मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि जिस बच्चे के लिए मैं पिछले 5 महीने से प्लानिंग कर रही थी, हर पल जिससे बातें कर रही थी वो अब इस दुनिया में नहीं आ सकता। राहुल भी इस बात से बुरी तरह टूट गए थे। हमने डॉक्टर्स से कई बार कंफर्म किया, कि कहीं कोई गलती तो नहीं हो गई स्कैनिंग में? हम कुछ और टेस्ट करके देख लें क्या? लेकिन मन को समझाने वाली ये कोशिशें बेकार साबित हुईं और पहली प्रेग्नेंसी (First Pregnancy) के हेल्दी होना का सपना टूट गया।
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वो था अब तक का सबसे पेनफुल एक्सपीरियंस..
हमारी बातें सुनकर डॉक्टर ने कहा कि मेरी तो यही सलाह होगी कि आप अबॉर्शन (Abortion) करा लें बाकी आपकी पहली प्रेग्नेंसी (First Pregnancy) है आपकी मर्जी है आप लोग जो चाहे वह डिसीजन ले सकते हैं, लेकिन बच्चे में जन्म के बाद कई कॉम्प्लिकेशन हो सकते हैं। हम लोग रोते हुए घर पहुंचे और राहुल के मम्मी पापा यानी मेरे इनलॉज को सारी बात बताई। उन्होंने ध्यान से सारी बातें सुनी और हमें डॉक्टर की सलाह मानने को कहा।
एक से दो दिन बाद डॉक्टर से अपॉइंटमेंट लेकर हम लोग हॉस्पिटल पहुंच गए। डॉक्टर ने कहा कि अबॉर्शन (Abortion) का प्रॉसेस नॉर्मल डिलिवरी (Normal delivery) जैसा ही होगा। यानी बेबी को वजायना (Vagina) के जरिए ही बाहर निकाला जाना था। उस दर्द को मैं बयां नहीं कर सकती जब मैंने अपने मृत बच्चे को देखा। मुझसे ज्यादा दुख मेरे पति को हुआ था। क्योंकि उन्होंने बच्चे की अंतिम क्रिया की थी। आज भी उस दिन को याद करती हूं, तो आंखें नम हो जाती हैं।
वजायनल डिलिवरी के बारे में अधिक जानने के लिए देखें ये 3डी मॉडल:
डिसाइड कर लिया कि नॉर्मल डिलिवरी (Normal delivery) कभी नहीं करवाऊंगी