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फैटी लिवर से बचाव के लिए आसान घरेलू उपाय

फैटी लिवर से बचाव के लिए आसान घरेलू उपाय

आजकल जीवनशैली में उतार-चढ़ाव होने के चलते लोगों को लिवर संबंधी समस्याएं होना आम बात हो गई है। इन्हीं में से एक है फैटी लिवर की समस्या। ज्यादातर देखा गया है कि फैटी लिवर के बारे में किसी और बीमारी के टेस्ट के बहाने ही पता चलता है। इससे लिवर संबंधी अन्य परेशानियां भी हो जाती हैं। इस आर्टिकल में आप फैटी लिवर से बचाव के लिए घरेलू उपाय जानेंगे। इन घरेलू उपायों को अपनाकर फैटी लिवर की समस्या को काबू किया जा सकता है।

फैटी लिवर से बचाव के घरेलू उपाय

करेला

फैटी लिवर से बचाव में करेला बेहद प्रभावी है। करेले का नाम सुनते ही कुछ लोग उसके कड़वे स्वाद के कारण उसे खाने से माना कर देते हैं। लेकिन, करेला लिवर के फैट को कम करने में मदद करता है। जल्दी फायदा पाने के लिए रोज सुबह करेले का जूस पिएं। 

संतरा और नींबू

संतरे और नींबू में भरपूर मात्रा में विटामिन-सी होता है, जो लिवर का फैट कम करने के लिए बहुत फायदेमंद है। रोज सुबह खाली पेट इसे लेने से जल्दी आराम मिलता है। इसलिए अगर फैटी लिवर से बचाव चाहते हैं, तो संतरे और नींबू को हमेशा अपने पास रखें।

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ग्रीन टी

ग्रीन टी में एंटी-ऑक्सिडेंट गुण होते हैं, जो लिवर के फैट को कम करने में उपयोगी हैं। ग्रीन टी सेहत के लिए काफी अच्छी है, इसलिए इसे अपनी दिनचर्या में बेझिझक शामिल करें। इससे आप फैटी लिवर से बचाव करने के साथ-साथ अपनी त्वचा में भी निखार देखेंगे।

साबुत अनाज

फैटी लिवर से बचाव करना है तो भोजन में साबुत अनाज शामिल करना न भूलें। साबुत अनाज में भरपूर मात्रा में फाइबर और पोषक तत्व होते हैं। साबुत अनाज फैटी लिवर के लिए औषधि की तरह है। ये बहुत जल्दी पचता है और फैटी एसिड लिवर के हानिकारक टॉक्सिन्स को खत्म करता है। 

कच्चा टमाटर

अगर आप फैटी लिवर की समस्‍या से ग्रस्त हैं, तो कच्चा टमाटर खाना आपके लिए बहुत फायदेमंद होगा। यह आसानी से मिल भी जाता है। अच्छे परिणाम के लिए आपको इसका नियमित सेवन करना चाहिए। फैटी लिवर से बचाव के लिए आप रोजाना टमाटर की सलाद भी खा सकते हैं।

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हल्दी

हल्दी में एंटी-ऑक्सिडेंट और एंटी इंफ्लमेटरी गुण होते हैं, जो लिवर की सेल्स को डैमेज होने से बचाते हैं। हल्दी का इस्तेमाल तो आयुर्वेद में दवा के तौर पर बहुत पहले से होता आ रहा है। हल्दी पाचन तंत्र, लिवर और हृदय के उपचार में कारगर है।

व्यायाम

फैटी लिवर के बचाव के लिए घरेलू नुस्खों के साथ व्यायाम पर विशेष ध्यान रखें। इसके माध्यम से वजन कम करके लिवर के फैट को कम किया जा सकता है। लेकिन, एक साथ बहुत व्यायाम न करें, इससे दिक्कत हो सकती है। व्यायाम का समय शुरुआत में कम रखें, फिर धीरे-धीरे बढ़ाएं।

ऑयली न खाएं

फैटी लिवर से बचाव के लिए ऑयली और स्पाइसी खाने से परहेज करें। ऐसी चीजें खाएं जो आसानी से पच जाए। 

फैटी लिवर के लक्षण शुरू में नजर नहीं आते। इसलिए, इस समस्या का जल्दी पता नहीं चलता। लेकिन, अगर ध्यान न दिया जाए, तो परिणाम गंभीर भी हो सकते हैं। इन घरेलू नुस्खों को अपनाने के साथ-साथ समय-समय पर अपने लिवर की जांच भी करवाते रहें और डॉक्टर की सलाह भी जरूर लें।

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फैटी लिवर से बचाव के लिए उसे समझें

आमतौर पर हमारा लिवर कुछ मात्रा में फैट को स्टोर करके रखता है। पर जब यह जब लिवर में फैट सेल्स की मात्रा तय सीमा से ज्यादा बढ़ जाती है, तो इसे फैटी लिवर डिसीज कहते हैं। नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर में उन लोगों के लिवर में भी फैट का अतिरिक्त स्टोरेज बढ़ जाता है, जो शराब की वजह से नहीं होता है। अगर लिवर के वजन से 5 से 10 प्रतिशत से ज्यादा फैट हो, तो इसे फैटी लिवर कहा जाता है। फैटी लिवर से बचाव से पहले आपको फैटी लिवर के बारे में निम्नलिखित बातें जानना बेहद जरूरी हैं।

  • मोटापे, कोलेस्ट्रॉल, ट्रायग्लिसराइड जैसी समस्याओं से ग्रस्त लोगों को भी नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर होने की संभावना ज्यादा होती है।
  • इसके अलावा जिन लोगों को ज्यादा तेजी से वजन कम होता है उनमें भी नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर हो सकता है।
  • ज्यादा समय तक फैटी लिवर में सजून घातक हो सकती है क्योंकि ये सिरॉसिस यानी लिवर के क्षीण होने का कारण बनती है।
  • फैटी लिवर के यूं तो कोई लक्षण शुरुआत में नहीं दिखाई देते लेकिन बाद में यह अचानक से उभरते हैं जैसे कमजोरी, भूख में कमी, उल्टी, पेट में दर्द, त्वचा का पीला होना, भ्रम की स्थिति आदि।
  • कई बार सिरॉसिस का समय पर इलाज कर इसे ठीक किया जा सकता है क्योंकि लिवर खुद को रिपेयर करने की क्षमता रखता है।
  • अगर सिरॉसिस बढ़ जाए, तो यह कैंसर का भी रूप ले सकता है। लिवर सिरॉसिस जानलेवा भी हो सकता है।
  • सिरॉसिस अगर ठीक न हो तो व्यक्ति को जीवत रखने का एकमात्र उपाय लिवर ट्रांस्प्लांट ही बचता है।

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फैटी लिवर से बचाव के लिए टेस्ट कराएं

अगर आपको उपरोक्त में से कोई भी लक्षण नजर नहीं आते हैं, तो जरूरी नहीं है कि आपको फैटी लिवर नहीं है। कई बार व्यक्ति में किसी भी प्रकार के लक्षण नजर नहीं आते हैं। ऐसे में ब्लड टेस्ट की मदद से लिवर के बढ़े हुए एंजाइम देखे जा सकते हैं, जो फैटी लिवर होने की पुष्टि करते हैं। हालांकि, स्थिति पर और पुख्ता जानकारी हासिल करने के लिए डॉक्टर अल्ट्रासाउंड की मदद लेते हैं, जिससे लिवर में फैट या सूजन साफ तौर पर देखी जा सकती है।

डॉक्टर्स की मानें तो लिवर शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है जो हमारे शरीर को संचालति करने में मुख्य भूमिका निभाता है। लिवर में खराबी आने पर व्यक्ति की शक्ति क्षीण होजाती है और जानलेवा स्थिति भी बन सकती है। ऐसे में अपने लिवर को स्वस्थ रखने के लिए हर संभव प्रयास करें और नशे से बचें। स्वास्थ्य संबंध अन्य घरेलू उपायों और जानकारियां प्राप्त करने के लिए के लिए यहां क्लिक करें।

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Nonalcoholic Fatty Liver Disease/Accessed/30/Dec/2019

Fatty Liver Foundation/ Accessed/30/Dec/2019

Fatty Liver Disease/Accessed/30/Dec/2019

Non-alcoholic Fatty Liver Disease (NAFLD)/Accessed/30/Dec/2019

Nonalcoholic fatty liver disease

accessed on 16/11/2019

Current Version

07/09/2020

Priyanka Srivastava द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Nidhi Sinha


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डॉ. प्रणाली पाटील

फार्मेसी · Hello Swasthya


Priyanka Srivastava द्वारा लिखित · अपडेटेड 07/09/2020

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