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नए शिशु का पहला हफ्ता (First week of new kid)
नए शिशु के साथ पहले हफ्ता आपके लिए थोड़ा मुश्किल हो सकता है। आप अपने दोनों बच्चों के साथ समय बिताएं और रिकवर हों। इस दौरान आपका बड़ा बच्चा हमेशा आपके साथ रहना चाहेगा। आप एक अच्छी दिनचर्या को फॉलो करें। जब भी समय मिले अपने पार्टनर को बच्चों का ख्याल रखने और समय बिताने के लिए कहें।

सेकंड टाइम पेरेंट्स के लिए टिप्स (Tips for second time parents): बड़े बच्चे को रखें व्यस्त (keep elder baby busy)
जब आप घर पर अपने बच्चों के साथ हों, तो आपका बड़ा बच्चा आपकी कई चीजों में हेल्प कर सकता है जैसे डायपर या छोटे बच्चे के कपड़े लाना आदि। इससे न केवल दोनों के बीच की बॉन्डिंग बढ़ेगी, बल्कि आपका काम भी कुछ हद तक आसान हो जाएगा। अपने बड़े बच्चे को बिजी रखें।
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लाइफ को इजी बनाने की कोशिश करें (Try to make your life easy)
आप जब अपने दोनों बच्चों के साथ हों, तो आप ऐसी चीजों का इस्तेमाल करें जिससे आप थोड़ा इजी महसूस करें जैसे बेबी कैरियर का इस्तेमाल, शोल्डर डायपर बैग की जगह बैगपैक का प्रयोग करना। इसके साथ ही फोन पर बात करने के लिए हैंड्स फ्री उपयोगी हो सकता है। सेकंड टाइम पेरेंट्स के लिए टिप्स (Tips for second time parents) में इसे नजरअंदाज न करें।
अन्य लोगों की मदद लें (Take help from others)
खुद सुपरमॉम बनने की कोशिश न करें। अपना लोड कम करने के लिए अपने दोस्तों या परिवार वालों की मदद लें। बहुत अधिक काम या लोड से आपकी शारीरिक और मानसिक हेल्थ प्रभावित हो सकती है । यही नहीं, इससे आपको अपने बच्चों के साथ भी पर्याप्त समय बिताने को नहीं मिलेगा। कुछ समय अपने लिए भी निकालें। मेडिटेशन, योगा या ब्रीदिंग एक्सरसाइज से आप अच्छा महसूस करेंगी। हेल्दी खाएं, व्यायाम करें और तनाव से बचें।
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सेकंड टाइम पेरेंट्स के लिए टिप्स (Tips for second time parents): बड़े बच्चे को प्रोत्साहित करें (Encourage your elder kid)
याद रखें कि यह हार्ड टाइम भी पास हो जाएगा। बस इसे खास बनाने की कोशिश करें। अपने बड़े बच्चे को यह जरूर बताएं कि एक बड़ी सिस्टर या ब्रदर के रूप में वो बहुत अच्छा कर रही है। उसे प्रोत्साहित करते रहें। ऐसा करने से वो आपसे और अपने छोटे भाई या बहन के और भी करीब आएगा। फ्यूचर पर फोकस करें। याद रखें, कि यह कुछ साल मुश्किल हो सकते हैं। लेकिन, बच्चों के थोड़ा बड़ा होने पर न केवल आपका जीवन थोड़ा आसान हो जाएगा बल्कि आपके दोनों बच्चे भी ग्रेट बॉन्डिंग शेयर करेंगे।
आत्मविश्वास कम न होने दें (Don’t lose confidence)
इस दौरान हॉर्मोन के बदलाव के कारण कई अजीब भावनाओं का अनुभव होना सामान्य है। लेकिन, अधिक न सोचें। फिजिकल दो बच्चों को एक साथ हैंडल करना मुश्किल है। लेकिन,आमतौर पर यह कम स्ट्रेसफुल है क्योंकि आपका पूरा समय और एनर्जी अपने दोनों बच्चों को हैंडल करने में निकल जाते हैं।
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सेकंड टाइम पेरेंट्स के लिए टिप्स (Tips for second time parents): फाइनेंशियल फैक्टर्स (Financial factors)
इसमें कोई संदेह नहीं है कि बच्चों की परवरिश करना आसान नहीं है। अन्य चीजों की तरह इसके लिए आपका फाइनेंशियली स्ट्रांग होना जरूरी है। लेकिन, अच्छी बात यह है कि दूसरे बच्चे के लिए आपको बहुत अधिक चीजों को खरीदने की जरूरत नहीं है। आप पहले बच्चे के कपड़े या चीजें इस्तेमाल में ला सकती हैं।
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यह तो थे सेकंड टाइम पेरेंट्स के लिए टिप्स (Tips for second time parents)। दो बच्चों की परवरिश मतलब आपके काम का डबल होना। लेकिन, यकीन मानिए इससे आप डबल फन का मजा भी लेंगे। लेकिन, दूसरे बच्चे के बारे में तभी सोचें, जब आप शारीरिक, मानसिक और फायनेंशियल रूप से तैयार हों। एक स्टडी के मुताबिक हमारा जीवन पहले बच्चे के जन्म के बाद सुधरता है लेकिन दूसरे के बाद और भी बेहतर हो जाता है। आपका परिवार बढ़ता है, आप अधिक व्यस्त होते हैं और आपका छोटा बच्चा बड़े भाई या बहन की भूमिका निभाने लगता है। लेकिन, दूसरा बच्चे आपके परिवार के लिए दोगुनी खुशियां, मिठास और जॉय लेकर आता है।
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