backup og meta

नॉर्मल डिलिवरी से बेबी चाहती हैं तो ऐसे करें बर्थ प्लान, 10 टिप्स

नॉर्मल डिलिवरी से बेबी चाहती हैं तो ऐसे करें बर्थ प्लान, 10 टिप्स

हर किसी को अपनी बॉडी से प्यार होता है। जरा सी चोट लग जाने पर सभी तुरंत ट्रीटमेंट लेना चाहते हैं। ऐसे में बात जब बच्चे के जन्म के दौरान होने वाले घाव की हो तो महिलाओं के मन में खौफ उत्पन्न हो जाता है। बच्चे को जन्म देने वाली ज्यादातर महिलाओं के मन में यही बात चलती हैं कि बिना किसी ऑपरेशन के बच्चे का जन्म आसानी से हो जाए।नॉर्मल बेबी बर्थ प्लान (Normal delivery plan) करने के लिए आपके मन में कई बार विचार आए होंगे। यहां हम आपको कुछ टिप्स बताएंगे जिनकी हेल्प से आप नॉर्मल बेबी बर्थ प्लान (Normal delivery plan) कर सकती हैं।

और पढ़ें : प्रेग्नेंसी में खाएं ये फूड्स नहीं होगी कैल्शियम की कमी

नॉर्मल बेबी बर्थ प्लान (Normal delivery plan) करने के लिए आसान टिप्स

1. फिजिकली और मेंटली प्रिपेयर होना है जरूरी

प्रेग्नेंसी (Pregnancy) के दौरान अगर आप कुछ बातों का ध्यान रख लें तो आपकी डिलिवरी आसानी से हो जाएगी। प्रेग्नेंसी के नौ महीने ये सोचने में न लगाएं कि बच्चा पैदा होने पर मैं दर्द कैसे सहूंगी ? आपको मन को मजबूत करने के साथ ही शारीरिक क्रियाओं में भी भाग लेना होगा ताकि आपका मजबूत शरीर और मन डिलिवरी के समय को आसान बना दें। डिलिवरी (Delivery) के समय अपने मन में ये बात सोचते रहे कि मेरी एक कोशिश बच्चे की ओर बढ़ता हुआ कदम है। आप उस दौरान ये बात भी सोच सकती हैं कि जब टेक्नोलॉजी नहीं थी, फिर भी महिलाएं बिना किसी मेडिसिन या टेक्निक के बच्चे को जन्म देती थी। ये बातें मन को मजबूत बनाएंगी।

और पढ़ें : वर्किंग मदर्स की परेशानियां होंगी कम अपनाएं ये Tips

2. नॉर्मल बेबी बर्थ प्लान (Normal baby birth plan) के लिए सही डॉक्टर का चुनाव करें

आपको नॉर्मल बेबी बर्थ प्लान (Normal delivery plan) करते समय ऐसे डॉक्टर का चुनाव करना चाहिए जिनका नॉर्मल डिलिवरी कराने का सक्सेस रेट हाई हो। कहने का मतलब है कि जो डॉक्टर ज्यादातर नॉर्मल डिलिवरी करवाते हैं। इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि कई बार बिना वजह के भी सी-सेक्शन कर दिया जाता है। वहीं ये बात भी सच है कि कई बार परिस्थियां भी ऐसी होती है कि महिलाएं नॉर्मल डिलिवरी (Normal delivery) में सहायता नहीं करती हैं जिसके चलते डॉक्टर्स को ऑपरेशन करना पड़ता है।

सीताराम भारतीय विज्ञान और अनुसंधान संस्थान की डॉ. स्वाती सिन्हा कहती हैं कि, “अगर महिला की पहली डिलिवरी होनी है और बच्चे की पुजिशन भी ठीक है तो ऐसे में सी-सेक्शन के चांसेस 25 परसेंट से भी कम रहते हैं।”

3. न्यू बॉर्न के लिए प्रिपरेशन: अपने वेट और एक्सरसाइज (Weigh & workout) का रखें ध्यान

प्रेग्नेंसी के दौरान एक्सरसाइज के साथ ही वेट का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है। आपको रोजाना 300 कैलोरी की आवश्यकता है। ऐसा न सोचें कि केवल दो बार ही खाना है, नहीं तो वेट ज्यादा हो जाएगा। आप शरीर की जरूरत के अनुसार खाना खाएं और एक्सरसाइज करें। आप चाहे तो इस बारे में अपने डॉक्टर से सलाह लें। 10 से 15 मिनट की वॉक जरूर करें। एक्सरसाइज करने से बॉडी का स्टेमिना बढ़ जाता है। नॉर्मल बेबी बर्थ प्लान (Normal delivery plan) करते समय इस बात का ध्यान रखें।

और पढ़ें : गर्भधारण के लिए सेक्स ही काफी नहीं, ये फैक्टर भी हैं जरूरी

4. चाइल्ड बर्थ एजुकेशन क्लास (Childbirth education class) जरूर लें

रिसर्च में ये बात सामने आई है कि जो महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान चाइल्ड बर्थ क्लास या फिर पेरेंटल क्लास लेती हैं, उनमें नॉर्मल डिलिवरी के 50 प्रतिशत चांस बढ़ जाते हैं। आप अपने पार्टनर के साथ चाइल्ड बर्थ क्लास ज्वाॅइन (Childbirth class) कर सकती हैं। इस दौरान आपके मन में जो भी सवाल हो उन्हें जरूर पूछ लें। आपको होने वाले बच्चे के साथ ही डिलिवरी के दौरान पुश करने के तरीके के बारे में भी बताया जाएगा। जो लोग चाइल्ड बर्थ क्लास लेते हैं, उनके मन में लेबर को लेकर जो भी डर होता है वो खत्म हो जाता है।

5.  नॉर्मल बेबी बर्थ प्लान: हेल्दी डायट (Healthy diet) पर दें ध्यान

प्रॉपर डायट न सिर्फ बच्चे के लिए जरूरी है, बल्कि आपके लिए भी उतनी ही जरूरी है। चाइल्ड बर्थ के लिए स्ट्रेंथ गेन करना बहुत जरूरी है। पोस्ट डिलिवरी एनीमिया (Anemia) से बचने के लिए प्रेग्नेंसी के दौरान हरी पत्तेदार सब्जियां और आयरन युक्त आहार जरूर लें। खाने में पौष्टिक आहार (Healthy diet) शामिल करें। अगर आपको नहीं समझ आ रहा है कि किस तरह की डायट लेनी है? तो एक बार अपने डॉक्टर से इस बारे में जरूर बात करें।

और पढ़ें : महिलाओं को इन वजहों से होती है प्रेग्नेंसी में चिंता, ये हैं लक्षण

6. न्यू बॉर्न के लिए प्रिपरेशन: पूरी नींद (Sleep) जरूर लें

बेबी की ग्रोथ (Babies growth) के लिए पूरी नींद लेना जरूरी है। अच्छी नींद आपके मन को शांत रखेगी। अपने चारों ओर सकारात्मकता महसूस करें। प्रेग्नेंसी के दौरान गलत विचार लाकर मन को परेशान न करें। साथ ही किसी बात की ज्यादा टेंशन न लें क्योंकि ऐसा करने से आपको डिप्रेशन (Depression) हो सकता है। ऐसे लोगों के साथ बातचीत करें जो आपके साथ अच्छे विचार शेयर करें।

7. न्यू बॉर्न के लिए प्रिपरेशन:   लेबर रूम (Labour room) में घबराएं नहीं

कई महिलाएं लेबर (Labour) रूम को देखते ही परेशान हो जाती हैं या फिर उन्हें घबराहट होने लगती है। नॉर्मल बेबी बर्थ प्लान (Normal delivery plan) करते समय ये बात ध्यान रखें कि आपको बहुत धैर्य की जरूरत है। परेशानी और अनावश्यक सोच आपको डिप्रेस कर सकती है। अगर आप लेबर रूम के बाहर घबरा गईं तो हो सकता है कि आप डिलिवरी के दौरान डॉक्टर को हेल्प न कर पाएं और नॉर्मल डिलिवरी (Normal delivery) की राह कठिन हो जाए। प्रेग्नेंसी के दौरान ही आप लेबर रूम के पास जाकर कुछ देर बैठ सकती है। अन्य महिलाओं को देख सकती हैं। ऐसा करने से आपको साहस मिलेगा और आप घबराएंगी नहीं।

और पढ़ें : किन मेडिकल कंडिशन्स में पड़ती है आईवीएफ (IVF) की जरूरत?

8. नॉर्मल बेबी बर्थ प्लान: फॉल्स अलार्म (False alarm) को समझें

महिलाओं को कई बार ऐसा लग सकता है कि लेबर पेन शुरू हो गया है। लेबर पेन जैसा महसूस होने पर अक्सर महिलाएं हॉस्पिटल में जाकर एडमिट हो जाती है। हॉस्पिटल में कुछ ही देर में दर्द चला भी जाता है। इसे फॉल्स अलार्म (False alarm) कहा जाता है। ऐसा होने पर हॉस्पिटल में एडमिट न हो। हॉस्पिटल में रहने पर आपको नर्वसनेस महसूस हो सकती है। डॉक्टर जब कहें, तभी एडमिट हो।

[mc4wp_form id=”183492″]

9. नॉर्मल बेबी बर्थ प्लान: लेबर पेन (Labour pain) के दौरान लें पार्टनर का सहारा

लेबर पेन के दौरान आप अपने पार्टनर का सहारा ले सकती हैं। संकुचन के दौरान जब पार्टनर आपके सिर (Head) और पेट (Stomach) के आसपास सहलाएगा तो आपको रिलैक्स फील होगा। नॉर्मल डिलिवरी के दौरान ये तरकीब बहुत काम करती है।

और पढ़ें : स्पर्म काउंट किस तरह फर्टिलिटी को करता है प्रभावित?

10. न्यू बॉर्न के लिए प्रिपरेशन:  लेबर (Labour) के आखिर में ऐसा होता है महसूस

लेबर का समय दर्द से भरा रहता है। आपने लेबर का लगभग पूरा समय दर्द (Pain) के साथ काट लिया लेकिन लेबर के आखिर में आपकी हिम्मत जवाब दे सकती है। महिलाएं लेबर के आखिर में बच्चे को पुश करने की हिम्मत खोने लगती है। जब आपको ऐसा महसूस हो तो एक बार अपने बच्चे के बारे में सोंचे। लेबर के आखिर तक हिम्मत बनाए रखने की कोशिश जरूर करें।

नॉर्मल बेबी बर्थ प्लान (Normal delivery plan) करते समय एक बार अपने डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। ज्यादातर मामलों में डॉक्टर कई टिप्स शेयर करेंगे। किसी कारणवश जब नॉर्मल डिलिवरी नहीं हो पाती है तो डॉक्टर सी-सेक्शन का सहारा लेते हैं।

[embed-health-tool-ovulation]

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Nutrition during pregnancy: Frequently asked questions. acog.org/Patients/FAQs/Nutrition-During-Pregnancy Accessed on 11/12/2019

Maintaining a Healthy Pregnancy/nichd.nih.gov/health/topics/preconceptioncare/conditioninfo/pages/healthy-pregnancy.aspx/Accessed on 11/12/2019

Tips for your birth partner/https://www.nhs.uk/conditions/pregnancy-and-baby/what-your-birth-partner-can-do/Accessed on 11/12/2019

Tips for labor coaches/https://medlineplus.gov/ency/patientinstructions/000545.htm/Accessed on 11/12/2019

Nutrition during pregnancy/https://health.gov/myhealthfinder/topics/pregnancy/nutrition-and-physical-activity/eat-healthy-during-pregnancy-quick-tips#:~:text=When%20you%20are%20pregnant%2C%20you,pregnancy%20and%20a%20healthy%20baby./Accessed on 23/09/2021

Current Version

23/09/2021

Bhawana Awasthi द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Nidhi Sinha


संबंधित पोस्ट

जानिए मैटरनिटी लीव एक्ट (मातृत्व अवकाश) से जुड़े सभी नियम और जानकारी

क्या आप जानते हैं कि मिडवाइफ किसे कहते हैं और ये दिन क्यों मनाया जाता है?


के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

फार्मेसी · Hello Swasthya


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 23/09/2021

ad iconadvertisement

Was this article helpful?

ad iconadvertisement
ad iconadvertisement