बेबी बर्थ के बाद ब्रेस्टफीडिंग बेहद जरूरी है। लेकिन, यह काम इतना आसान नहीं है। बेबी को शुरू में यह सीखने की जरूरत होती है कि दूध कैसे पीना है? ऐसे ही आपके लिए भी यह सीखना जरूरी है कि शिशु को ब्रेस्टफीडिंग कराने की सही तकनीक क्या है। इससे ब्रेस्टफीडिंग के पहले कुछ हफ्तों को मुश्किल और असहज हो सकते हैं, लेकिन समय के साथ यह आसान हो जाता है। हालांकि, शिशु का पेट छोटा होता है लेकिन उन्हें बार-बार फीड करने की जरूरत होती है। इसलिए, अगर आप ब्रेस्टफीडिंग करा रहे हैं तो आपको अधिकतर समय अपने शिशु के साथ बिताना होगा। इसके लिए भी तैयार रहें।
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नयी मां के लिए सरप्राइजिंग थिंग्स (Surprising things for new moms): नार्मल बेबी स्लीप जैसी कोई चीज नहीं होती
नवजात शिशु बहुत अधिक सोता है। यही नहीं, वो दिन के अठारह से लेकर चौबीस घंटे सोने में व्यतीत करता है। लेकिन, वो सामान्य बेबी स्लीप नहीं होती। इसका अर्थ है कि शिशु किसी भी समय सो सकता है या नैप ले सकता है। हो सकता है कि आपका शिशु दिन में सोता रहे और रात को जागे। जब शिशु रात और दिन में अंतर करना सीख जाता है तो वो अंधेरे और शांत माहौल में अधिक सोता है। हालांकि, शिशु की स्लीपिंग और फीडिंग रूटीन तब तक काम नहीं करती है, जब तक वो तीन महीने का नहीं हो जाता।
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यह तो थी जानकारी नयी मां के लिए सरप्राइजिंग थिंग्स (Surprising things for new moms) के बारे में। प्रसव के बाद आप ऐसा महसूस कर सकती हैं जैसे आप एक नयी दुनिया में आ गए हैं। ऐसा होना बेहद स्वाभाविक भी है। लेकिन, इस दौरान आप खुद का भी ख्याल रखें। शिशु की देखभाल भी आप तभी कर सकती हैं जब आप स्वस्थ रहेंगी। प्रेग्नेंसी के बाद कई चीजों के बारे में आप शिशु के साथ अधिक समय बिताने के बाद और अनुभव से सीख जाएंगी। अगर आपके मन में इस बारे में कोई भी सवाल है या समस्या है तो डॉक्टर से इसे जानना न भूलें।