प्रेग्नेंसी (गर्भावस्था) किसी भी महिला के लिए एक ऐसा वक्त होता है जब वह अपना ध्यान भी गर्भ में पल रहे बच्चे (भ्रूण) के लिए रखती है। कहते हैं मां अपने बच्चे का ध्यान गर्भ से ही रखने लगती हैं जो सही भी है। प्रेग्नेंसी में छोटी सी गलती मां और बच्चे दोनों को नुकसान पहुंचा सकती है। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन के अनुसार प्रेग्नेंसी के दौरान प्रेग्नेंट लेडी अगर स्ट्रेस (तनाव) में रहती हैं तो इसका असर बच्चे के दिमाग (मस्तिष्क) पर होता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान स्ट्रेस होना आम बात है। तनाव किसी भी वजह हो सकता है। पारिवारिक हो या गर्भवती महिला की सेहत से जुड़ा हुआ। कुछ तरह के स्ट्रेस से सीरियस प्रोबल्म्स जैसे हाई ब्लड प्रेशर और प्रीमेच्योर बर्थ हो सकता है। प्रेग्नेंट लेडी के साथ परिवार के सदस्यों की जिम्मेदारी होती है ऐसे वक्त में उनका साथ देना और समझना। साथ ही इस समय महिला को कोई भी समस्या होने पर अपने पार्टनर, करीबी या फिर डॉक्टर से बात करनी चाहिए। क्योंकि तनाव बच्चे का मानसिक विकास ठीक से नहीं होने देता है और इसके लक्षण नवजात के जन्म के तुरंत बाद ठीक से समझ नहीं आते हैं लेकिन, शिशु के बढ़ने के साथ-साथ मस्तिष्क से जुड़ी परेशानियां दिखने लगती हैं।
प्रेग्नेंसी पर कैसे असर डालता है स्ट्रेस? (How can stress affect your pregnancy?)
प्रेग्नेंसी के दौरान स्ट्रेस होना कॉमन है क्योंकि इस दौरान शरीर में कई बदलाव हेत हैं। आपके शरीर से लेकर पारिवारिक जिंदगी और आपके इमोशंस में कई तरह के बदलाव आते हैं। आप इन बदलावों को अपनाती हैं, लेकिन कई बार ये आपकी जिंदगी में स्ट्रेस का कारण भी बन सकते हैं।
लंबे समय तक यदि आप तनाव के उच्च स्तर में रहते हैं तो यह उच्च रक्तचाप और हृदय रोग जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। गर्भावस्था के दौरान, तनाव के कारण समय से पहले बच्चे के जन्म होने की भी संभावना रहती है। समय से पहले पैदा होने वाले बच्चों का वजन भी कम होता है। इन बच्चों में स्वास्थ्य समस्याओं के होने का खतरा अधिक होता है।
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प्रेग्नेंसी के दौरान किन कारणों से होता है स्ट्रेस? (What causes stress during pregnancy?)
हर महिला में स्ट्रेस का कारण अलग हो सकता है, लेकिन निम्न कुछ ऐसे कारण बताए गए हैं जिनकी वजह से प्रेग्नेंसी में स्ट्रेस होना बेहद कॉमन है:
- प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली परेशानियां जैसे मॉर्निंग सिकनेस, कॉन्सटीपेशन, थकावट महसूस होना, पीठ में दर्द होना आदि।
- प्रेग्नेंसी के दौरान हार्मोन बदलते हैं, जिससे आपको मूड स्विंग्स हो सकते हैं। मूड स्विंग्स के कारण तनाव बढ़ सकता है।
- आप डिलिवरी को लेकर परेशान हो सकती हैं।
- बच्चे की देखभाल को लेकर भी आप चिंतित हो सकती हैं।
- आपको इस बात की चिंता हो सकती है कि आप जो खाती-पीती हैं और महसूस करती हैं, ये चीजें आपके बच्चे को कैसे प्रभावित करती हैं।
- यदि आप जॉब करती हैं, तो मैटरनिटी लीव लेने पर दफ्तर के काम का प्रबंधन आदि को लेकर आपको स्ट्रेस हो सकता है।
क्या प्रेग्नेंसी के दौरान तनाव का उच्च स्तर बाद में आपके बच्चे के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है?
कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि गर्भावस्था में तनाव का उच्च स्तर बच्चे में कुछ समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे ध्यान देने में परेशानी होना या डर लगना। यह संभव है कि तनाव आपके बच्चे के मस्तिष्क के विकास या प्रतिरक्षा प्रणाली को भी प्रभावित कर सकता है।
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कैसे कम करें प्रेग्नेंसी स्ट्रेस (How to reduce pregnancy stress)
1. अपने करीबियों के साथ समय बिताएं (Spend time with your close ones)
अगर आप अपने पार्टनर से खुलकर बात करेंगी और अपनी परेशानी समझाएंगी तब ही आप खुद को प्रेग्नेंसी स्ट्रेस से मुक्त रख सकती हैं। ये सिर्फ प्रेग्नेंट लेडी की जिम्मेदारी नहीं है कि वह प्रेग्नेंसी के दौरान स्ट्रेस न लें बल्कि पार्टनर (हस्बैंड) की भी होती है। ऐसा करने से आप प्रेग्नेंसी में स्ट्रेस या गर्भावस्था में स्ट्रेस को कम कर सकती हैं।
2. प्रेग्नेंसी स्ट्रेस से बचने के लिए पौष्टिक आहार (Nutritious food)
पौष्टिक आहार तो हमेशा ही खाना चाहिए लेकिन प्रेग्नेंसी के दौरान कम्प्लीट मील (दाल, राइस, रोटी, हरी सब्जी, सलाद) के साथ फ्रूट्स, ड्राई फ्रूट्स का सेवन जरूर करना चाहिए।
3. आराम करें (Take rest)
इस दौरान खुद को रिलेक्स रखने की भी कोशिश करें। इससे टेंशन नहीं होगा। प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली परेशानियां जैसे मॉर्निंग सिकनेस, कमर दर्द आदि को लेकर स्ट्रेस न लें। ये फिलहाल के लिए है। इनसे निपटने के लिए अपने चिकित्सक द्वारा दी गई टिप्स को फॉलो करें।
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4. प्रेग्नेंसी स्ट्रेस से बचने के लिए करें योग और आसन (Do yoga and asanas)
तनाव कम करने के लिए प्रेग्नेंसी के दौरान किए जाने वाले योग करें। इससे सेहत ठीक होने के साथ-साथ तनाव भी कम होगा।
5. खुश रहें (Be happy)
खुश तो किसी भी परिस्थिति में रहना चाहिए लेकिन, प्रेग्नेंसी के दौरान खुश रहना जरूरी है।
6. नवजात के परवरिश की प्लानिंग करें (Plan newborn care)
बच्चे के लिए प्लानिंग करें कि आप उसे कैसे स्वस्थ रखेंगी। नवजात के जन्म के बाद आप क्या करना चाहती हैं। इसकी भी प्लानिंग कर लें।
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7. डिलिवरी की प्लानिंग करें (Plan delivery)
डॉक्टर्स से या अपनी सहेलियों से बात करें जो मां बन चुकी हैं। उनसे जानने और समझने की कोशिश करें कि डिलिवरी के वक्त क्या-क्या करना चाहिए और क्या नहीं। ऐसा करने से आप प्रेग्नेंसी स्ट्रेस (Pregnancy stress) या गर्भावस्था में चिंता से बच सकते हैं।
8. ऑफिस वर्क कन्टीन्यू करें (Continue to work office)
प्रेग्नेंसी शुरू होते ही ऑफिस जाना बंद ना करें क्योंकि ये भी तनाव पैदा कर सकता है। कुछ महिलाएं खाली घर पर बैठने से तनाव महसूस करती हैं। इसलिए आप अपनी सुविधा के अनुसार काम करें।
9. डॉक्टर्स अपॉइंटमेंट टालें नहीं (Never postpone doctors appointment)
डॉक्टर द्वारा बताए गए समय पर उनसे मिलें और बताए गई जांच जरूर करवाएं। कभी भी डॉक्टर के अपॉइंटमेंट को टालने की गलती न करें। कई बार यह परेशानी का कारण बन सकता है।
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कुछ बातों को ध्यान रखकर प्रेग्नेंसी खुशनुमा बनाएं। यह आपके बच्चे के दिमाग पर सकारात्मक असर करेगा और आपके लड़ले या लाड़ली का मानसिक विकास बेहतर तरीके से होगा। हम उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में प्रेग्नेंसी स्ट्रेस (Pregnancy stress) या गर्भावस्था में स्ट्रेस से जुड़ी जानकारी दी गई है। यदि इस लेख से जुड़ा आपका कोई प्रश्न है तो आप कमेंट कर पूछ सकते हैं। आप प्रेग्नेंट हैं और आपको कोई कॉम्प्लीकेशन्स हैं तो अधिक जानकारी के लिए बेहतर होगा आप अपने चिकित्सक से कंसल्ट करें।
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