परिचय
हेल्प सिंड्रोम (HELLP syndrome) क्या होता है?
हेल्प सिंड्रोम गर्भावस्था के समय होने वाली एक जानलेवा कंडिशन है। इसमें ब्लड प्रेशर और लिवर से जुड़ी समस्याएं होती हैं। यह आमतौर पर प्रीक्लैम्प्सिया से जुड़ा होती है। यह एक ऐसी स्थिति है जो गर्भावस्था के 20वें सप्ताह के बाद शुरू होती है। हेल्प सिंड्रोम यकृत में होने वाली एक बीमारी है, जिसका इलाज न होने पर घातक परिणाम हो सकते हैं। हेल्प सिंड्रोम के लक्षण साफ-साफ नहीं दिखाई पड़ते हैं। शुरुआती दौर में इसके लक्षण समझ में नहीं आते हैं जिसकी वजह से इलाज करना मुश्किल हो सकता है। हेल्प सिंड्रोम इन तीन वजहों से होता है-
- एच: हीमोलाइसिस- इसमें लाल रक्त कोशिकाओं टूटती हैं जिसकी वजह से आपके फेफड़ों के द्वारा दी जाने वाली ऑक्सीजन शरीर तक नहीं पहुंचती है।
- ईएल: एलिवेटेड लिवर एंजाइम- जब हेल्प सिंड्रोम का लेवल बढ़ा हुआ है तो इसका मतलब यह है कि आपके लिवर में समस्या है।
- एलपी: प्लेटलेट काउंट कम होना- प्लेटलेट्स कम होने से खून के थक्के बनने लगते हैं।
कितना आम है हेल्प सिंड्रोम (HELLP syndrome)?
हेल्प सिंड्रोम एक दुर्लभ बीमारी है, जो प्रेग्नेंट महिलाओं में एक प्रतिशत से कम को हाेती है। यह एक खतरनाक बीमारी है और जो मां और बच्चे दोनों के लिए जानलेवा हो सकती है। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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लक्षण
हेल्प सिंड्रोम के सामान्य लक्षण क्या हैं ?
हेल्प सिंड्रोम के लक्षण अलग-अलग व्यक्ति के लिए अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन जो सबसे आम लक्षण हैं, जैसे कि-
- आम तौर पर अस्वस्थ या थकान महसूस करना
- बार-बार पेट दर्द होना
- मतली होना
- उल्टी होना
- सिरदर्द की समस्या से परेशान रहना
इस बीमारी में आप ये चीजें भी अनुभव कर सकते हैं:
- सूजन, विशेष रूप से हाथ, पैर या चेहरे पर सूजन आसानी से नजर आ सकता है
- अत्यधिक और अचानक वजन बढ़ना
- आंखों से धुंधला दिखना
- कंधे में दर्द महसूस होना
- गहरी सांस लेने पर दर्द होना
- कई गंभीर स्थिति मेंआपको सिरदर्द और दौरे भी पड़ सकते हैं। ये लक्षण आमतौर पर एडवांस हेल्प सिंड्रोम का संकेत देते हैं। ऐसे में आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
निम्नलिखित स्थिति में हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह लेना जरूरी है। जैसे-
- हेल्प सिंड्रोम के लक्षण फ्लू से काफी मिलते-जुलते हैं। ये लक्षण गर्भावस्था के सामान्य लक्षण जैसे प्रतीत हो सकते हैं।
- गर्भावस्था के दौरान यदि आपको कोई फ्लू जैसे लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो आप तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
- केवल आपका डॉक्टर ही यह सुनिश्चित कर सकता है कि आपके लक्षण गंभीर हैं या नहीं।
- इसके अलावा यदि आपको ऊपर सूचीबद्ध कोई लक्षण दिखता है तो कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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कारण
हेल्प सिंड्रोम के कारण क्या हैं?
हेल्प सिंड्रोम आमतौर पर गर्भावस्था के अंतिम तिमाही या 37वें सप्ताह से पहले होता है। इस बीमारी के और क्या कारण होते हैं, इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है।
इस सिंड्रोम के पेशेंट को क्या करना चाहिए?
निम्नलिखित बातों का ध्यान अवश्य रखें। जैसे-
- गर्भधारण से पहले शारीरिक जांच अवश्य करवानी चाहिए।
- प्रीनेटल विजिट समय-समय पर करवाते रहना चाहिए।
- अपने परिवार के सदस्यों की इसकी जानकारी अवश्य दें।
- अगर ब्लड रिलेशन में कोई इस बीमारी से पीड़ित हैं, तो इसकी जानकारी हेल्थ एक्सपर्ट को अवश्य दें।
- इसके लक्षणों को जरूर समझें।
- सकारात्मक सोच रखें।
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जोखिम
कौन सी स्थितियां हैं जो हेल्प सिंड्रोम की संभावना को बढ़ा सकती हैं?
प्रीक्लैम्प्सिया होना इस बीमारी का सबसे बड़ा कारण है। इस स्थिति में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या और सूजन की समस्या हो जाती है। यह आमतौर पर गर्भावस्था के अंतिम तिमाही के दौरान होती है। हालांकि, प्रीक्लैम्प्सिया वाली सभी गर्भवती महिलाओं को हेल्प सिंड्रोम विकसित नहीं होता है।
इस बीमारी के होने के अन्य कारण हैं:
- 30 वर्ष से अधिक होने पर यदि आप प्रेग्नेंट हैं तो आपको ये बीमारी हो सकती है
- बहुत अधिक वजन होना
- खराब आहार लेना
- मधुमेह की समस्या
- पहले से ही प्रीक्लैम्प्सिया होना
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उपचार
हेल्प सिंड्रोम का इलाज कैसे होता है?
- हेल्प सिंड्रोम को पता लगाने के लिए डॉक्टर सबसे पहले आपके कई परीक्षण करेंगे।
- परीक्षण के दौरान, डॉक्टर पेट, लिवर और किसी भी जगह होने वाली सूजन के कारणों का पता लगाते हैं। जोकि लिवर की समस्या के संकेत हो सकते हैं।
- डॉक्टर आपके ब्लड प्रेशर की जांच कर सकता है।
कुछ अन्य परीक्षण भी डॉक्टर को इस बीमारी का पता लगाने में मदद कर सकते हैं, जैसे कि-
- प्लेटलेट और रेड ब्लड सेल्स के काउंट का परीक्षण
- लिवर और प्रोटीन की जांच के लिए यूरिन परीक्षण
- लिवर में रक्तस्राव की जांच
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हेल्प सिंड्रोम का इलाज कैसे करें?
- अगर आपके शरीर में हेल्प सिंड्रोम पाया जाता है तो समय को देखते हुए बच्चे की डिलिवरी करवा देना सबसे अच्छा तरीका है।
- इस केस में कई बार प्रीमेच्योर बच्चे पैदा होते हैं।
- इस बीमारी का इलाज आपके लक्षण और बच्चे की डिलिवरी की डेट पर भी निर्भर करता है।
अगर हेल्प सिंड्रोम प्रेग्नेंसी के 34वें सप्ताह में डायगनोज होता है तो डॉक्टर आपको ये सलाह भी दे सकते हैं, जैसे कि-
बेडरेस्ट
एनीमिया और कम प्लेटलेट्स काउंट का इलाज करने के लिए प्लेटलेट्स चढ़ाया जाता है।
ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए एंटी-हाइपरटेंसिव दवा यदि जल्दी डिलिवरी होती है तो बच्चे के फेफड़ों को परिपक्व बनाने में मदद करने के लिए कॉर्टिकोस्टेरॉइड दवा की सलाह डॉक्टर दे सकते हैं।
- उपचार के दौरान डॉक्टर लाल रक्त कोशिका, प्लेटलेट और एलिवेटेड एंजाइम के स्तर की जांच करवाने की सलाह दे सकते हैं।
- आपके बच्चे के स्वास्थ्य को भी देखा जाएगा।
- यदि डॉक्टर यह निर्धारित करता है कि आपकी स्थिति के लिए बच्चे की तत्काल डिलिवरी जरूरी है तो आपको लेबर पेन के लिए दवाएं दी जा सकती है।
- कुछ मामलों में सिजेरियन डिलिवरी की जाती है।
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घरेलू उपाय
जीवनशैली में होने वाले बदलाव क्या हैं, जो मुझे क्रेस्ट सिंड्रोम को ठीक करने में मदद कर सकते हैं?
- प्रीक्लैम्प्सिया से पीड़ित लोग स्वस्थ जीवनशैली को बनाए रखते हुए हेल्प सिंड्रोम होने से बच सकते हैं।
- इसमें नियमित रूप से व्यायाम करना और स्वस्थ आहार खाना शामिल है।
- इसके लिए साबुत अनाज, सब्जियां, फल और प्रोटीन लेना चाहिए।
यदि आप हेल्प सिंड्रोम के लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं, तो तुरंत अपने डाॅक्टर से संपर्क करें।
उपरोक्त दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें। हेल्प सिंड्रोम प्रेग्नेंसी के समय की जटिलता है। अगर आपको भी हेल्प सिंड्रोम की समस्या है तो लापरवाही न बरतें। डॉक्टर ने आपको जो भी सलाह दी है, उसका पालन करें।
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