गर्भवस्था के दौराम कई तरह के हार्मोनल बदलाव होने के कारण महिलाओं के मानसिक स्थितियों में कई तरह के बदलाव आते हैं। इसके अलावा, गर्भावस्था के दौरान कई तरह की दवाओं का सेवन भी करना पड़ता है जो मानस्थितियों में बदलाव का भी कारण बन सकती हैं। अगर किसी महिला में बाइपोलर डिसऑर्डर के लक्षण हैं, तो गर्भधारण की प्रक्रिया से पहले उसे अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। बाइपोलर डिसऑर्डर के उपचार में डॉक्टर लीथियम जैसी दवा का इस्तेमाल कर सकते हैं। वहीं, गर्भवस्था के दौरान लीथियम जैसी दवा का पहले तीन महीने में सेवन करना बच्चे को हानिकारक प्रभाव पहुंचा सकती है।
बाइपोलर डिसऑर्डर के घरेलू उपाय में इन्हें भी करें शामिल
मछली के तेल का सेवन करना
कुछ अध्ययनों के अनुसार मछली के तेल में पाया जाने वाला ओमेगा -3 इसके लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि जिन देशों में लोग मछली का अधिक सेवन करते हैं, उनमें बाइपोलर डिसऑर्डर कम पाया जाता है। अवसाद से पीड़ित लोगों के ब्लड में ओमेगा -3 का स्तर कम हो सकता है। ओमेगा -3 फैटी एसिड के कई स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं, लेकिन उन्हें उनके प्राकृतिक रूप में खाना सबसे अच्छा है। कोल्ड-वॉटर फिश, नट्स और प्लांट ऑयल इसके अच्छे स्रोत हैं।
मैग्नीशियम सप्लीमेंट
कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि मैग्नीशियम मनोदशा को नियंत्रित करता है और अवसादग्रस्तता प्रकरणों को प्रभावी ढंग से कम करने के लिए दवाओं के साथ दिया जाए तो इसके बेहतरीन नतीजे प्राप्त हो सकते हैं। नतीजतन, बाइपोलर डिसऑर्डर के घरेलू उपाय के रूप में कुछ डॉक्टर मैग्नीशियम सप्लीमेंट लेने की सलाह दे सकते हैं।
विटामिन सी
कुछ लोगों का सुझाव है कि विटामिन बाइपोलर डिसऑर्डर के लक्षणों को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं, विशेष रूप से विटामिन सीऔर फोलिक एसिड। हलाकि, इस विषय पर अभी और भी शोध किए जाने की आवश्यकता है। एक डायट जो ताजा खाद्य पदार्थों के माध्यम से कई प्रकार के पोषक तत्व प्रदान करती है। वह व्यक्ति को कई तरह की शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से बचाने में मदद कर सकती है। हरी पत्तेदार सब्जियां फोलिक एसिड में उच्च होती हैं और खट्टे फल विटामिन सी का एक बड़ा स्रोत हैं।
इनसे परहेज करें
कैफीन, शराब, शक्कर, नमक और वसायुक्त आहार।
आशा है कि आपको हमारे इस लेख से आपको बाइपोलर डिसआर्डर को समझने में मदद मिलेगी। इस विकास से पीड़ित व्यक्ति को कम्प्लीमेंट्री मेडिसिन के साथ बाइपोलर डिसऑर्डर के घरेलू उपाय को जारी रखना चाहिए। इससे बेहतर परिणाम की उम्मीद की जा सकती है। सप्लीमेंट या वैकल्पिक चिकित्सा का उपयोग करने से पहले उन्हें अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।