प्रेग्नेंसी की पुष्टि के लिए साइंटिफिक तरीकों का इस्तेमाल किया जाता हैं लेकिन, ब्लड टेस्ट, यूरिन टेस्ट और अल्ट्रासाउंड के अलावा भी कुछ घरेलू प्रेग्नेंसी टेस्ट से इसकी पुष्टि की जा सकती है। इन घरेलू तरीकों की मदद से महिलाएं प्रेग्नेंसी का स्टेट्स पता कर सकती हैं। घर में किए जाने वाले प्रेग्नेंसी टेस्ट सौ फीसदी सही होंगे, ये कहना मुश्किल है। अगर आपको प्रेग्नेंसी के बारे में जानने की जल्दी है, तो आप घरेलू उपाय की मदद से भी गर्भावस्था की जानकारी ले सकते हैं।
आज हम आपको कुछ ऐसे ही तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं।
घरेलू प्रेग्नेंसी टेस्ट:
1. घर में प्रेग्नेंसी टेस्ट के टिप्स : टूथपेस्ट प्रेग्नेंसी टेस्ट
एक सफेद प्लास्टिक का कप लें। इसमें सफेद टूथपेस्ट डालें। इसके बाद सीधे ही यूरिन को कप में पास करें। ऐसा करने के बाद आपको 10 मिनट का इंतजार करना है। यदि आप प्रेग्नेंट हैं तो टूथपेस्ट का रंग नीला हो जाएगा। इसके अलावा यह फोम जैसा भी हो सकता है। यदि आप प्रेग्नेंट नही हैं तो इसके रंग और आकार में कोई बदलाव नहीं आएगा। प्रेग्नेंसी हार्मोन कहे जाने वाले ह्यूमन क्रोनिक गोनोडाट्रोपिन हार्मोन (एचसीजी) के संपर्क में आने से टूथपेस्ट का रंग बदल जाता है। हालांकि इस टेस्ट की सत्यता का कोई प्रूफ नहीं है।
और पढ़ें : 2020 में पेरेंट्स के लिए बड़ी चुनौती हो सकती है एडीएचडी बीमारी, जानें इससे बचने के उपाय
2. साबुन से करें प्रेग्नेंसी टेस्ट
एक प्लास्टिक के कप में साबुन का एक टुकड़ा डालें। सुबह इसमें सीधे ही यूरिन पास करें । ऐसा करने के बाद आपको 10 मिनट का इंतजार करना है। यदि आप प्रेग्नेंट हैं तो साबुन का टुकड़ा फोम जैसा हो जाएगा। यदि आप प्रेग्नेंट नही हैं, तो साबुन पर किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं होगी। कहा जाता है कि एचसीजी की वजह से ही साबुन में ऐसी प्रतिक्रिया होती है।
और पढ़ें : जानिए क्या है प्रीटर्म डिलिवरी? क्या हैं इसके कारण?
3. घर में प्रेग्नेंसी टेस्ट के टिप्स : घरेलू प्रेग्नेंसी टेस्ट के लिए शुगर
एक प्लास्टिक का कप लें। इसमें सफेद ग्रेनयुलेटेड शुगर डालें। सुबह इसमें सीधे ही यूरिन पास करें। इसके बाद कप को 10 मिनट के लिए छोड़ दें। यदि आप प्रेग्नेंट हैं तो शुगर पानी में ना घुलकर इक्कट्ठा हो जाएगी। वहीं, प्रेग्नेंट ना होने की सूरत में शुगर यूरिन में घुल जाएगी। एचसीजी हार्मोन शुगर को घुलने नहीं देता।
[mc4wp_form id=”183492″]
4. घरेलू प्रेग्नेंसी टेस्ट के लिए विनेगर
एक प्लास्टिक के कंटेनर में थोड़ा विनेगर लें। इसमें सीधे ही यूरिन पास करें। कुछ वक्त बाद आपको बुलबुले नजर आएंगे। इसके बाद आप कंटेनर को ऐसे ही छोड़ दें। यदि कुछ समय बाद विनेगर के रंग में परिवर्तन आता है तो आप प्रेग्नेंट हैं। हालांकि, यह परिवर्तन काफी हल्का होता है। यदि परिवर्तन नहीं आता है तो आप प्रेग्नेंट नही हैं। एचसीजी से संपर्क में आने के बाद विनेगर के कलर में परिवर्तन आता है।
और पढ़ें : फॉल्स लेबर पेन के लक्षण : न खाएं इनसे धोखा
5. घरेलू प्रेग्नेंसी टेस्ट के लिए बेकिंग सोडा
एक बाउल में दो चम्मच बेकिंग सोड़ा लें। इसके बाद इसमें यूरिन डालें। यदि आप प्रेग्नेंट हैं तो ह्यूमन क्रोनिक गोनोडाट्रोपिन हार्मोन (एचसीजी) के चलते इसमें बुलबुले दिखाई देंगे या इसका रंग नीला हो जाएगा। यदि आप प्रेग्नेंट नहीं है तो इसमें कोई प्रतिक्रिया नजर नहीं आएगी। हालांकि इस टेस्ट की प्रमाणिकता को लेकर संशय है।
6. पाइन सोल प्रेग्नेंसी टेस्ट
एक कप में थोड़ी मात्रा में पाइन सोल लें। इसके बाद इसमें यूरिन पास करें। एचसीजी के संपर्क में आने पर पाइन सोल अपना रंग बदल लेता है। जो आपकी प्रेग्नेंसी की पुष्टि करता है। यदि आप प्रेग्नेंट नहीं है तो इसके रंग में परिवर्तन नहीं होता।
और पढ़ें : प्लेसेंटा प्रीविया हो सकता है शिशु और मां के लिए जानलेवा
7. घरेलू प्रेग्नेंसी टेस्ट के लिए वाइन
आधा कप वाइन और आधा कप यूरिन लें। दोनों को एक कप में मिला लें। इसके बाद कप को 10 मिनट तक के लिए रख दें। एचसीजी (HCG) के वाइन के संपर्क में आने से इसका रंग बदल जाता है। यदि आप प्रेग्नेंट नहीं है तो इसके रंग में परिवर्तन नहीं आता है।
8. घरेलू प्रेग्नेंसी टेस्ट : ब्लीचिंग पाउडर
घरेलू प्रेग्नेंसी टेस्ट के रूप में ब्लीच का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए किसी बर्तन में थोड़ी ब्लीच लें और इसमें यूरिन मिला दें। इसके बाद अगर इसमें बुलबुले दिखाई देते हैं तो आपके प्रेग्नेंट होने का संकेत हो सकता है।
और पढ़ें : जल्दी प्रेग्नेंट होने के टिप्स: आज से ही शुरू कर दें इन्हें अपनाना
9. डेटॉल की सहायता से प्रेग्नेंसी टेस्ट
डेटॉल से प्रेग्नेंसी टेस्ट करने के लिए डिस्पोजल गिलास या किसी बर्तन में लगभग 20 ml सुबह का पहला पेशाब लें। अब इस नमूने में बराबर मात्रा में डेटॉल डालें और उसे मिलाएं। अगर मिश्रण का रंग दूधिया सफ़ेद हो जाए, तो यह आपके गर्भवती न होने का संकेत है। लेकिन, अगर यह मिश्रण अलग-अलग होकर डेटॉल की ऊपरी सतह पर तेल की तरह तैरने लगे, तो यह आपके गर्भवती होने का संकेत है।
क्या कहती है रिसर्च?
ऊपर बताए गए घरेलू प्रेग्नेंसी टेस्ट का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। किसी भी शोध में यह नहीं बताता कि ये गर्भावस्था का पता लगाने के लिए सटीक तरीके हैं। वे केवल लोगों के अनुभव पर आधारित हैं। इसके अलावा, इस बात के भी पुख्ता सबूत हैं कि नॉन प्रेग्नेंट महिलाओं की यूरिन में भी यहां बताएं गए पॉजिटिव रिएक्शन देखने को मिल सकते हैं। प्रेग्नेंसी का पता लगाने के लिए डॉक्टर की मदद लेना ही सही होगा।
और पढ़ें : मैरिज चेकअप या प्री-मैरिटल टेस्ट क्या है?
क्लीनिक में प्रेग्नेंसी टेस्ट :
ऊपर बताए गए घरेलू प्रेग्नेंसी टेस्ट के अलावा मेडिकल क्लीनिक जाकर विशेषज्ञ डॉक्टर से भी प्रेग्नेंसी टेस्ट करवाया जा सकता है। इस तरह के टेस्ट के नतीजे ज्यादा सटीक और विश्वसनीय होते हैं।
1. यूरिन के नमूने से प्रेग्नेंसी टेस्ट
क्लीनिक में डॉक्टर पेशाब के नमूने की जांच करके गर्भावस्था की स्थिति की सही जानकारी दे सकते हैं। इस तरह की जांच में भी सुबह के पहले यूरिन का नमूना लेकर उसमें एचसीजी हार्मोन की मौजूदगी का पता लगाया जाता है।
और पढ़ें : गर्भावस्था में खुश कैसे रहें?
2. खून की जांच से प्रेग्नेंसी टेस्ट
गर्भावस्था की बिल्कुल शुरुआती स्थिति में गर्भ के बारे में जानकारी जुटाने के लिए कभी-कभार खून की भी टेस्ट की जाती है। यह टेस्ट यूरिन की जांच से ज्यादा संवेदनशील होती है। खून की जांच से डिंबोत्सर्जन के 6 दिन बाद ही या निषेचित अंडे के प्रत्यारोपण के तत्काल बाद ही आपकी गर्भावस्था के बारे में पक्की जानकारी मिल सकती है। इस तरह की जाँच से अस्थानिक (एक्टोपिक) या मोलर प्रेग्नेंसी का भी पता लगाया जा सकता है।
और पढ़ें : जानें गर्भावस्था में मोटापा कैसे बन सकता है दुश्मन?
3. अल्ट्रा साउंड तकनीक से प्रेग्नेंसी टेस्ट
इस तकनीक में उच्च आवृत्ति (फ्रीक्वेंसी) वाली ध्वनि तरंगों को गर्भाशय में शिशु तक भेजा जाता है, जो वापस लौटकर कंप्यूटर स्क्रीन पर तस्वीर में बदल जाती हैं। इस तरह की जाँच में एमनियोटिक द्रव (वह तरल पदार्थ, जिसमें शिशु रहता है) ध्वनि तरंगों के साथ प्रतिक्रिया नहीं करता है। इसलिए, यह द्रव तस्वीर में काला नज़र आता है। जबकि, हड्डी जैसे ठोस ऊत्तक सफेद रंग में और नरम ऊत्तक स्लेटी या चितकबरे रंग में दिखाई देते हैं। इन तीनों रंगों (स्लेटी, काला और सफ़ेद) की अलग-अलग स्थितियों की तुलना करके डॉक्टर गर्भ में मौजूद शिशु की सही स्थिति की व्याख्या करते हैं।
अगर आपको प्रेग्नेंसी के लक्षण दिख रहे हैं तो सही जांच के लिए बेहतर हो कि आप डॉक्टर से संपर्क करें। कई बार फॉल्स प्रेग्नेंसी के लक्षण भी महिलाओं में भ्रम की स्थिति पैदा कर सकते हैं। ऐसी समस्या से बचने के लिए बेहतर होगा कि डॉक्टर से संपर्क करें। कई बार पीरियड्स के मिस होने पर भी घर में ही टेस्ट करते हैं और रिजल्ट को सच मान लेते हैं। भ्रम की स्थिति से बचने से बचने के लिए आप विश्वसनीय तरीका अपनाएं।
उम्मीद है कि इस लेख को पढ़ने के बाद, घरेलू प्रेग्नेंसी टेस्ट से जुड़ी आपकी सभी शंकाओं और सवालों के जवाब मिल गए होंगे। कमेंट बॉक्स में घरेलू प्रेग्नेंसी टेस्ट से जुड़े अपने रोचक अनुभवों के बारे में बताना न भूलें। साथ ही अगर आप प्रेग्नेंसी टेस्ट करने का कोई और घरेलू नुस्खा जानते हैं, तो उसके बारे में भी हमें जरूर बताएं।
[embed-health-tool-ovulation]