प्रेग्नेंसी के बाद बदलाव (Changes after Delivery) महिलाओं को शारीरिक और मानसिक रूप से गुजरना होता है। इसमें हार्मोनल चेंजेस से लेकर वजन (Weight) का बढ़ना तक शामिल है लेकिन डिलिवरी के बाद (Post delivery) भी कुछ बदलाव होते हैं। ज्यादातर महिलाओं का मानना होता है कि डिलिवरी के बाद महिलाओं का शरीर नॉर्मल हो जाता है और उन्हें किसी के चेंजेस का सामना नहीं करना पड़ता लेकिन, यह विचार गलत हो सकता है। आज हम आपको इस आर्टिकल में प्रेग्नेंसी के बाद बॉडी में आने वाले कुछ ऐसी ही बदलावों के बारे में बताने जा रहे हैं। जिन्हें जानना जरूरी है ताकि महिलाएं इसके लिए तैयार रह सकें।
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प्रेग्नेंसी के बाद बदलाव (Changes after Delivery)
1. सेक्स ड्राइव (Sex drive) में बदलाव आना
प्रेग्नेंसी के बाद बदलाव (Changes after Delivery) अक्सर महिलाओं की सेक्स ड्राइव (Sex drive) में परिवर्तन आता है। बच्चे की देखरेख में व्यस्त होने की वजह से महिलाओं का सेक्स करने का मन नहीं करता है। इसके पीछे दूसरी वजह एस्ट्रोजन (Estrogen) के लेवल का घटना भी है। प्रेग्नेंसी के दौरान इसका स्तर अपने चरम पर होता है। डिलिवरी के बाद यह अचानक से गिरने लगता है। जिसका असर सेक्शुअल लाइफ पर साफ दिखाई देता है।
2. वजन में गिरावट (Weight loss) आना
प्रेग्नेंसी के बाद बदलाव में डिलिवरी से पहले वजन बढ़ जाता है, लेकिन शिशु को जन्म (Babies birth) देने के बाद अचानक वजन गिरने लगता है। यह बार-बार यूरिन पास करने की वजह से होता है। यदि आप बच्चे को स्तनपान (Breastfeeding) करा रही हैं तो आपको वजन सामान्य से भी ज्यादा नीचे जा सकता है। ऐसी स्थिति में आपको घबराने की जरूरत नहीं है। दरअसल प्रेग्नेंसी के बाद बदलाव (Changes after Delivery) डिलिवरी से पहले आपका वजन बढ़ जाता है लेकिन, शिशु को जन्म देने के बाद अचानक आपके शरीर का वजन गिरने लगता है। यह बार-बार यूरिन पास करने जाने की वजह से होता है। यदि आप बच्चे को स्तनपान करा रही हैं तो आपको वजन सामान्य से ज्यादा भी नीचे जा सकता है। ऐसी स्थिति में आपको घबराने की जरूरत नहीं है।
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3. यूटरस (Uterus) का साइज बड़ा रहना
जैसे-जैसे आपकी डिलिवरी (Delivery) नजदीक आती है आपका यूटरस आकार में 15 गुना ज्यादा बड़ा हो जाता है। आमतौर गर्भवती होने से पहले के साइज के मुकाबले यह ज्यादा बड़ा हो जाता है। डिलिवरी के बाद (Post delivery) इसका आकार छोटा होने लगता है। जैसे-जैसे यह कॉन्ट्रैक्ट होता है वैसे-वैसे इसका आकार घटने लगता है। कई बार आपको इसमें दर्द भी होता है। इसको लेकर घबराने की जरूरत नहीं है।
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इसे ठीक करने के लिए आप एक वॉर्म पैक का इस्तेमाल कर सकती हैं या अपनी डॉक्टर से दर्द को कम करने की दवा की सलाह भी ले सकती हैं। इस पर सेंट्रल मुंबई की वॉकहार्ट हॉस्पिटल की कंसल्टेंट ओबस्टेट्रिक्स गायनोकोलॉजिस्ट डॉक्टर गांधाली देवरुखर पिल्लई ने कहा, ‘यूटरस का वजन करीब 60 ग्राम होता है। वह इतना छोटा होता है कि हमारी मुट्ठी में समा जाए। गर्भाशय में शिशु के विकास की अवधि के आगे बढ़ने पर यह अपना आकार बढ़ा लेता है।’
डॉक्टर गांधाली के मुताबिक, यूटरस को दोबारा अपने पुराने साइज में आने के लिए करीब 3-6 महीनों तक का वक्त लगता है। इसी के साथ ही आपके पेट का आकार भी कम होता है। उन्होंने कहा कि यूटरस के साइज में बदलाव आना एक सामान्य प्रक्रिया है।
4. स्तनों (Breast) का बड़ा होना
शिशु को जन्म देने के बाद ज्यादातर महिलाओं के स्तन में परिवर्तन आता है। बच्चे के जन्म लेने के बाद महिला के स्तनों का आकार सामान्य के मुकाबले बढ़ जाता है। डिलिवरी के बाद हार्मोन्स स्तनों को दूध (Milk) का उत्पादन करने के लिए संकेत भेजते हैं, जिसे आप शिशु को पिलाती हैं। शुरुआत के कुछ दिनों तक आपके शरीर में कोलोस्ट्रम बनता है, जो पोषक तत्वों से भरपूर होता है। यह पदार्थ दूध में मिलकर आपके शिशु के भीतर जाता है। यह बैक्टीरिया (Bacteria) से शिशु की रक्षा करता है। इसलिए स्तन के आकार का बढ़ना सामान्य है।
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5. डिलिवरी के बाद पेट रहता है बड़ा
प्रेग्नेंसी के बाद बदलाव (Changes after Delivery) के दौरान ज्यादातर महिलाएं सोचती हैं कि डिलिवरी के बाद उनका बड़ा पेट सामान्य अवस्था में आ जाएगा लेकिन, ऐसा नहीं होता है। डिलिवरी के बाद शुरुआती दो हफ्तों तक पेट का साइज बड़ा रह सकता है। प्रेग्नेंसी के समय शिशु को गर्भ में रखने के लिए इसका साइज बढ़ जाता है।
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6. यूरिन इनकोन्टिनेंस (Urine incontinence)
डिलिवरी के बाद भी महिलाओं को यूरिन पर कंट्रोल करने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, ज्यादातर मामलों में यह समस्या डिलिवरी के एक वर्ष के भीतर ठीक हो जाती है। जानकारों का मानना है कि जिन महिलाओं की वजायनल डिलिवरी (Vaginal delivery) हुई है और जिनके शिशु का साइज बड़ा है तो उन्हें यह समस्या ज्यादा हो सकती है। प्रेग्नेंसी से पहले आपकी बॉडी में बदलाव आना शुरू हो जाते हैं बल्कि, इसके बाद भी इनका सिलसिला जारी रहता है। ऐसे में आपको घबराने की जरूरत नहीं है। प्रेग्नेंसी के बाद बदलाव (Changes after Delivery) को लेकर अगर कोई शंका है तो एक बार डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करें।
इन बातों को भी जान लें:
- प्रेग्नेंसी के बाद बदलाव (Changes after Delivery) कई महिलाओं को डिप्रेशन का अहसास हो सकता है। जिसे पोस्टपार्टम डिप्रेशन कहा जाता है।
- प्रेग्नेंसी के बाद बदलाव (Changes after Delivery) कुछ हफ्ते आराम करने के बाद डॉक्टर की सलाह के अनुसार कुछ सिंपल एक्सरसाइज कर सकती हैं।
- प्रेग्नेंसी के बाद बदलाव ऐसा नहीं है कि अब आप कुछ भी खा सकती है क्योंकि आप जो भी खाएंगी वो स्तनपान के द्वारा बच्चे तक पहुंचेगा। ऐसे में खानपान का विशेष ध्यान रखना होगा।
- प्रेग्नेंसी के बाद बदलाव (Changes after Delivery) स्तनपान कराने की सही पुजिशन के बारे में जानकारी अवश्य लें ताकि बच्चे को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और प्रेग्नेंसी के बाद होने वाले बदलावों के बारे में जानकारी आपको मिल गई होगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
ब्रेस्टफीडिंग (Breastfeeding) एवं फॉर्मूला फीडिंग (Formula feeding) से जुड़े कई महत्वपूर्ण सवालों का जवाब जानिए नीचे दिए इस वीडियो को लिंक को क्लिक कर।
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