आमतौर पर बच्चों में हाय ब्लड प्रेशर (Blood pressure in kids) एक दुर्लभ समस्या ही मानी गई है, जिसका इलाज समय पर करना बेहद जरूरी माना जाता है। यह समस्या कई कारणों के चलते हो सकती है, जिसका प्रमुख कारण है कोअरक्टेशन ऑफ एऑर्टा (Coarctation of aorta)। यह एक जन्मजात समस्या है, जिसमें दिल में मौजूद एऑर्टा ज्यादा संकुचित होती है। जिसका इलाज समय पर ना कराया जाए, तो बच्चे के लिए गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं। ऐसी स्थिति में तुरंत हार्ट सर्जरी की जरूरत पड़ती है, जिससे बच्चे को भविष्य में हाय ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है।
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वहीं प्रेग्नेंसी (Pregnancy) में यदि बच्चे का गर्भ में ठीक तरह से विकास ना हो, तो कोअरक्टेशन ऑफ एऑर्टा (Coarctation of aorta) की समस्या हो सकती है। इसके बाद जब बच्चे बड़े होते हैं, तो उन्हें हार्ट फेलियर की तकलीफ उठानी पड़ सकती हैं। इसलिए डॉक्टर की सलाह के बाद प्रेग्नेंसी में मैंगनीज और सेलेनियम का सेवन (Selenium and manganese in Pregnancy) किया जा सकता है।
इसके अलावा बच्चों में किडनी में सूजन भी हाय ब्लड प्रेशर (Blood pressure) का कारण बन सकती है। 10 से 12 साल की उम्र के बच्चों को हाय ब्लड प्रेशर की समस्या होने के पीछे यही कारण आमतौर पर देखा गया है, जिसके लिए लाइफस्टाइल फैक्टर जिम्मेदार माने जाते हैं। इसलिए प्रेग्नेंसी में मैंगनीज और सेलेनियम का सेवन (Selenium and manganese in Pregnancy) करना सही माना जाता है। आइए अब जानते हैं बच्चों में हाय ब्लड प्रेशर के क्या लक्षण आपको दिखाई दे सकते हैं।
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बच्चों में हाय ब्लड प्रेशर के ये हो सकते हैं लक्षण! (Blood pressure Symptoms)
हालांकि बच्चों में हाय ब्लड प्रेशर (Blood pressure) के लक्षण पहचानना बेहद मुश्किल हो सकते हैं, लेकिन ध्यान दिए जाने पर आप उनके स्वभाव में बदलाव देख सकते हैं। बच्चों में हाय ब्लड प्रेशर के लक्षण हो सकते हैं –
- बच्चे का चिड़चिड़ा हो जाना
- बच्चे का ठीक से विकास ना होना
- बच्चे के सिर में दर्द रहना
- बच्चे का उदास रहना
- बच्चे के ब्रेन में इंटरनल ब्लीडिंग (Internal bleeding) की समस्या होना