प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं कई समस्याओं का अनुभव करती है। किंतु, प्रेग्नेंसी के लक्षण हर महिला के लिए अलग हो सकते हैं। जैसे-जैसे प्रेग्नेंसी का समय गुजरता जाता है, यह अधिकतर लक्षण गायब हो जाते हैं। लेकिन, कुछ महिलाएं कुछ समय के बाद फिर से इन सिम्पटम्स को महसूस करती हैं। वैसे तो, प्रेग्नेंसी के लक्षणों का आना-जाना (Pregnancy Symptoms Come And Go) बेहद सामान्य है। किंतु, जो महिलाएं पहली बार मां बनती हैं, वो इन लक्षणों को लेकर अक्सर चिंतित और उत्सुक रहती हैं। अगर आप भी इन लक्षणों को लेकर परेशान हैं या आपके मन में इनके बारे में कोई सवाल है, तो अपने डॉक्टर से बात अवश्य करें। जैसा कि पहले ही बताया गया है कि प्रेग्नेंसी के लक्षणों का आना-जाना (Pregnancy Symptoms Come And Go) कॉमन है। लेकिन, इसके बारे में पूरी जानकारी होना बेहद जरूरी है। आइए जानें इस बारे में विस्तार से।
प्रेग्नेंसी के लक्षणों का आना-जाना कितना सामान्य है? (Pregnancy Symptoms Come And Go)
प्रेग्नेंसी का समय उत्साह और खुशी से भरा होता है। किंतु, कई कारणों की वजह से यह चिंता का विषय हो सकती हैं। जो महिलाएं पहले गर्भपात या अन्य किसी समस्या से गुजर चुकी होती हैं, वो इस दौरान और भी जागरूक रहती हैं। कुछ गर्भवती महिलाएं इस दौरान प्रेग्नेंसी के लक्षणों के कंसिस्टेंट न होने के कारण चिंतित रहती हैं। प्रेग्नेंसी के लक्षणों का आना-जाना (Pregnancy Symptoms Come And Go) कितना सामान्य है, इससे पहले गर्भावस्था के सामान्य लक्षणों के बारे में जान लेते हैं। जो इस प्रकार हैं:
- मॉर्निंग सिकनेस (Morning sickness)
- ब्रेस्ट टेंडरनेस (Breast tenderness)
- पीरियड्स का मिस होना (Missed period)
- ब्रेस्ट साइज बढ़ना (Increase in breast size)
- फूड क्रेविंग्स (Food cravings)
- ब्लोटिंग( Bloating)
- डिस्चार्ज बढ़ना (Increase in discharge)
- कब्ज (Constipation)
- थकावट या एनर्जी में कमी (Tiredness or lack of energy)
- मूड स्विंग्स (Mood swings)
कुछ महिलाएं इन सभी प्रेग्नेंसी के लक्षणों का अनुभव करती हैं, लेकिन कुछ महिलाएं कम लक्षणों को हो महसूस करती हैं, जबकि कुछ महिलाएं तो इनमें से एक भी लक्षण को फील नहीं करती हैं। इस बात का ध्यान रखना बेहद महत्वपूर्ण है कि प्रेग्नेंसी हर महिला के लिए विभिन्न होती है। यही नहीं, अगर आप दूसरी बार गर्भवती हैं तो भी आप इस समय पहली प्रेग्नेंसी के मुकाबले अलग सिम्पटम्स को महसूस करेंगी। यानी, प्रेग्नेंसी के लक्षणों का आना-जाना (Pregnancy Symptoms Come And Go) समस्या है, लेकिन सिम्पटम्स में क्या-क्या बदलाव हो रहे हैं और इनकी इंटेंसिटी चिंता का विषय हो सकते हैं। अब जानिए, प्रेग्नेंसी सिम्पटम्स में बदलाव को कब सामान्य माना जाता है?
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प्रेग्नेंसी के लक्षणों का आना-जाना कब सामान्य माना जाता है?
जैसा की पहले ही बताया गया है कि हर प्रेग्नेंसी एक जैसी नहीं होती है, इसका अर्थ है कि हर गर्भवती महिला में इसके एक जैसे लक्षण नजर नहीं आते हैं। कुछ महिलाएं पहले ट्रायमेस्टर में अत्यधिक जी मिचलाना जैसी परेशानी का अनुभव कर सकते हैं। लेकिन, कुछ महिलाओं को पूरी प्रेग्नेंसी के दौरान इस परेशानी का अनुभव नहीं होता है। आइए जानें इस बारे में:
फर्स्ट ट्रायमेस्टर (First trimester)
अधिकतर महिलाओं के लिए प्रेग्नेंसी का पहला ट्रायमेस्टर (First trimester) सबसे अधिक चुनौती भरा होता है। यह वो समय होता है, जब गर्भवती महिला शरीर में होने वाले बदलावों से कोप-अप करने की कोशिश कर रही होती है। इस दौरान महिलाएं अन्य लक्षणों जैसे जी मिचलाना (Nausea), टेंडर ब्रेस्ट (Tender breast), चक्कर आना (Dizziness), सिरदर्द (Headache) और क्रेप्स (Cramps) आदि का अनुभव सकती हैं।
प्रेग्नेंसी के लक्षणों का आना-जाना और सेकंड ट्रायमेस्टर (Second trimester)
सेकंड ट्रायमेस्टर को प्रेग्नेंसी का हनीमून पीरियड माना जाता है। क्योंकि इस समय गर्भावस्था के अधिकतर लक्षण गायब हो जाते हैं। हालांकि, कुछ महिलाएं इस दौरान पीठ में दर्द (Back ache), एंग्जायटी (Anxiety), कब्ज (Constipation), हार्टबर्न (Heartburn), डिप्रेशन (Depression) आदि का अनुभव करती हैं। कुछ महिलाएं फूड क्रेविंग (Food craving) आदि को भी महसूस करती हैं। यह समस्याएं कुछ महिलाओं को पहली तिमाही में भी हो सकती हैं।
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प्रेग्नेंसी के लक्षणों का आना-जाना और थर्ड ट्रायमेस्टर (Third trimester)
तीसरी तिमाही में, महिलाओं को वाटर रिटेंशन (water retention), या बार-बार पेशाब आने के कारण सूजन का अनुभव हो सकता है। क्योंकि, गर्भाशय आकार में बढ़ जाता है और मूत्राशय पर दबाव पड़ता है। हर ट्रायमेस्टर में समय, रिकरेन्स और गंभीरता के साथ लक्षणों में बदलाव आ सकते हैं। ऐसा भी हो सकता है कि गर्भावस्था में कुछ ही दिनों में यह सभी लक्षण गायब हो जाएं। लेकिन, कुछ ही दिनों में यह लक्षण अधिक इंटेंसिटी के साथ वापस नजर आने शुरू हो जाएं। अगर आप इस समय स्ट्रांग प्रेग्नेंसी सिम्पटम्स का अनुभव करें, जो आपकी 12 वीक प्रेग्नेंट होने से पहले एकदम कम हो जाएं या बंद हो जाएं। तो आपका हॉर्मोन लेवल ड्रॉप हो सकता है। ऐसे में आपके लिए अन्य प्रेग्नेंसी टेस्ट या स्कैन कराना जरूरी है। अगर आप गर्भावस्था में इन लक्षणों को अनुभव करती हैं, तो आपके लिए नियमित चेक-अप कराना भी जरूरी है।
हालांकि, यह हमेशा जरूरी नहीं है कि गर्भावस्था के दौरान लक्षणों का अचानक एंड होना चिंता का विषय है। लेकिन, प्रेग्नेंसी के दौरान लक्षणों के बारे में जानकारी होना और उनका ध्यान रखना बेहद जरूरी है। अगर आपको लगता है कि कोई लक्षण आपके लिए चिंता का विषय है या जिससे आपकी दिनचर्या प्रभावित हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से बात करें और अपनी जांच कराएं। ऐसा करना आपके और आपके शिशु के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। संक्षेप में कहा जाए तो प्रेग्नेंसी में इन लक्षणों को अनुभव करना बेहद कॉमन है। लेकिन, अगर इनके कारण आपको अधिक परेशानी हो रही हो तो डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। प्रेग्नेंसी के लक्षणों का आना-जाना (Pregnancy Symptoms Come And Go) क्या है, यह तो आप जान ही गए होंगे। अब जानते हैं कि प्रेग्नेंसी के कौन से लक्षण चिंता का कारण हो सकते हैं।
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प्रेग्नेंसी के कौन से लक्षण चिंता का कारण हो सकते हैं?
अधिकतर महिलाएं पीरियड मिस होने से पहले प्रेग्नेंसी के लक्षणों में बदलाव को लेकर चिंतित रहती हैं। हालांकि प्रेग्नेंसी की शुरुआत में लक्षणों का आना और जाना सामान्य है। प्रेग्नेंसी के समय रोजाना लक्षणों में बदलाव होना भी आम है। ऐसा भी माना जाता है कि गर्भावस्था के सिम्पटम्स का पहले 8 हफ्तों में आना और जाना भी सामान्य है। यह लक्षण रोजाना, सप्ताह या ट्रायमेस्टर के आधार पर बदल सकते हैं। यह तो थी जानकारी कि प्रेग्नेंसी के लक्षणों का आना-जाना (Pregnancy Symptoms Come And Go) क्या है? हालांकि, यह देखा गया है कि यदि लक्षण यह अचानक गायब हो जाते हैं, या कम हो जाते हैं, तो यह आपकी गर्भावस्था के लिए जोखिम का संकेत हो सकता है।
सबसे खतरनाक लक्षण जो कुछ महिलाएं नोटिस कर सकती हैं, वह है भ्रूण का मूवमेंट (Fetus movement) न होना। इसलिए, हर प्रेग्नेंसी सिम्पटम के बारे में जानकारी होनी चाहिए कि वो सामान्य है या चिंता का विषय हैं। हालांकि, यह अधिकतर लक्षण पहले गायब हो सकते हैं और गर्भावस्था के बढ़ने पर कभी भी फिर से आ हो सकते हैं। लेकिन, प्रसव के समय तक भ्रूण की मूवमेंट जारी रहनी चाहिए। इसके अलावा पेट में दर्द के साथ-साथ वजाइनल ब्लीडिंग (Vaginal bleeding) का मतलब इमरजेंसी भी हो सकता है। यह एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (Ectopic pregnancy) का संकेत हो सकता है, जिसके लिए तुरंत मेडिकल केयर की आवश्यकता होती है।
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उम्मीद है कि प्रेग्नेंसी के लक्षणों का आना-जाना (Pregnancy Symptoms Come And Go) क्या होता है, इस बारे में आप जान गए होंगे। यह भी आप जान गए होंगे कि प्रेग्नेंसी में विभिन्न लक्षणों का नजर आना सामान्य है। यही नहीं, इन लक्षणों में भी पूरी प्रेग्नेंसी के दौरान बदलाव होता रहता है। हर महिला में यह लक्षण अलग होते हैं। इस बात की जानकारी होना भी आपके लिए बेहद जरूरी है कि लक्षणों की गंभीरता या फ्रीक्वेंसी इस बात का स्पष्ट संकेत नहीं है कि आपकी गर्भावस्था कैसे आगे बढ़ रही है। प्रेग्नेंसी के लक्षणों का आना-जाना (Pregnancy Symptoms Come And Go) पूरी तरह से स्वाभाविक हो सकता है। यही नहीं, इस दौरान कोई लक्षण न होना भी सामान्य है। इन नौ महीनों का पूरी तरह से आनंद लेने के साथ ही ध्यान रखना भी जरूरी है।
याद रखें कि हर प्रेग्नेंसी अलग होती है और यह लक्षण भी अलग हो सकते हैं। कभी-कभी, बिना किसी लक्षण वाली गर्भावस्था भी गंभीर और तीव्र लक्षणों वाली प्रेग्नेंसी जैसी ही सामान्य होती है। लेकिन, इस बारे में डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। अगर आपके मन में इसके बारे में कोई भी सवाल हो तो अपने डॉक्टर से इस बारे में बात अवश्य करें। आप हमारे फेसबुक पेज पर भी अपने सवालों को पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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