आपने महसूस किया होगा कि जन्म के बाद बच्चा अपने आसपास की चीजों से धीरे-धीरे जुड़ाव महसूस करने लगता है। बच्चा अपने आसपास की चीजों को ध्यान से देखता है और फिर उनमें कुछ जुड़ने की कोशिश करता है। जब बच्चे बड़े हो जाते हैं, तो अपनी बातों को व्यक्त करने के लिए भाषा का इस्तेमाल करते हैं लेकिन कभी-कभी आपने यह भी महसूस किया होगा कि बच्चे एक्टिंग यानी कि अभिनय के माध्यम से भी अपनी बातों को समझाने की कोशिश करते हैं। किड्स या टीन्स कभी-कभी चिल्लाते हैं, किसी चीज पर बहस करते हैं या फिर गुस्सा दिखाने के लिए कोई चीज फेंक भी देते हैं। यह सारी चीजें उनके बिहेवियर यानी कि व्यवहार का हिस्सा है। सभी बच्चे एक्टिंग आउट (Acting out) या दिखावटी व्यवहार करें यह जरूरी तो नहीं लेकिन हां अधिकतर बच्चों में दिखावटी व्यवहार जरूर पाया जाता है।
यह व्यवहार सरल से कठिन भी हो सकता है। बच्चा अगर अचानक से गुस्सा करता है या फिर अपनी बात को व्यक्त करने के लिए चीजों को फेंकता है, तो यह समझने की जरूरत होती है कि आखिरकार वो ऐसा क्यों कर रहा है। एक्टिंग आउट (Acting out) बिहेवियर क्यों किया जाता है इसके कारण को पहचानना भी बहुत जरूरी है। एक्टिंग आउट (Acting out) एक्सट्रीम बिहेवियर एक्सप्रेशन है, जो की भावनाओं को व्यक्त करने का काम करता है। और साथ ही टेंशन को भी रिलीव करने में मदद करता है। जानिए आखिर एक्टिंग आउट बिहेवियर की जरूरत बच्चों को क्यों पड़ती है।
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बच्चे क्यों करते हैं एक्टिंग आउट (Why do kids acting out)?
आखिरकार बच्चे एक्टिंग आउट (Acting out) या बच्चें अभिनय व्यवहार क्यों करते है , इसमें एक नहीं बल्कि कई कारण शामिल हो सकते हैं। इसमें मुख्य रूप से शामिल होता है बच्चों को माता-पिता से अटेंशन न मिलना। अगर माता-पिता बच्चे पर ध्यान नहीं देते हैं, तो बच्चे अटेंशन के लिए एक्टिंग या अभिनय करते हैं। ताकि माता-पिता उन पर ध्यान दें।
कई बार बच्चे पावर में कमी यानी की शक्ति का एहसास नहीं कर पाते हैं। बच्चों को लगता है कि उनकी बात नहीं सुनी नहीं जा रही है। और वह पावरलेस हो गए हैं। इस कारण से वह एक्टिंग आउट (Acting out) करते हैं। कई बार बच्चे परफॉर्मेंस सही से नहीं दे पाते हैं, जिसके कारण उन्हें एक्टिंग आउट (Acting out) की जरूरत पड़ती है। वहीं पर भी इससे संबंधित हो सकता है।
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एग्रेशन (Aggression): किसी वायलेंट शब्द या फिर एक्शन का इस्तेमाल दूसरों के लिए करना
डेफिएंस (Defiance) : खुले तौर पर किसी चीज का विरोध करना।
डिसरप्टिव बिहेवियर (Disruptive behavior): बच्चों का अन्य लोगों के साथ कॉपरेट न करना या फिर शत्रुतापूर्ण व्यवहार करना।
मेल्टडाउन (Meltdowns): किसी भी सिचुएशन के लिए तुरंत रिस्पॉन्स करना।
विरोधात्मक व्यवहार (Oppositional behavior): तर्क-वितर्क के माध्यम से नियमों का विरोध करना।
टेंपर टेंट्रम (Temper tantrum): बात को मनवाने के लिए अक्सर रोना और चीखना।
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एक्टिंग आउट के क्या हैं लक्षण (Acting out symptoms)?
- अन्य लोगों या पालतू जानवरों को नुकसान पहुंचाना
- खुद को नुकसान
- झूठ बोलना
- चोरी करना
- खराब शैक्षणिक प्रदर्शन
- बार-बार नखरे और तर्क करना
अगर बच्चे एक्टिंग आउट (Acting out) या बच्चों में अभिनय व्यवहार की प्रक्रिया के दौरान झगड़ा करते हैं या किसी को परेशानी पहुंचाते हैं, तो ऐसे में आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। बच्चों के इस तरह के व्यवहार के कारण घर के अन्य बच्चों पर भी बुरा असर पड़ता है। अगर आप समय पर ध्यान नहीं देंगे तो अन्य बच्चे भी इस तरह का व्यवहार करना शुरू कर सकते हैं। अगर बच्चा अच्छी तरह से व्यवहार नहीं कर रहा है, तो आपको मनोवैज्ञानिक से भी संपर्क करना चाहिए। यह बच्चे के बेहतर व्यवहार के लिए आवश्यक है।
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एक्टिंग आउट का कैसे किया जाता है ट्रीटमेंट (How is acting out treated)?
एक्टिव आउट या अभिनय से निकलने के लिए बच्चों को दवाओं की आवश्यकता कम ही होती है। बच्चों के व्यवहार को बदलने के लिए कुछ खास तरीकों की जरूरत होती है। जानिए किस तरह से बच्चों को एक्टिंग आउट (Acting out) या अभिनय करने से रोका जा सकता है।
अधिक अपेक्षा न करें (Don’t expect more)
आप को बच्चों से अधिक एक्सपेक्टेशन रखने की आवश्यकता नहीं है। अगर आप बच्चों से अधिक अपेक्षा रखेंगे, तो बच्चे एक्टिंग आउट (Acting out) या अभिनय कर सकते हैं। बेहतर होगा कि उनकी क्षमताओं को समझे और उसी के अनुरूप उनके साथ व्यवहार करें।
रखें सकारात्मक रवैया (Keep positive attitude)
जब भी आपके बच्चे को आपके अटेंशन की जरूरत हो, तब आप उस पर पूरा ध्यान दें। अगर बच्चे ने कोई अच्छा काम किया है, तो उसे या तो रिवॉर्ड दें या फिर उसकी प्रशंसा जरूर करें। ऐसा बिल्कुल भी ना हो कि बच्चा अच्छा काम करें लेकिन उसे आपका अटेंशन भी ना मिले। अगर ऐसा होता है तो बच्चा एक्टिंग आउट (Acting out) कर सकता है।
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शांत रहने की करें कोशिश (Try to keep calm)
अगर बच्चा चिल्ला रहा है या फिर कोई चीज उठा कर फेंक रहा है, तो उसे आप प्यार से समझाएं बजाए कि आप उस पर गुस्सा करें। अगर आप ऐसा करते हैं, तो बच्चे का गुस्सा काफी हद तक शांत हो जाता है। और बच्चा बातों को समझ जाता है। अगर आप ऐसे समय में गुस्सा करते हैं या फिर बच्चों को मारते हैं, तो बच्चों का व्यवहार बहुत ज्यादा खराब हो सकता है।
अगर आपके बच्चे ने अचानक से गुस्सा करना या फिर चिल्लाना शुरु कर दिया है, तो आपको इसे पर्सनल ही नहीं लेना चाहिए। बच्चा किसी कारण से ऐसा कर रहा है। आपको उस कारण का पता लगाना चाहिए। बच्चा आप पर सीधा अटैक नहीं कर रहा है बल्कि वह अपनी बात को समझाने की कोशिश कर रहा है। या फिर किसी सिचुएशन से निपटने की कोशिश कर रहा है। बेहतर होगा कि आप उसकी बातों को समझें और शांति से मामले को सुलझाएं।
अब बच्चे को एक्टिंग आउट (Acting out) की प्रक्रिया से निकाल सकते हैं लेकिन आपको इसके लिए डॉक्टर की हेल्प लेनी पड़ सकती है। आप डॉक्टर को बताएं कि बच्चा आखिर कैसा व्यवहार कर रहा है? डॉक्टर की बातों को समझ कर आप को व्यवहार में परिवर्तन की सलाह भी दे सकते हैं और सिचुएशन से कैसे निपटा जाए, इस बारे में भी जानकारी दे सकते हैं। आपको बातों को ध्यान से सुनना चाहिए और बच्चों को बहुत ही प्यार से हैंडल करना चाहिए।
इस आर्टिकल में हमने आपको एक्टिंग आउट (Acting out) या बच्चों में अभिनय व्यवहार के बारे में बारे में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।
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