अधिक जानकारी जुटाना ही उनके नजरिए में विकास नहीं है, बल्कि सोचने का तरीका बदलना महत्वपूर्ण है।
पियाजे के विकासात्मक चरण को बच्चों के सीखने और विकास के क्रम में कैसे लागू करें? (How to apply Piaget’s stages to learning and development)

पियाजे के विकासात्मक चरण को बच्चों की शिक्षा में लागू करने के लिए यह समझना जरूरी है कि वह अभी विकास के किस चरण में है। टीचर्स और पैरेंट्स बच्चे को एक्सपेरिमेंट और वातावरण को एक्सप्लोर करने का मौका दें, तो वह अलग-अलग कॉन्सेप्ट्स को समझते हैं।
प्रीस्कूल (preschool) और किंडरगार्टेन (kindergarten) के बच्चों को प्ले बेस्ड स्कूल प्रोग्राम जरिए बहुत कुछ सिखाया जा सकता है जहां वह गलतियां करके सीखते हैं और असली दुनिया से उनका सामना होता है। पियाजे के सिद्धांत (Piaget’s philosophy) को किसी भी ऐजुकेशन प्रोग्राम में शामिल किया जा सकता है।
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विकास के अलग-अलग चरणों में इस तरह शामिल करें पियाजे का सिद्धांत
सेंसरिमोटर (Sensorimotor)
- खेलने के लिए असली चीजें दें।
- खेल को पांच इंद्रियों (five senses) से जोड़े।
- छोटे बच्चों के लिए रूटीन बनाएं। यह बच्चों में कम्यूनिकेशन स्किल डेवलप करने में मददगार है।
प्रीऑपरेशनल (Pre operational)
- बच्चों कोई काम करके ही उसे अच्छी तरह सीखते हैं, तो उन्हें करने दें। उन्हें अपने आसपास की चीजों जैसे किताब, लोग, गेम और वस्तुओं से सक्रिय रूप से जुड़ने दें।
- बच्चे जब अपने डेली रूटीन (daily routine) बिजी हो तो उनसे सवाल करें और खुद ही उन्हें इसका जवाब सोचने दें।
- नई चीजे दिखाएं और उसके बारे में सवाल करने के लिए बच्चे को प्रेरित (encourage) करें।
कॉन्क्रीट ऑपरेशनल (Concrete operational)
- टाइमलाइन बनाएं, 3 डायमेंशन वाले मॉडल, साइंस एक्पेरिमेंट्स और ऐसे ही दूसरे तरीके एब्स्ट्रैक्ट कॉन्सेप्ट (abstract concepts) को समझाएं।
- विश्लेषणात्मक सोच (analytical thinking) के विकास के लिए ब्रेन टीजर (brain teasers) और पहेलियों की मदद लें।
फॉर्मल ऑपरेशनल (Formal operational)
- किसी कॉन्सेप्ट को स्टेप बाय स्टेप समझाएं और इसके लिए चार्ट और दूसरी विजुअल चीजों का इस्तेमाल करें।
- काल्पनिक स्थितियों (hypothetical situations) को एक्सप्लोर करने के लिए प्रेरित करें। आप उसे वर्तमान आयोजन या सोशल मुद्दे से जोड़ सकते हैं
बच्चों का बौद्धिक विकास क्रमवार तरीके से होता है और उनकी तर्कशक्ति व कल्पनाशक्ति उम्र के हिसाब से अपने आप बढ़ती है। बच्चा खुद ब खुद अपने आसपास से चीजे सीखता है और उसकी बुद्धि का विकास होता है। पियाजे का सिद्धांत इसी अवधारणा पर आधारित है।