बहुत से बच्चे छह से 10 महीनों में घुटनों के बल चलना शुरू कर देते हैं। शिशु के घुटनों के बल चलना शुरू करते ही मां-बाप को उसकी सुरक्षा की चिंता और सताने लगती है। ऐसे में घर को सुरक्षित बनाने की जरूरत होती है ताकि शिशु को किसी प्रकार की चोट न लगे। ‘हैलो स्वास्थ्य’ इस आर्टिकल में न्यू पेरेंट्स के लिए ऐसे टिप्स बता रहा है जो घुटनों के बल चलते शिशु को सुरक्षित रखने के लिए उपयोगी साबित होंगे-
बच्चा जब घुटनों के बल चलना शुरू करता है तो कई बार गिरता है ऐसे में माता-पिता परेशान हो जाते हैं और बच्चे को चोट न लगे इसलिए वॉकर जैसी सामान का चयन कर लेते हैं लेकिन, एक्सपर्ट्स का मानना है की ऐसे प्रोडक्ट्स की मदद नहीं लेनी चाहिए।
शिशु जब घुटनों के बल चलना शुरू करें तो निम्नलिखित प्रोडक्ट बच्चों को न दें। जैसे-
बेबी वॉकर
बेबी वॉकर बच्चों को न दें क्योंकि वॉकर की मदद से शिशु सीधे चलना शुरू कर देता है और जमीन पर घुटनों के बल चलना नहीं सीख पाता है। वॉकर शिशु के शारीरिक विकास में बाधा भी पहुंचा सकता है।
बेबी सीट और बेबी कैरियर
कुछ लोग शिशु को बेबी सीट और बेबी कैरियर पर ज्यादा वक्त तक बैठे हुए छोड़ देते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि बच्चे को जितना खेलना या एक जगह से दूसरे घूमने से मूवमेंट होता है वह नहीं हो पाता है। ऐसे में बच्चे का विकास ठीक तरह से नहीं हो पाता है।
घुटनों के बल चलने के लिए दवाब न डालें
शिशु पर दवाब न डालें की उन्हें घुटनों के बल चलना है। बच्चे को समझाएं और उन्हें सिखाएं की घुटने के बल कैसे चलना है। अगर बच्चा चलना नहीं चाह रहा है तो पेरेंट्स खिलौने की मदद ले सकते हैं। खिलौने को कुछ दूर रख दें और शिशु को उसे लाने को कहें। ऐसी एक्टिविटी बच्चे के विकास में सहायता पहुंचाती है।
घुटनों के बल चलना शिशु जब शुरू कर दे तो क्या करें?
घुटनों के बल चलना जब शिशु शुरू करे तो निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें। जैसे-
साफ-सुथरी हो जगह
सुनिश्चित करें कि फर्श साफ-सुथरा हो और उस पर कोई ऐसी चीज न पड़ी हो, जिसे शिशु मुंह में डाल ले। फर्श पर चलने के बाद शिशु के हाथ अवश्य धोएं क्योंकि इस समय शिशुओं के दांत भी निकल रहे होते हैं और वे बार-बार अपने हाथ मुंह में डालते हैं। अगर आपके घर में पालतू जानवर हैं तो ध्यान दें उनके फर पर न हों। ये शिशु के हाथ-पैर में चिपक सकते हैं और बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है। साथ ही, फर्श में पानी या कोई और तरल पदार्थ भी न फैला हो, वरना शिशु फिसल सकता है।
ये भी पढ़ें: इस तरह नवजात शिशु को बचा सकते हैं इंफेक्शन से, फॉलो करें ये टिप्स
सीढ़ियों का रखें विशेष ध्यान
शिशु जब घुटनों के बल चलना शुरू करता है तो वह ऊपर चढ़ने की बहुत कोशिश करता है। इसलिए, शिशु को सीढ़ियों से दूर रखें। बेहतर होगा जब तक बच्चा ठीक से चलने न लगे (लगभग18 माह) तब तक ध्यान दें। जब भी शिशु सीढ़ियों की तरफ जाए, दरवाजे बंद हों।
ये भी पढ़ें: कपड़े पहनाते वक्त अगर शिशु करता है परेशान तो अपनाएं ये टिप्स
इलेक्ट्रिक चीजों से रखें दूर
बिजली के सॉकेट को उनके कवर या मोटी टेप से ढंक दें। लटकने वाली तारें, भारी सामान और बिजली से चलने वाले उपकरण शिशु के लिए सुरक्षित नहीं हैं। सुनिश्चित करें ऐसी वस्तुएं शिशु की पहुंच से दूर हों।
गमलों को कह दें बाय-बाय
ध्यान रखें घर के अंदर रखें गमलों को किसी ऊंचे स्थान या ऐसी जगह रखें जो उनकी पहुंच से दूर हो। दरअसल, बच्चा पत्तियां खा सकता है जो उसकी सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है। इसके साथ ही गमले को बच्चा अपने ऊपर भी गिरा सकता है।
भारी फर्नीचर से रखें दूर
कॉफी की टेबल, बुककेस, ड्रेसर और डेस्क के किनारों पर कॉर्नर और एज प्रोटेक्टर लगाएं। फर्नीचर के नुकीले कोनों पर कॉर्नर गार्ड्स लगाएं। इससे अगर शिशु घुटने के बल चलते समय गिरे तो उसे चोट न लगे। इसके साथ ही शिशु को अन्य खतरनाक जगहों से दूर रखें, जैसे कि पानी कि बाल्टी, ऊंची जगह, खुली हुई खिड़की और बालकनी आदि।
घर की साफ-सफाई वाले प्रोडक्ट को दूर रखें
घर में फिनाइल जैसे अन्य क्लीनिंग प्रोडक्ट होते हैं, जिसे प्रायः लोग फ्लोर पर या घर के किसी कॉर्नर में रख देते हैं। ऐसे क्लीनिंग प्रोडक्ट को हमेशा बच्चों की पहुंच से दूर रखें।
टॉयलेट डोर बंद रखें
बच्चा जब घुटनों के बल चलना शुरू कर दे यह हमेशा ध्यान रखें की घर में जितने भी बाथरूम हैं उनके दरवाजे बंद हो। बच्चे की आदत होती है किसी भी सामान को छू कर या उसे मुंह में रख लेने की ऐसे सर्फ या साबुन जैसे प्रोडक्ट शिशु के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इसलिए बाथरूम या टॉयलेट रूम डोर को बंद रखें। टॉयलेट सीट को भी जरूरत न होने पर ढ़क कर रखें।
ये भी पढ़ें: नवजात शिशु का मल उसके स्वास्थ्य के बारे में क्या बताता है?
ऊपर बताये गये टिप्स को फॉलो करें जब शिशु घुटनों के बल चलना शुरू करता है। हालांकि कुछ बच्चें जल्दी घुटने के बल चलना शुरू नहीं करते हैं। ऐसी परिस्थिति में क्या करें?
शिशु के 6 महीने के होने के बाद और 10 महीने तक वह कभी-भी घुटनों के बल चलना शुरू कर सकता है। हालांकि यह भी ध्यान रखें की प्रीमेच्योर बच्चे घुटने के बल चलना शुरू तो करते हैं लेकिन, सामान्य बच्चों के तुलना में देर से चलते हैं। कई शिशु ऐसे भी होते हैं जिन्हें कोई शारीरिक परेशानी नहीं होती है लेकिन, वो चलना देरी से शुरू करते हैं।
अगर शिशु को घुटने के बल चलने में परेशानी हो रही है तो कुछ बातों का ध्यान रखें। जैसे-
शिशु अगर घुटने के बल चलना चाहता है लेकिन, सिर्फ अपने एक ही हिस्से को एक्टिव रख पा रहा है तो इसकी जानकारी डॉक्टर को दें।
घुटनों के बल चलना शिशु चाह रहा है लेकिन, आगे की ओर नहीं बढ़ पा रहा है तो ऐसी स्थिति में हो सकता है बच्चे को कोई परेशानी हो। इसलिए बच्चे की बॉडी एक्टिविटी का ध्यान रखें। घुटनों के बल चलना या क्रॉलिंग, शिशु के विकास को दिखाता है। यदि 10 माह की आयु तक शिशु क्रॉलिंग करना नहीं शुरू करता है तो किसी बाल रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।
अगर आप शिशु के घुटनों के बल चलना चाहता है लेकिन, उसे चलने में परेशानी हो रही है तो इससे जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।
नोट : नए संशोधन की डॉ. प्रणाली पाटील द्वारा समीक्षा
और पढ़ें-
नवजात शिशु को बुखार होने पर करें ये 6 काम और ऐसा बिलकुल न करें
गर्भावस्था में HIV और AIDS होने के कारण क्या शिशु भी हो सकता है संक्रमित?
बच्चों को खड़े होना सीखाना है, तो कपड़ों का भी रखें ध्यान
नवजात शिशु का मल उसके स्वास्थ्य के बारे में क्या बताता है?
बच्चाें में हेल्दी फूड हैबिट्स को डेवलप करने के टिप्स
[embed-health-tool-vaccination-tool]