पेप्टिक अल्सर (Peptic ulcer) खुले हुए घाव होते हैं जो पेट की अंदर की सतह या छोटी आंत के ऊपरी भाग पर विकसित होते हैं। पेप्टिक अल्सर सबसे कॉमन लक्षण पेट में दर्द है। पेप्टिक अल्सर का आम कारणों में बैक्टीरियम हेलिकोबैक्टर पायलोरी (Bacterium Helicobacter pylori) का इंफेक्शन और एनएसएआईडीएस दवाओं का यूज है। पेप्टिक अल्सर का निदान होने के बाद इसका इलाज आसानी से किया जा सकता है। पेप्टिक अल्सर का निदान (Peptic Ulcer Diagnosis) कई तरीकों से किया जा सकता है जिसमें ब्लड टेस्ट्स, स्टूल टेस्टिंग, एंडोस्कोपी और अपर गेस्ट्रोइंटेस्टाइनल सीरीज शामिल है।
इस तरीके आप खुद कर सकते हैं पेप्टिक अल्सर का निदान (Peptic Ulcer Diagnosis)
यदि आप पेट में जलन, पेट फूलना, सीने में जलन और जी मिचलाने का अनुभव करते हैं तो आपको पेप्टिक अल्सर होने का संदेह हो सकता है। पेट में जलन पेप्टिक अल्सर डिजीज का सबसे प्रचलित लक्षण है और खाली पेट होने, भोजन के बीच में और रात के समय यह लक्षण और भी बढ़ जाता है। कुछ एसिड को कम करने वाली दवाएं अस्थाई रूप से लक्षणों से राहत देती हैं, लेकिन वे वापस आ जाते हैं। खासतौर पर जब पीड़ित व्यक्ति स्मोक करता है या नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लामेटरी ड्रग्स(Nonsteroidal anti-inflammatory drugs) जैसे कि आईबुप्रोफेन का उपयोग करता है।
जब व्यक्ति खुद में दिखाई देने वाले लक्षणों के जरिए पेप्टिक अल्सर का निदान (Peptic Ulcer Diagnosis) कर रहा हो, तो उसे इस बीमारी के कुछ गंभीर लक्षणों के बारे में भी पता होना चाहिए। जिसमें भूख में बदलाव, बिना किसी कारण के वजन कम होना (Unexplained weight Loss), उल्टी में खून आना, स्टूल में डार्क ब्लड आना। कुछ लोग बेहोश होने के साथ ही सांस लेने में तकलीफ महसूस कर सकते हैं। अगर इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दें और डॉक्टर की सलाह लें। स्ट्रेस और स्पाइसी फूड्स अल्सर को ट्रिगर कर सकते हैं।
हालांकि, बैक्टीरियल इंफेक्शन (Bacterial infection) और लंबे समय तक दर्द निवारक दवाओं का उपयोग इसके आम कारण माने जाते हैं, लेकिन कुछ फूड्स और तनाव अल्सर को और बुरा बना सकते हैं। स्वयं लक्षणों की पहचान करने के अलावा पेप्टिक अल्सर के निदान के लिए कुछ अन्य डायग्नोसिस की आवश्यकता हो सकती है। चलिए उनके बारे में भी जान लेते हैं।
पेप्टिक अल्सर का निदान करने के लिए टेस्ट (Tests to Diagnose Peptic Ulcers)
डॉक्टर किसी प्रकार के टेस्ट से पहले फिजिकल एग्जामिनेशन करता है ताकि पेप्टिक अल्सर का निदान (Peptic Ulcer Diagnosis) किया जा सके। वे ब्लोटिंग या पेट की कोमलता के लिए एग्जामिन करते हैं। इसके साथ ही मरीज के लक्षण, लाइफस्टाइल और हेल्थ हिस्ट्री के अनुसार जिसमें आप अभी कौन सी दवाएं ले रहे हैं उसके आधार पर कई प्रकार के टेस्ट डॉक्टर पेप्टिक अल्सर का निदान करने के लिए कह सकते हैं। जिसमें निम्न शामिल हैं:
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ब्लड टेस्ट (Blood test)
ब्लड टेस्ट के जरिए डॉक्टर यह पता लगाने की कोशिश करते हैं कि क्या पेप्टिक अल्सर का कारण हेलोकोबैक्टर पायलोरी इंफेक्शन (Helicobacter pylori infection) है। पेप्टिक अल्सर का निदान (Peptic Ulcer Diagnosis) करने के लिए ब्लड टेस्ट जिस दिन आप डॉक्टर के पास जाते हैं उसी दिन डॉक्टर करवा सकते हैं।
ब्रीद टेस्ट (Breath test)
पेप्टिक अल्सर के निदान के लिए होने वाले ब्रीद टेस्ट में व्यक्ति को ऐसा कुछ खाना या पीना पड़ता है जिसमें रेडियोएक्टिव कार्बन हो। दरअसल एच पायलोरी (H. pylori) पेट में मौजूद सब्सटेंस को तोड़ देता है। इसके बाद व्यक्ति को बेग में फूंक मारने के लिए कहा जाता है और उसे सील कर दिया जाता है। अगर व्यक्ति को पी पायलोरी का इंफेक्शन है तो सेम्पल में कार्बन डायऑक्साइड (Carbon dioxide) के फॉर्म में रेडियोएक्टिव कार्बन (Radioactive carbon) होगा।
स्टूल टेस्ट (Stool test)
स्टूल टेस्ट के जरिए भी पेप्टिक अल्सर का निदान (Peptic Ulcer Diagnosis) किया जाता है। ब्रीद टेस्ट और स्टूल पायलोरी इंफेक्शन का पता लगाने के लिए सभ एक्यूरेट माने जाते हैं जो पेप्टिक अल्सर का कारण बनता है।
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पेप्टिक अल्सर का निदान करने के लिए इमेजिंग टेस्ट (Imaging Tests to Diagnose Peptic Ulcers)
अगर पेप्टिक अल्सर एच पायलोरी से संबंधित नहीं है तो डॉक्टर कुछ इमेजिंग टेस्ट कराने के लिए कह सकता है। ताकि पेट और आंत के बारे में जानकारी ली जा सके। जिसमें निम्न शामिल हो सकते हैं:
एंडोस्कोपी (Endoscopy)
पेप्टिक अल्सर का निदान (Peptic Ulcer Diagnosis) करने लिए की जाने वाले इमेजिंग टेस्ट में एंडोस्कोपी आम है। इसमें लेंस के साथ एक छोटी ट्यूब को गले में इंसर्ट की जाती है ताकि, इसोफेगस, छोटी आंत और पेट को देखा जा सके। इससे गेस्ट्रोएंट्रियोलॉजिस्ट को अपर डायजेस्टिव सिस्टम upper digestive system को देखने में मदद मिलती है। अगर किसी प्रकार का अल्सर दिखाई देता है तो डॉक्टर ट्रीटमेंट प्रदान करते हैं और ट्रीटमेंट के बाद एक और एंडोस्कोपी की जा सकती है ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि अल्सर पूरी तरह हील हुआ है या नहीं।
अक्सर डॉक्टर एंडोस्कोपी की सलाह अधिक उम्र वाले मरीजों को देते हैं साथ ही जिनमें ये लक्षण जैसे ब्लीडिंग, हाल ही में वजन का कम होना, खाने और निगलने में कठिनाई होना दिखाई देते हैं।
अपर गेस्ट्रोइंटेस्टाइनल सीरीज (Upper gastrointestinal series)
पेप्टिक अल्सर का निदान (Peptic Ulcer Diagnosis) करने के लिए किए जाने वाले इस टेस्ट को कई बार बेरियम स्वालो (Barium swallow) भी कहा जाता है। एक्स रे की इस सीरीज में अपर डायजेस्टिव सिस्टम की इमेजेस ली जाती हैं जिसमें इसोफेगस, पेट और छोटी आंत शामिल है। एक्स रे के दौरान व्यक्ति को वाइट लिक्विड जिसमें बैरियम होता है उसे निगलना होता है। यह डायजेस्टिव ट्रेक्ट को कोट कर देता है और अल्सर को अधिक क्लियरली दिखाने में मदद करता है। इस टेस्ट को भी पेप्टिक अल्सर के गंभीर लक्षण जैसे कि उल्टी के साथ पेट में दर्द, वजन कम होना, निगलने में कठिनाई आदि दिखाई देने पर रिकमंड किया जाता है।
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सीटी स्केन (CT scan)
एक कंट्रास्ट माध्यम (Contrast medium) नामक घोल पीते हुए, व्यक्ति एक टेबल पर लेट जाता है जो आपके पेट और छोटी आंत की एक्स-रे तस्वीरें लेने के लिए एक टनल में स्लाइड करती है। पेप्टिक अल्सर के कारण होने वाले किसी भी नुकसान को देखने का यह एक अच्छा तरीका है, जैसे क्षरण (Erosion) के कारण पेट में छेद।
पेट में अल्सर से बचाव के लिए जीवनशैली में कुछ विशेष बदलाव भी करने चाहिए। जो निम्न प्रकार हैं।
- शराब और सिगरेट से परहेज करें।
- कैफीन और एल्कोहॉल के सेवन से बचें (या तो इसे कुछ खाने के बाद ही कम मात्रा में लें)
- दिन में दो बार खसखस के दानों पीसकर खाएं। इससे पेट की गर्मी दूर होती है और पाचन तंत्र ठीक से काम करता है।
- रोजाना नियमित रूप से साबुन से अपने हाथ धोएं ताकि बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचा जा सके।
- ज्यादा तीखा खाना खाने से अगर सीने में जलन महसूस हो तो तीखा खाने से परहेज करें।
- खाना पकाने से पहले उसे अच्छी तरह धोकर साफ कर लें।
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उम्मीद करते हैं कि आपको पेप्टिक अल्सर का निदान (Peptic Ulcer Diagnosis) कैसे किया जाता है इससे संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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