और पढ़ें: साइनोफोबिया: क्या आपको भी लगता है कुत्तों से डर, हो सकती है यह बीमारी
डिप्रेशन (Depression)
जो लोग अनुपचारित डिप्रेशन का सामना करते हैं वे ड्रामेटिक मूड शिफ्ट्स का अनुभव कर सकते हैं। यह उनके एनर्जी लेवल, स्लीप और भूख को प्रभावित करता है।
मेजर डिप्रेसिव डिसऑर्डर (Major depressive disorder)
इस डिसऑर्डर में व्यक्ति अत्यंत दुखी होने का अनुभव करता है जो कि लंबे समय के लिए हो सकता है। एमडीडी को क्लिनिकल डिप्रेशन भी कहा जाता है।
इनके अलावा एंजायटी डिसऑर्डर भी निगेटिव मूड शिफ्ट्स का कारण बन सकता है। साथ ही रिलेशनशिप स्ट्रेस, पेरेंटिंग वर्क प्रेशर के कारण होने वाले तनाव के कारण भी रैपिड मूड स्विंग्स हो सकते हैं। अटेंशन डेफिसिएट हायपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (Attention deficit hyperactivity disorder) भी रैपिड मूड स्विंग्स का कारण बनता है।
रैपिड मूड स्विंग्स (Rapid mood swings) का कारण हो सकते हैं हॉर्मोन्स भी
हॉर्मोन्स ब्रेन की कैमिस्ट्री को प्रभावित करते हैं। टीनएजर्स और प्रेग्नेंट महिलाएं या जो मेनोपॉज का सामना कर रही होती हैं वे मूड में बदलावों का सामना करती हैं। क्योंकि इस दौरान हॉर्मोन्स में होने वाले बदलाव उस फेज के बॉडी चेंजेस से संबंधित होते हैं।
ड्रग्स और एल्कोहॉल का सेवन भी बन सकता है रैपिड मूड स्विंग्स (Rapid mood swings) का कारण
रैपिड मूड स्विंग्स (Rapid mood swings) का शिकार वे लोग आसानी से हो सकते हैं जो साइकोएक्टिव ड्रग्स (Psychoactive) और शराब का सेवन करते हैं। अगर ये लोग एडिक्टेड हो जाते हैं तो यह इमोशन को प्रभावित करने लगते हैं। इससे व्यवहार और एनर्जी लेवल भी प्रभावित होता है।
और पढ़ें: डिप्रेशन से बचने के उपाय, आसानी से लड़ सकेंगे इस परेशानी से
दूसरी हेल्थ कंडिशन्स भी बन सकती हैं रैपिड मूड स्विंग्स (Rapid mood swings) की वजह
दूसरी हेल्थ कंडिशन्स भी मूड शिफ्ट्स या रैपिड मूड स्विंग्स की वजह बन सकती हैं। जिसमें ऐसी कंडिशन्स शामिल हैं जो लंग्स, कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम को प्रभावित करती है। थायरॉइड भी इनका एक कारण है। सेंट्रल नर्वस सिस्टम को प्रभावित करने वाली कंडिशन्स भी मूड शिफ्ट्स की वजह बन सकती हैं।
रैपिड मूड स्विंग्स का इलाज कैसे किया जाता है? (Rapid mood swings treatment)
अगर आप सीवियर मूड शिफ्ट्स क अनुभव कर रहे हैं तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। वे मूड शिफ्ट्स के कारण के हिसाब से आपको सही ट्रीटमेंट सजेस्ट करेंगे। इलाज के लिए आपको प्रोफेशनल थेरिपी से लेकर मेडिकेशन की जरूरत पड़ सकती है। कुछ लाइफ स्टाइल चेंजेस भी मदद कर सकते हैं। जिसमें निम्न शामिल हैं।
- शेड्यूल बनाएं- खुद के लिए एक शेड्यूल बनाएं। खासकर खाने और सोने के लिए।
- रोज एक्सरसाइज करें- एक्सरसाइज करने के कई फायदे हैं जिसमें फिजिकल हेल्थ से लेकर मेंटल हेल्थ और मूड में सुधार भी शामिल है।
- पर्याप्त नींद लें- रात की अच्छी नींद बेहतर मूड के लिए जरूरी है। नींद की कमी मूड को प्रभावित कर सकती है।
- हेल्दी खाएं- बैलेस्ड, हेल्दी डायट आपके मूड में सुधार कर सकती है। साथ ही ओवरऑल हेल्थ के लिए भी अच्छी है।
- तनाव से बचें- यह कहना आसान है, लेकिन ध्यान, योग, म्यूजिक, रीडिंग आदि से तनाव को मैनेज किया जा सकता है। इसके साथ ही आप किसी क्रिएटिव एक्टिविटी का सहारा भी ले सकते हैं। जैसे पेंटिंग, पॉयट्री।
- बातचीत करें- अपने करीबी दोस्त, परिवार के सदस्य या किसी प्रोफेशनल से अपने मन की बात कहें।
और पढ़ें: Generalized Anxiety Disorder : जेनरलाइज्ड एंजायटी डिसऑर्डर क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय