पौष्टिक भोजन (Healthy food) वैसे तो हर किसी के लिए काफी अहम है, लेकिन जब बात शिशु की आती है तो उनको अन्य लोगों की तुलना में काफी केयर की जरूरत होती है। बता दें कि शिशुओं को बचपन में दिया पौष्टिक भोजन ही उनका सर्वांगीण विकास में भागीदारी बनता है। बता दें कि ओट्स को बच्चों के लिए काफी अच्छा खाद्य पदार्थ माना जाता है। इसे हर उम्र के लोग सेवन करें तो इसके पौष्टिक गुणों का फायदा उठा सकते हैं। इसे बड़े उम्र के लोगों के साथ छोटे बच्चों को भी दिया जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह आसानी से हजम हो जाता है। इसमें काफी मात्रा में फाइबर (Fiber) होता है साथ ही यह न्यूट्रिएंट्स (Nutrition) से भरपूर होता है। वहीं यह भी पाया गया है कि दूसरे खाद्य पदार्थों की तुलना में यह नॉन एलर्जिक है, इन तमाम खासियत के कारण बच्चों को यह दिया जाता है। तो आइए इस आर्टिकल में हम बच्चों के लिए ओट्स के गुणों को जानते हैं। वहीं यह भी जानते हैं कि उनके लिए ओट्स कितना अहम है।
बच्चों के लिए है पौष्टिकता से भरपूर (Healthy diet for Kids)
बच्चों के लिए ओट्स काफी फायदेमंद (Benefits of Oats) खाद्य पदार्थ में से एक है। वहीं वैसे बच्चे जिन्हें खाने में पतला भोजन पसंद होता है उनके लिए यह खाद्य पदार्थ बेस्ट है। कुछ खाद्य पदार्थ को एक्सपर्ट खासतौर पर बच्चों को सुझाते हैं। ताकि बच्चे उसे और सुरक्षित तौर पर सेवन कर सके। वैसे बच्चे जो गैस्ट्रोफेगल रिफलक्स (Gastroesophageal reflux) की बीमारी से जूझ रहे होते हैं उन्हें काफी पतला भोजन देना पड़ता है, जो उनकी समस्या को कम करने के साथ उन्हें पौष्टिकता प्रदान करने में मदद करता है। द अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडिएट्रिक भी पैरेंट्स को यही सुझाव देता है कि जिनके बच्चे इस प्रकार की समस्या से जूझ रहे हैं उन्हें राइस सीरियल देने के बजाय बच्चों के लिए ओट्स खाने को दें।
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न्यूट्रिशन से भरपूर होते हैं ओट्स (Oats)
- प्राकृतिक तौर पर अनाज होते हैं ओट्स : ओट्स में अनाज के तीनों भाग शामिल होते हैं, इसमें मौजूद एंडोस्पर्म, ब्रैन और जर्म इस अनाज की न्यूट्रिशन वेल्यू को बढ़ाते हैं।
- बच्चों के लिए ओट्स इसलिए भी जरूरी है क्योंकि यह एनर्जी का काफी अच्छा सोर्स माना जाता है। वहीं इसमें काफी मात्रा में फाइबर होता है। बता दें कि प्रति 100 ग्राम के ओट्स में 6 ग्राम फाइबर होता है। यही वजह है कि ओट्स पौष्टिकता से भरपूर होता है।
- ओट्स में कुछ अन्य फाइबर भी पाए जाते हैं, जैसे बीटा ग्लूकेन (Beta glucan), यह शरीर के लिए काफी लाभकारी माना जाता है। वहीं ब्लड कोलेस्ट्रोल लेवल को लो रखने में मदद करता है।
- इतना ही नहीं ओट्स में विटामिन्स, मिनरल्स के साथ फाइटोकेमिकल्स (Phytochemicals), वहीं फ्लेवोनॉयड्स (Flavonoid) और एंटीऑक्सिडेंट (Antioxidant) जैसे प्लांट के तत्व भी हमारे शरीर के लिए काफी लाभकारी होते हैं, जिनसे हमें पोषक तत्व हासिल होता है।
- ओट्स में विटामिन बी (Vitamin B) नामक तत्व होता है जो हमें खाने से एनर्जी हासिल करने में मदद करता है। वहीं इसमें पर्याप्त मात्रा में मिनरल्स पाए जाते हैं जैसे फोलेट, पोटेशियम, कैल्शियम, आयरन, जिंक, और मैग्नीशियम जैसे तत्व होते हैं जिनका सेवन कर व्यक्ति को पर्याप्त मात्रा में एनर्जी मिलती है वहीं बच्चों के लिए ओट्स फुल एनर्जी प्रोडक्ट बनता है, इसका सेवन कर उनका सर्वांगीण विकास होता है।
- बच्चों के लिए ओट्स इसलिए भी जरूरी है क्योंकि इसमें प्रोटीन जैसे तत्व होते हैं, इसका सेवन कर बच्चा संतुष्ट महसूस करता है उसका पेट भरा भरा रहता है। यह छोटे बच्चों के लिए इसलिए भी जरूरी है क्योंकि उन्हें अन्य की तुलना में काफी एनर्जी की आवश्यकता होती है। यदि उन्हें खाद्य पदार्थों के जरिए दिन के शुरूआत में ही एनर्जी मिल जाए तो वो दिनभर खुरापात मचाते रहते हैं और जमकर खेलते हैं। इसलिए जरूरी है कि बच्चों के लिए ओट्स उन्हें खाने में परोसा जाए ताकि उन्हें भरपूर न्यूट्रिएंट्स मिल सके।
बच्चों के लिए ओटमील क्यों है जरूरी (Oatmeal)
शोध के अनुसार जो बच्चे गैस्ट्रोफेगल रिफलक्स की समस्या से जूझ रहे थे उन्हें खाने में राइस सीरियल दिया गया था, इसमें काफी मात्रा में आर्सेनिक पाया गया। बच्चों को यह लंबे समय के लिए खाने के लिए दिया गया था। वहीं बच्चे जब बढ़ने लगे तो उनमें आर्सेनिक के साइड इफेक्ट्स भी देखने को मिले। यही कारण है कि बच्चों को इस खाद्य पदार्थ के बजाय सुरक्षित खाद्य पदार्थ देने की जरूरत महसूस हुई। फिर बच्चों के लिए ओट्स (Oats) का विकल्प तलाशा गया, बता दें कि ओटमील गेहूं से जुड़े खाद्य पदार्थों की श्रेणी में नहीं आता है। ओटमील ग्लूटेन फ्री खाद्य पदार्थ होता है। ऐसे में इसका सेवन करना बच्चों के लिए सुरक्षित होता है वहीं उन्हें सीलिएक डिजीज होने की संभावना भी नहीं रहती है।
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पैरेंट्स के लिए ध्यान देने योग्य बातें (Parenting Tips)
- बच्चों के लिए ओट्स के फायदें तो हमने जान लिए, वहीं पैरेंट्स के लिए जरूरी है कि उन्हें पीडियाट्रिशियन या फिर फिडिंग स्पेशलिस्ट से सलाह लेनी चाहिए, कि बाजार में उपलब्ध अलग-अलग प्रकार के ओट्स में से कौन-सा उनके शिशु के लिए अच्छा होगा उसके बारे में सलाह लेनी चाहिए। शिशु के स्वास्थ्य के हिसाब से और वो कितना ब्रेस्ट मिल्क या फॉर्मूला मिल्क का सेवन करता है उसके हिसाब से बच्चों के लिए ओट्स का डोज तय किया जाता है। इसलिए जरूरी है कि खुराक को लेकर एक्सपर्ट की राय ले लेनी चाहिए।
- यदि आप ओटमील को पंप ब्रेस्टमिल्क में मिलाकर दे रही हैं तो : शिशु को पोषक तत्व देने के लिए यह बेहतर तरीका है। यदि आप इसे जल्दी मिक्स करतीं हैं तो ब्रेस्ट मिल्क में मौजूद एंजाइम्स ओटमील में ब्रेकडाउन हो जाएंगे, वहीं यह उतना प्रभावशाली नहीं होगा। सही तरीके के लिए एक्सपर्ट की सलाह लेनी चाहिए।
- यदि आप ओटमील को फॉर्मूला मिल्क में मिक्स करती हैं तो : शिशु के फीड कराने के 20 से 30 मिनट पहले आप यह करती हैं तो यह काफी इफेक्टिव होगा। उसे पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व आसानी से हासिल हो सकेगा। इसके लिए जरूरी है कि पहले आप डॉक्टरी सलाह लें फिर इसे शिशु को दें।
- यदि आपका शिशु बॉटल से दूध पीता है तो आपको बड़े साइज के बॉटल की आवश्यकता पड़ सकती है, जिसका निप्पल साइज बड़ा हो। ताकि उसमें आसानी से ओटमील आ सके। बच्चों के लिए ओट्स बेस्ट खुराक है, आप बॉटल में हल्का फेरबदल कर उसे अच्छी खुराक दे सकते हैं। ज्यादातर फिडिंग स्पेशलिस्ट पैरेंट्स को यही सुझाव देते हैं कि वो बच्चों को फास्टर निप्पल वाले बॉटल, कमर्शियली प्री-कट, क्रॉस कट वाले निप्पल जो अस्पताल में उपलब्ध होते हैं उससे बच्चों के लिए ओट्स खाने के लिए दें।
- पैरेंट्स को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बच्चों के लिए ओट्स खिलाने के दौरान उनकी सिटिंग पुजिशन सही हो, ताकि वो आराम से मजे लेकर खाने का लुत्फ उठा सकें, वहीं खाना खाने में उन्हें परेशानी न हो, सिटिंग पुजिशन खराब होने के कारण बच्चों को अपच की समस्या हो सकती है।
- पैरेंट्स को इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए कि उन्हें बच्चों को औसत से ज्यादा नहीं खिलाना चाहिए। यदि आपके बच्चे का लगातार वजन बढ़ रहा है तो आप उसे रोजाना कम कम खुराक दें। वैसे बच्चे जिन्हें रिफल्क्स की समस्या होती है उन्हें एक बार में ज्यादा खुराक देने की बजाय थोड़ा थोड़ा कर खाना खिलाना बेहतर होता है। इससे वो खाना आसानी से पचा लेते हैं।
- बच्चों के लिए ओट्स देने के दौरान पैरेंट्स को इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि उन्हें दूध को पतला करने वाले कमर्शियल प्रोडक्ट का इस्तेमाल कतई नहीं करनी चाहिए। ऐसा करना शिशु के जान के लिए खतरनाक हो सकता है वहीं नेक्रोटाइजिंग एंट्रोकोलाइटिस (necrotizing enterocolitis) की समस्या हो सकती है।
बच्चों के लिए ओट्स देना उनकी सेहत के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन कितनी मात्रा में दें, ब्रेस्ट मिल्क या फॉर्मूला मिल्क (Breast milk or formula milk) के साथ दें आदि बातों पर एक्सपर्ट की राय लेना बेहद ही जरूरी होता है। इसलिए जरूरी है कि पैरेंट्स एक बार चाइल्ड स्पेशलिस्ट या ब्रेस्ट फिडिंग एक्सपर्ट की राय जरूर ले लें।
क्या खाएं और कब खाएं जानने के लिए वीडियो देख जानें एक्सपर्ट की राय
शिशु को क्या दें व क्या नहीं
शिशु को छह महीने तक मां का दूध ही पिलाना चाहिए। वहीं शिशु जब सात महीने की आयु पार कर ले तो उसके मील के शेड्यूल में बदलाव किया जा सकता है। वहीं उसके खानपान में कुछ खाद्य पदार्थ को भी शामिल किया जा सकता है। कुल मिलाकर कहें तो शिशु चिकित्सक की देखरेख में बच्चों के लिए खाने में ओट्स शामिल किया जा सकता है। बता दें कि ओट्स में काफी पौष्टिक आहार तो होता है ही साथ ही यह सस्ता होने के साथ न्यूट्रीशिन से भरपूर होता है। इसमें काफी मात्रा में एनर्जी होता है। वहीं इसकी खासियत यह भी है कि इसे कई तरीकों से पकाकर सेवन किया जा सकता है।
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किस प्रकार के ओट्स बच्चों के लिए होते हैं परफेक्ट (Oats for Kids)
बच्चों के खानपान पर पैरेंट्स को काफी ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता होती है। बच्चों के लिए ओट्स की बात करें तो ज्यादातर लोग यह सवाल करते हैं कि उनके बच्चों के लिए कौन सा ओट्स बेहतर होगा। ऐसे में एक्सपर्ट उन्हें शुरुआत में रोल्ड, ग्राउंड, प्लेन, खिचड़ी (porridge), शुरुआत में खिलाने की सलाह दे सकते हैं। शिशु जब इसे आसानी से खाने लगे तो उसे इन खाद्य पदार्थों का पोषक तत्व हासिल होता है। उदाहरण के तौर पर रेडी ब्रेक ओट्स में जहां एडेड न्यूट्रिएंट्स होते हैं वहीं रोल्ड ओट्स का टेक्सचर अच्छा होता है। ऐसे में बेहतर यही होगा कि अच्छे ओट्स का चयन करने के पूर्व आपको एक्सपर्ट की सलाह लेनी चाहिए। इसके लिए आप चाहें तो अपने न्यूट्रिशनिस्ट की सलाह के साथ डॉक्टर और फिडिंग स्पेशलिस्ट की सलाह ले सकते हैं।
जानें कैसे करें ओट्स का सेवन
बच्चों के लिए ओट्स बेस्ट इसलिए भी है क्योंकि इसे कई तरीकों से बनाकर सेवन किया जा सकता है। इसकी खासियत है कि आप इसे खिचड़ी (porridge) की तरह सेवन कर सकते हैं। यदि आपके बच्चे को खिचड़ी पसंद नहीं है तो उसके ब्रेकफॉस्ट में कुछ विटामिन्स के साथ फाइबर एड करना जरूरी हो जाता है।
बच्चों के लिए ओट्स खिलाने के लिए आप उन्हें स्मूदी बनाकर खिला सकते हैं, वहीं उसमें सलाद डाल सकते हैं, ऐसा करने से बच्चे खाना पसंद करेंगे। इतना ही नहीं हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि ओट्स का इस्तेमाल पुडिंग, मफिन्स और केक बनाने में भी इस्तेमाल में लाया जाता है। आप चाहें तो इसमें कुछ फ्रूट्स और दही के साथ भी परोस सकते हैं। यह खाने में लाजवाब लगता है और पौष्टिकता से भरपूर होता है।
इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए डाक्टरी सलाह लें। हैलो हेल्थ ग्रुप चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार प्रदान नहीं करता है।
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ओटमील और इसके फायदों पर एक नजर (Benefits For Oats)
- ओटमील में फाइबर और न्यूट्रिशन होता है।
- आसानी से पच जाता है : बच्चों को यह खाने का सुझाव एक्सपर्ट इसीलिए देते हैं क्योंकि यह आसानी से पच जाता है। क्योंकि मां के दूध का सेवन करने के बाद शिशु जब अनाज का सेवन करता है तो उसे वैसे खाद्य पदार्थ दिए जाते हैं जिन्हें वो आसानी से पचा सकता है। उसी में से यह भी है। बच्चों के लिए ओट्स काफी लाभकारी होता है।
- कब्जियत की समस्या को रखता है दूर : ऐसा नहीं है कि छोटे बच्चों को कब्जियत की समस्या नहीं होती है। ओट्स का सेवन कर वो इस समस्या से दूर रहते हैं। क्योंकि यह आसानी से हजम हो जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसमें पर्याप्त मात्रा में फाइबर होते हैं और इसके लेक्सेटिव प्रॉपर्टी के कारण इसे पचाने में आसानी होती है।
- अन्य खाद्य पदार्थों के साथ इसे परोसा जा सकता है। ओट्स की एक अन्य खासियत यह भी है कि इसे अन्य खाद्य पदार्थों के साथ परोसा जा सकता है, उदाहरण के तौर पर खिचड़ी बनाकर, वहीं उसमें अन्य खाद्य पदार्थ डालकर बच्चों को दिया जा सकता है। ऐसा कर बच्चों को ज्यादा से ज्यादा पौष्टिक आहार दिया जा सकता है
- शिशु का स्वास्थ्य रहता है बेहतर : बच्चों को ओट्स देने से उनका स्वास्थ्य दूसरे बच्चों की तुलना में अच्छा रहता है। कारण स्पष्ट है क्योंकि ओट्स में न्यूट्रिशनल वेल्यू के कारण कई पोषक तत्व होते हैं। वहीं इसमें काफी मात्रा में प्रोटीन पाए जाने के साथ अन्य पौष्टिक तत्व होते हैं जो शिशु की इम्युनिटी को बढ़ाने में मददगार साबित होते हैं।
एक्सपर्ट की सलाह
बच्चों के लिए ओट्स खिलाने से पहले जरूरी है कि आप डॉक्टरी सलाह जरूर लें। इतना ही नहीं शिशु को कौन-से वैरायटी का ओट खिलाना है और कौन-सा नहीं इसके बारे में भी सलाह ले लेनी चाहिए। वहीं कितनी मात्रा में खिलाए यह भी पूछना चाहिए। इतना ही नहीं समय-समय पर डॉक्टरी सलाह लेते भी रहना चाहिए। संभव है कि ज्यादा खिलाने से जहां आपके बच्चे का वजन बढ़ सकता है वहीं कम खिलाने से वजन कम हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि एक्सपर्ट की सलाह लेकर ही बच्चों को ओट्स का सेवन कराना चाहिए। ओट सभी मायनों में शिशु के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है।
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