टर्म जर्म्स को मायक्रोस्कॉपिक बैक्टीरिया, वायरस, कवक और प्रोटोजोआ (Protozoa) के रूप में रेफेर किया जाता है, जो डिजीज का कारण बन सकते हैं। यह जर्म्स हर तरफ होते हैं, यही नहीं हमारे पूरे शरीर में भी यह पाए जाते हैं। कुछ जर्म्स हार्मफुल हो सकते हैं लेकिन कुछ जर्म्स हमारे लिए लाभदायक भी माने जाते हैं और हमें हेल्दी रखने में मददगार होते हैं। आज हम बात करने वाले हैं गुड बनाम बैड जर्म्स (Good vs. Bad Germs) के बारे में। यानी, जानेंगे कि गुड जर्म्स और बैड जर्म्स में क्या फर्क हैं? आइए जानें गुड बनाम बैड जर्म्स (Good vs. Bad Germs) के बारे में विस्तार से। सबसे पहले जर्म्स के बारे में थोड़ा और जान लेते हैं।
जर्म्स (Germs) क्या है?
जर्म्स को मायक्रोब्स (microbes) यानी रोगाणु भी कहा जाता है, जो हर जगह होते हैं जैसे मिट्टी, हवा, भोजन और यहां तक की हमारे शरीर में भी। यह जर्म्स कई प्रकार के होते हैं, जैसे:
- बैक्टीरिया (Bacteria): बैक्टीरिया को मायक्रोऑर्गेनिज्म (Microorganisms) भी कहा जाता है। कुछ बैक्टीरिया हानिकारक होते हैं और टॉक्सिन्स प्रोड्यूज करते हैं, जो आपको बीमार कर सकते हैं। जबकि, अन्य बैक्टीरिया लाभदायक होते हैं, जो डिजीज का कारण बनने वाले ऑर्गेनिज्म को नष्ट करते हैं।
- वायरस (Viruses): वायरस एक सिंगल सेल्स से भी छोटा होता है। वे हमारे शरीर के भीतर होस्ट सेल्स पर कब्जा कर लेते हैं और रिप्रोड्यूस करते हैं, कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं और हमें बीमार बनाते हैं।
- कवक (Fungi): कवक को भी जर्म्स के रूप में भी वर्गीकृत किया जाता है, जिनमें से कुछ हम खाते हैं, जैसे कि मशरूम और ब्रेड में इस्तेमाल होने वाला खमीर आदि।
- प्रोटोजोया (Protozoa): यह भी जर्म्स का अन्य प्रकार है, ये सिंगल-सेलड ऑर्गेनिज्म (Single-celled organisms) वाले जीव अन्य रोगाणुओं का पोषण करते हैं।
- कृमि (Helminths): कृमि (Helminths) बड़े परजीवी होते हैं। इन्हें जर्म्स के रूप में भी वर्गीकृत किया जाता है और इसमें राउंडवॉर्म और टैपवॉर्म शामिल होते हैं। अब जानते हैं गुड बनाम बैड जर्म्स (Good vs. Bad Germs) के बारे में।
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गुड बनाम बैड जर्म्स (Good vs. Bad Germs): पाएं इस बारे में जानकारी
एक बार जब आप मौजूद जर्म्स के प्रकारों के बारे में अच्छे से जान जाएंगे, तो यह तय करना आपके लिए थोड़ा आसान हो जाएगा कि कौन से फायदेमंद हैं और कौन से हानिकारक हैं। प्रोसीडिंग्स ऑफ कैलिफोर्निया एकेडमी ऑफ साइंसेज (Proceedings of the California Academy of Sciences) की एक रिपोर्ट के अनुसार, बैक्टीरिया सेलुलर जीवन का एक प्रमुख कॉम्पोनेन्ट है। वे हमारे शरीर सहित पृथ्वी पर हर जगह मौजूद हैं, जिसमें हमारा शरीर भी शामिल है। लेकिन, सभी बैक्टीरिया या जर्म्स हानिकारक नहीं होते हैं। बल्कि हमारे शरीर में पाए जाने वाले कुछ जर्म्स हमारे लिए मददगार भी हो सकते हैं। प्रोबायोटिक्स, लाभकारी बैक्टीरिया की एक श्रेणी है, जो इम्यून फंक्शन में सुधार कर सकते हैं, भोजन और पोषक तत्वों के पाचन और अवशोषण में सुधार कर सकते हैं और हानिकारक बैक्टीरिया से हमें बचा सकते हैं।
लेकिन, कुछ जर्म्स बुरे भी होते हैं, खासतौर पर बैक्टीरिया जो बीमारी का कारण बनते हैं जैसे स्ट्रेप थ्रोट। वायरस हमारे शरीर के सेल्स पर भी अटैक कर सकते हैं, जिससे हमें फ्लू और सामान्य सर्दी सहित कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। अगर आपको मशरुम, यीस्ट से भरपूर आहार आदि बहुत पसंद हैं, तो इसका अर्थ है कि आप कवक का स्वाद ले चुके हैं और उनके लाभों के बारे में जानते हैं। जबकि, अन्य तरह के कवक जैसे मोल्ड्स, जहरीली मशरूम हानिकारक होते हैं यह कवक कई खास स्किन कंडिशंस का कारण भी बन सकती हैं जैसे एथलिट’स फुट (Athlete’s foot) और रिंगवर्म (Ringworm)। उम्मीद है कि गुड बनाम बैड जर्म्स (Good vs. Bad Germs) के बारे में आप जान गए होंगे। अब जानते हैं बैक्टीरिया और ह्यूमन हेल्थ के बारे में।
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बैक्टीरिया और ह्यूमन हेल्थ (Bacteria and Human Health)
ह्यूमन गट बैक्टीरिया के लिए बेहतरीन एनवायरनमेंट है, जिसमें उनके पनपने के लिए ढेर सारे पोषक न्यूट्रिएंट्स उपलब्ध होते हैं। जब हमारा इम्यून सिस्टम सही तरीके से फंक्शन कर रहा होता है, तो हम हार्मफुल पैथोजन्स harmful pathogens द्वारा कोलोनाइजेशन को रोकने में मदद कर सकते हैं। गुड बनाम बैड जर्म्स (Good vs. Bad Germs) में यह इंफॉर्मेशन बेहद महत्वपूर्ण है। हालांकि, अगर आपके गुड गट बैक्टीरिया में व्यवधान होता है, तो हमारा पूरा सिस्टम खराब हो सकता है, जिससे कई समस्याएं हो सकती है। इन खराब और आक्रामक बैक्टीरिया के कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं:
- स्ट्रेप्टोकोकस निमोनिया (Streptococcus pneumoniae), जो निमोनिया का कारण बनता है
- स्ट्रेप्टोकोकस (Streptococcus)
- क्लोस्ट्रीडियम (Clostridium)
- स्टैफिलोकॉकस ऑरियस (Staphylococcus aureus)
इनमें से कई बैक्टीरिया हमारी स्किन और शरीर के बाहर होते हैं और हानिरहित हैं। लेकिन, अगर वे त्वचा पर कट के माध्यम से हमारी ब्लडस्ट्रीम में प्रवेश करते हैं, तो घातक हो सकते हैं। ये बैक्टीरिया टिश्यूज, मसल्स, नर्वज, फैट और ब्लड सेल्स को प्रभावित करने वाले संक्रमण का कारण बन सकते हैं। लेकिन, अगर इसकी पहचान जल्दी कर ली जाए तो इसका इलाज किया जा सकता है। गुड बनाम बैड जर्म्स (Good vs. Bad Germs) के साथ ही यह भी जान लेते हैं कि शरीर में गुड और बैड जर्म्स को कैसे बैलेंस किया जा सकता है?
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गुड बनाम बैड जर्म्स (Good vs. Bad Germs): गुड और बैड जर्म्स को कैसे बैलेंस किया जा सकता है?
अगर बात की जाए शरीर को हार्मफुल जर्म्स से बचाने की, तो इसके लिए सबसे बेहतरीन उपाय है सही हाइजीन हैबिट्स को अपनाना जैसे सही से हैंड वाश करना और अपने आसपास के स्थान को साफ रखना। लेकिन, याद रखें कि कुछ बैक्टीरिया या जर्म्स का स्किन पर होना पूरी तरह से नेचुरल है। फिर भी खाना खाने और बनाने से पहले, बाथरूम का इस्तेमाल करने के बाद या ऐसे किसी व्यक्ति के सम्पर्क में आने के बाद जो बीमार है अपने हाथों को साफ करना कभी न भूलें।
आप ऐसे उत्पादों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं, जो शरीर में गुड और बैड बैक्टीरिया के बैलेंस को बदल दें। प्रोबायोटिक्स गुड बैक्टीरिया का एक प्रकार है जो नैचुरली शरीर में पाए जाते हैं और प्रीबायोटिक्स जैसे न्यूट्रिएंट्स उन्हें ग्रो होने और पनपने में मदद करते हैं। आप इन्हें अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। इसके साथ ही आप पर्सनल केयर उत्पाद जिनमें न्यूट्रिएंट्स होते हैं जैसे प्रीबायोटिक्स सोप, से स्किन में हेल्दी बैलेंस बना रहता है।
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यह तो थी गुड बनाम बैड जर्म्स (Good vs. Bad Germs) के बारे में जानकारी। अपने शरीर को स्वस्थ रखने का मतलब सभी कीटाणुओं से खुद को मुक्त करना नहीं है। अच्छी स्वच्छता बनाए रखने और शरीर में गुड जर्म्स को पनपने में मदद करके, आप अपने शरीर के माइक्रोबायोम में एक हेल्दी बैलेंस बनाए रख सकते हैं। उम्मीद है कि गुड बनाम बैड जर्म्स (Good vs. Bad Germs) के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। हमारे इम्यून सिस्टम को जर्म्स के सही कॉम्बिनेशन की जरूरत होती है, ताकि हम हेल्दी रह सकें। एंटीबायोटिक्स वो पावरफुल टूल्स हैं जो हमें हेल्दी रख सकते हैं। लेकिन, इनका इस्तेमाल केवल तभी करना चाहिए जब जरूरत हो। अगर आपके मन में इसके बारे में कोई भी सवाल है तो डॉक्टर से इस बारे में अवश्य जानें।
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