प्रेग्नेंसी वीक 14 में आपको किसी भी बीमारी के चपेट में आने का डर सता सकता है। प्रेग्नेंट होने पर आपका इम्यून सिस्टम पहले की तुलना में कमजोर हो जाता है। जिसका मतलब है कि आपके कोल्ड या फ्लू जैसे आम इंफेक्शन की चेपट में आने की आशंका बढ़ जाती है। प्रेग्नेंसी के 14वे हफ्ते में खुद को कीटाणुओं से दूर रखना बहुत जरूरी होता है। इसके लिए पब्लिक या घर का टॉयलेट इस्तेमाल करने के बाद या कूड़ेदान छूने के बाद अपने हाथ अच्छी तरह साफ करें। इसके अलावा आपको किसी भी इंफेक्शन के शिकार मरीज से दूर रहना चाहिए और उनका खाना शेयर नहीं करना चाहिए। हमेशा अपने साथ एक हैंड सैनिटाइजर रखें। यह आपको स्वस्थ और साफ रहने में मदद करेगा।
और पढ़ें- गर्भवती में कैल्शियम की कमी होने से होते हैं ये नुकसान, जानिए इसके लक्षण
प्रेग्नेंसी वीक 14 में डॉक्टरी सलाह
प्रेग्नेंसी वीक 14 के दौरान मुझे अपने डॉक्टर को क्या बताना चाहिए?
प्रेग्नेंसी वीक 14 में अगर आपको सोने में या पर्याप्त नींद लेने में दिक्कत आ रही है, तो अपने डॉक्टर को बताएं। सोते हुए बार-बार टॉयलेट जाने या असुविधाजनक पोजीशन में सोने की वजह से आपकी नींद पर बुरा असर पड़ सकता है और अगले दिन आप थका-थका महसूस कर सकती हैं। ऐसा करना आपके और आपके शिशु के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है। पर्याप्त नींद पाने के लिए अपने डॉक्टर से बात करें, वो कुछ सप्लीमेंट या बदलाव बताकर आपकी मदद कर सकता है, क्योंकि शिशु के विकास के लिए आपका पर्याप्त नींद लेना बहुत आवश्यक है।
और पढ़ें- गर्भावस्था में HIV और AIDS होने के कारण क्या शिशु भी हो सकता है संक्रमित?
प्रेग्नेंसी वीक 14 के दौरान मुझे किन टेस्ट्स के बारे में जानकारी होनी चाहिए?
प्रेग्नेंसी वीक 14 से कुछ हफ्ते पहले आपके डॉक्टर ने किसी क्रोमोसोमल असमानता की जांच करने के लिए प्री-नेटल स्क्रीनिंग की थी। अगर आपका डॉक्टर कहता है कि प्री-नेटल स्क्रीनिंग में किसी क्रोमोसोमल असमानता का खतरा आया है, तो आपको इसके बाद एम्नियोसेंटेसिस (Amniocentesis) नामक एक डायग्नोस्टिक टेस्ट करवाना होगा। आमतौर पर एम्नियोसेंटेसिस टेस्ट प्रेग्नेंसी वीक 14 से प्रेग्नेंसी वीक 18के बीच किया जाता है। अगर आपके शिशु को डाउन सिंड्रोम जैसी कोई क्रोमोसोमल असमानता है, तो इस टेस्ट में वो पता चल सकती है। एम्नियोसेंटेसिस टेस्ट में एम्नियोटिक फ्लूड के सैंपल की जांच की जाती है, जो कि एक बहुत महीन सुई के द्वारा आपके पेट से यूट्रस में डालकर निकाला जाता है। इस टेस्ट के सही रिजल्ट देने की 99 प्रतिशत संभावना होती है और इस टेस्ट से गर्भपात होने की 1 प्रतिशत आशंका होती है। प्रेग्नेंसी के 14वे हफ्ते में यह टेस्ट करवाने से पहले आप अपने डॉक्टर से इसके फायदे और खतरों के बारे में जान सकती हैं।