एग्स (भ्रूण) के फर्टिलाइज होने पर उसे गर्भाशय में डाला जाता है। आईवीएफ (IVF) के एक साइकल को पूरा करने में करीब तीन हफ्तों का समय लगता है। कुछ मामलों में इसे अलग-अलग साइकल्स में किया जाता है, जिससे इसमें लंबा समय लगता है। असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी में आईवीएफ सबसे ज्यादा प्रभावी तकनीक है। आईवीएफ की प्रक्रिया में महिला के एग्स और उसके पार्टनर के स्पर्म का इस्तेमाल किया जाता है।
और पढ़ें: क्या स्पर्म एलर्जी प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकती है?
एग या स्पर्म प्रभावी न होने पर इसमें डोनर की मदद ली जाती है, जो एग्स या स्पर्म को डोनेट करते हैं। आईवीएफ से एक स्वस्थ्य शिशु को प्राप्त करना आपकी उम्र और इनफर्टिलिटी के कारणों पर निर्भर करता है। इसके अलावा, यह तकनीक महंगी और ज्यादा समय लेने वाली भी हो सकती है।
यदि आईवीएफ (IVF) के दौरान एक से ज्यादा भ्रूण को आपके गर्भाशय में डाला जाता है तो इससे आपको जुड़वा बच्चे भी हो सकते हैं। कुछ मामलों में महिलाओं को आईवीएफ के एक से अधिक राउंड की आवश्यकता होती है। फर्टिलिटी की समस्या में आईवीएफ आपकी प्रेग्नेंसी की संभावना को बढ़ा देता है लेकिन, इसकी गारंटी नहीं है कि यह काम करे क्योंकि, हर महिला की बॉडी अलग होती है।