यूं तो गर्भधारण के लिए सेक्स जरूरी है लेकिन, उससे भी जरूरी है कि यह किस वक्त किया जाए जिससे कंसीव करने की संभावना को बढ़ाया जा सके। गर्भधारण के लिए सेक्स करना जरूरी है लेकिन किस तरह से सेक्स करना और किस समय सेक्स करना है ये जानना ज्यादा जरूरी है।
लखनऊ स्थित डॉ. मालती पांडेय (गायनोकोलॉजिस्ट) का कहना है कि “प्रेग्नेंट होने के लिए सेक्स करना ही काफी नहीं होता है। गर्भधारण के लिए सेक्स की टाइमिंग बहुत मायने रखती है। 80 से 90 प्रतिशत महिलाएं, सही समय पर लगातार प्रयास करने पर एक साल के अंदर गर्भधारण कर लेती हैं।”
गर्भधारण के लिए सेक्स कब करना चाहिए?
ऑव्युलेशन के समय अंडाशय से अंडा निकलकर फैलोपियन ट्यूब में पहुंचता है, वहां शुक्राणु के मिलने से गर्भाधान होता है। यह अंडा केवल 12 से 24 घण्टों तक ही निषेचन के योग्य रहता है और इसके बाद खराब होने लगता है। इसलिए, प्रेग्नेंट होने के लिए सही समय पर सेक्स करना जरूरी हो जाता है। दरअसल, पुरुष शुक्राणु महिला के शरीर में सात दिनों तक जिंदा रह सकता है। इसलिए, इन दिनों में नियमित अंतराल पर सेक्स करने से गर्भधारण की गुंजाइश काफी बढ़ जाती है। ऑव्युलेशन के दौरान सेक्स करना हमेशा प्रेग्नेंसी के चांसेस को बढ़ाता है इसलिए अगर आप गर्भवती होना चाहती हैं तो ऑव्युलेशन चार्ट पर ध्यान देना शुरू करें।
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ऑव्युलेशन के समय को कैसे पहचानें?
कई मेडिकल एक्सपर्ट के अनुसार अगर महिला का मासिक चक्र 28 दिन का है, तो उसके ऑव्युलेशन का समय 11वें से 14वें दिन के बीच हो सकता है। हालांकि, जिन महिलाओं के पीरियड्स नियमित नहीं रहते हैं, उनके ऑव्युलेशन का सटीक समय पता लगाना मुश्किल होता है। अगर ऑव्युलेशन पीरियड का सटीक अंदाजा न हो, तो ऑव्युलेशन के लक्षणों से भी इसका पता लगाया जा सकता है। पीरियड्स के दौरान हार्मोंस में बदलाव आता है जिससे शरीर का तापमान थोड़ा बढ़ जाता है। इसके अलावा सेक्स की इच्छा तेज होना, योनि के म्यूकस का पलता होना, स्तनों का संवेदनशील होना आदि कुछ लक्षणों से भी ऑव्युलेशन का पता लगाया जा सकता है। ऑव्युलेशन का पता लगाने के लिए ऑव्युलेशन कैलक्युलेटर या ओव्युलेशन प्रिडिक्शन किट का भी सहारा ले सकती हैं। गर्भधारण के लिए सेक्स करने का सही समय जानने के लिए अपने ऑव्युलेशन कैलकुटर पर नजर रखें और सही समय आने पर सेक्स करें। गर्भधारण के लिए सेक्स और सही समय दो सबसे जरूरी पहलू हैं।
ओव्यूलेट होने से दो दिन पहले और ओव्यूलेशन के दिन गर्भाधान की सबसे ज्यादा संभावना होती है। इन दिनों में सेक्स करने से गर्भधारण करने की सबसे अधिक संभावना होती है। ओव्यूलेशन के दौरान ओवरी मैच्योर अंडे रिलीज करती है। ये अंडे फैलोपियन ट्यूब से होते हुए यूट्रस तक अपना रास्ता बनाता है। इस रास्ते में स्पर्म अंडे से मिलते हैं और फर्टीलाइज होते हैं। स्पर्म लगभग पांच दिनों तक रह सकता है। इसलिए यदि आप गर्भधारण करने की कोशिश कर रही हैं तो आपका लक्ष्य यह होना चाहिए कि ओवुलेशन के समय पर आपकी फैलोपियन ट्यूब में लाइव शुक्राणु मौजूद होने चाहिए।
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गर्भधारण के लिए सेक्स पुजिशन पर भी दें ध्यान?
गर्भधारण के लिए सेक्स पुजिशन के बारे में पता होना जरूरी है। गर्भधारण के लिए सेक्स करना और सही समय का पता होने के साथ ही सही पुजिशन भी पता होनी चाहिए। माना जाता है कि कुछ खास सेक्स पुजिशन अपनाने से गर्भधारण करने की संभावना बढ़ जाती है। इस विषय में एक्सपर्ट्स की राय अलग-अलग है। विशेषज्ञों के अनुसार कंसीव करने के लिए स्पर्म का अंडे से मिलना जरूरी होता है और यह किसी भी पुजिशन में शारीरिक संबंध बनाने से हो सकता है। हालांकि, गर्भधारण के लिए ऐसी सेक्स पुजिशन (जैसे डॉगी स्टाइल व मिशनरी पुजिशन) अपनानी चाहिए जिनमें स्पर्म गर्भाशय ग्रीवा के बिल्कुल पास में प्रवेश कर सकें, इससे प्रेग्नेंट होने की संभावना बढ़ जाती है। गर्भधारण के लिए सेक्स पुजिशन के बारे में आप अपने डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं। कुछ सेक्स पुजिशन अपनाने से गर्भधारण की संभावना कम हो जाती है।
क्या गर्भधारण के लिए सेक्स के दौरान ऑर्गेज्म पर पहुंचना जरूरी है?
गर्भधारण के लिए पुरुष का ऑर्गेज्म तक पहुंचना जरूरी होता है क्योंकि ऐसा होने पर ही स्पर्म वजायना में गिरेगा और शुक्राणु, अंडे को निषेचित करने के लिए आगे बढ़ पाएंगे। हालांकि, प्रेग्नेंट होने के लिए ऑर्गेज्म तक पहुंचना हर बार जरूरी नहीं है। इसके बिना भी स्पर्म आगे बढ़कर अंडे को निषेचित कर सकते हैं। गर्भधारण के लिए सेक्स के बाद पुरूषों का ऑर्गेज्म तक पहुंचना जरूरी नहीं है बल्कि उनके स्पर्म का निकलना जरूरी है।
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गर्भधारण के लिए सेक्स महीने में कितनी बार करना चाहिए?
कुछ रिचर्स से पता चला है कि दो-तीन दिनों के अंतराल में सेक्स करने से शुक्राणु की गुणवत्ता बेहतर होती है। वहीं कुछ अध्ययनों से यह भी पता चला है कि हर एक-दो दिन में सेक्स करने वाले जोड़ों में गर्भाधान की उच्च दर देखी जाती है। इसलिए विशेषज्ञ सलाह हैं कि कंसीव करने के लिए हफ्ते में दो से तीन बार सेक्स करना चाहिए। सेक्स को किसी काम की तरह न करें, बल्कि फीलिंग साथ बनाया गया शारीरिक संबंध गर्भधारण में काफी मदद करेगा। गर्भधारण के लिए सेक्स को केवल गर्भधारण की वजह से ना करें बल्कि इसे महसूस करें ऐसा करने से रिजल्ट बेहतर होता है।
क्या कंसीव करने के लिए सेक्स करते समय लुब्रिकेंट का उपयोग करना सही है?
सेक्स करते समय कई कपल्स लुब्रिकेंट का उपयोग करते हैं लेकिन, विशेषज्ञों की माने तो कुछ तरह के लुब्रिकेंटस शुक्राणुओं पर बुरा असर डाल सकते हैं और इससे कंसीव करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। बाजार में मिलने वाले वाटर बेस्ड लुब्रिकेंट से शुक्राणु की गति में लगभग 60 से 100 प्रतिशत कमी आ सकती है। इसलिए, अगर लुब्रिकेंट का उपयोग करना भी है तो स्पर्म-फ्रेंडली लुब्रिकेंटस ठीक रहेंगे। हालांकि, कुछ स्टडीज में पाया गया है कि लुब्रिकेंटस के प्रयोग से सेक्स थोड़ा आसान हो जाता है जिससे गर्भवती होने में सहायता मिल सकती है। गर्भधारण के लिए सेक्स करने का मबड बना रहें हैं तो कोशिश करें आप लुब्रिकेंट इस्तेमाल कम करें।
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गर्भधारण के लिए सबसे पहले शारीरिक व मानसिक रूप से तैयार होना जरूरी है। प्रेग्नेंट होने के लिए सेक्स करने के दौरान कपल्स को एक बात मन में बिठाकर रखनी चाहिए कि इसमें थोड़ा समय लगता है। अगर सही समय में (20 से 25 साल में ) कंसीव किया जाए तो महिलाएं आसानी से प्रेग्नेंट हो जाती हैं। अगर आपके साथ ऐसा नहीं हो रहा है तो आपको जांच की आवश्यकता भी हो सकती है। कंसीव न कर पाने के कई कारण हो सकते हैं।
यदि 30 साल से उम्र की महिलाएं प्रेग्नेंसी प्लानिंग कर रहीं हैं तो इसमें एक साल से ज्यादा समय भी लग सकता है। लगातार प्रयास करने के बाद भी अगर कंसीव करने में मुसीबत आ रही हो, तो इस बारे में डॉक्टर से बात जरूर करें। साथ ही, अगर इससे जुड़ा आपका कोई प्रश्न है, तो आपने डॉक्टर से संपर्क करें। आप स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।
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