वैसे तो हर गर्भवती स्त्री का प्रसव का अनुभव अलग-अलग होता है लेकिन, कुछ लक्षण ऐसे भी हैं जो अधिकतर महिलाओं में लगभग एक समान होते हैं। लेकिन लेबर पेन के लक्षण हर किसी के लिए अलग-अलग हो सकते हैं। यह बता पाना थोड़ा कठिन है कि लेबर पेन शुरू कब होगा लेकिन, प्रसव की अवस्था के समय कुछ विशेष परिवर्तन होते हैं। जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि लेबर पेन और शिशु के जन्म का समय करीब आ गया है। यहां हम आपको लेबर पेन के संकेत बता रहे हैं।
लेबर पेन के लक्षण (Labor pain signal) क्या हैं?
गर्भ मे शिशु का नीचे की ओर आना
डिलिवरी का समय पास आने पर, शिशु मां के गर्भ के बिल्कुल निचले हिस्से में मौजूद पेल्विक क्षेत्र की ओर खिसकने लगता है। इस दौरान, गर्भवती स्त्री को पेट और सीने में हल्कापन महसूस हो सकता है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि डिलिवरी का समय अब दूर नहीं है। गर्भ में शिशु का नीचे की ओर आना लेबर पेन के लक्षण (Labor pain signal) में से एक अहम संकेत हैं। एक बार जब गर्भवती को यह महसूस होने लगता है तो इसका मतलब है डिलिवरी की तारीख नजदीक है।
वॉटर ब्रेक होना
लेबर पेन के लक्षण (Labor pain signal) में वॉटर ब्रेक होना भी काफी कॉमन संकेत है। आम बोलचाल की भाषा मे कहें तो इसे “पानी की थैली” फटना कहा जाता है। गर्भाशय के अंदर, भ्रूण एक झिल्लीदार थैली से घिरा होता है जो तरल पदार्थ से भरी होती है, जिसे एमनियोटिक थैली कहा जाता है। यह थैली गर्भ मे शिशु की सुरक्षा करती है और उसे किसी भी तरह के दबाव से बचाती है। वाटर ब्रेक होना इस बात की ओर इशारा करता है कि गर्भवती स्त्री को जल्द ही लेबर पेन की अवस्था से गुजरना पड़ सकता है। लेबर पेन के संकेत में यह संकेत मिलते ही महिला को अस्पताल में एडमिट कर दिया जाता है।
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तीव्र ऐंठन होना
शुरुआत मे यह अनुभूति मासिक धर्म (पीरियड) शुरू होने से पहले कमर के निचले हिस्से में या पेट में दर्द की तरह होती है। कमर और पेट में लगातार दर्द होना, तथा संकुचन (ऐंठन) का तेजी से बढ़ना प्रसव पीड़ा शुरू होने का सबसे मुख्य लक्षण होता है। अनेक प्रेग्नेंट महिलाओं को एक अलग प्रकार के संकुचन का अहसास भी हो सकता है, जिसे “प्रोड्रोमल” लेबर कहते है। हालांकि, इस प्रकार का संकुचन कुछ ही समय के लिए होता है और यह गर्भ में शिशु की गलत स्थिति में होने का संकेत देता है। लेबर पेन के संकेत में अधिक ऐंठन होना कई बार महिलाएं इग्नोर कर देती है लेकिन इसपर ध्यान देना चाहिए।
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गर्भाशय ग्रीवा (Cervix) में बदलाव
लेबर पेन के संकेत में सर्विक्स में बदलाव आना भी एक सामान्य लक्षण है। डिलिवरी का समय नजदीक आने पर गर्भवती महिला के शरीर मे कई बदलाव आते हैं, ग्रीवा के आकार में बदलाव आना भी उन्हीं मे से एक है। ग्रीवा का पतला होना तथा फैल जाना इस बात का संकेत होता है कि गर्भवती महिला के गर्भाशय का निचला भाग प्रसव के लिए तैयार हो चुका है। डिलिवरी के दौरान गर्भवती महिला की ग्रीवा लगभग चार से दस सेंटीमीटर तक खुल जाती है।
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बहुत नींद या थकान महसूस होना
कई बार डिलिवरी से पहले गर्भवती को बहुत नींद या थकान महसूस होती है जो लेबर पेन के संकेत में से एक है। प्रसव का समय नजदीक आने पर महिलाओं को बहुत ज्यादा थकान या कमजोरी महसूस हो सकती है। इस दौरान महिलाएं बार-बार सोने की कोशिश करती हैं लेकिन, बेचैनी की वजह से उन्हें सोने में भी तकलीफ होती है। यह लेबर पेन शुरू होने का लक्षण हो सकता है।
वजन का घटना या बढ़ना
गर्भावस्था के आखिरी समय में वजन का बढ़ना अक्सर बंद हो जाता है लेकिन, कई बार देखा गया है कि प्रसव का समय पास आने पर कुछ महिलाओं का वजन अचानक बढ़ या घट सकता है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है जो कि शिशु के जन्म के वजन को प्रभावित नहीं करती है। जब लेबर पेन के लक्षण (Labor pain signal) दिखाई देने लगें, तो सतर्क हो जाना चाहिए।
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लेबर पेन के लक्षण (Labor pain signal) : म्यूकस के साथ खून का आना
भूरे या लाल रंग का म्यूकस निकलना लेबर पेन के लक्षण (Labor pain signal) का पहला संकेत हो सकता है। यदि यूट्रस पर लगा कॉर्क बाहर निकल आता है, तो हो सकता है प्रसव बहुत करीब हो। लेबर पेन के संकेत में प्रसव से पहले के दिनों में बढ़ा हुआ या गाढ़े, गुलाबी रंग के वजायनल डिस्चार्ज को एक लेबर पेन शुरू होने का संकेत माना जा सकता है।
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क्या इसके अलावा भी कुछ और लेबर पेन के संकेत हैं?
इन मुख्य लक्षणों के अलावा कुछ और भी लक्षण हैं जो बताते हैं कि लेबर पेन शुरू होने वाला है :
- पेट में गड़बड़ी या दस्त।
- मनोदशा में उतार चढ़ाव महसूस करना।
- शरीर में सूजन आना।
- डायरिया की बीमारी
- गर्भ में शिशु की हलचल का कम हो जाना।
प्रसव पीड़ा के लक्षण दिखें तो करें ये काम
लेबर पेन के लक्षण (Labor pain signal) के बारे में आपको जानकारी मिल गई होगी लेकिन क्या आप जानती हैं कि अगर किसी महिला को लेबर पेन शुरू हो जाए तो ऐसे में क्या करना चाहिए। ऐसे में प्रेग्नेंट महिला को बिल्कुल भी घबराना नहीं चाहिए बल्कि हिम्मत से काम लेना चाहिए। प्रसव पीड़ा होने पर घर से अस्पताल तक पहुंचने में समय लग सकता है इसलिए ऐसे स्थिति में घर वालों को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि प्रेग्नेंट महिला को राहत महसूस हो सके।
- प्रसव पीड़ा के दौरान महिला को पानी पीते रहना चाहिए। दर्द के दौरान भूख या प्यास का एहसास नहीं होता है लेकिन पानी पीने से या कुछ लिक्विड लेने से राहत का एहसास हो सकता है।
- लेबर पेने के दौरान महिला का सही से सांस लेना बहुत जरूरी है। आपको बैठने या फिर किसी भी करवट में लेटने का मन है तो वैसा ही करें। साथ ही खुद को शांत रखने की कोशिश करें।
- अगर महिला को लेबर पेन का एहसास नहीं हो रहा है और साथ ही वॉटर ब्रेक भी हो गया है तो ऐसे में डॉक्टर के पास जरूर जाना चाहिए।
अगर आपके मन में ये डर है कि आपको गर्भावस्था के आखिरी महीने में लेबर पेन हुआ ही नहीं तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। ऐसा कुछ महिलाओं के साथ ही हो सकता है। डॉक्टर ड्यू डेट के बाद इंड्यूस्ड लेबर का सहारा ले सकते हैं। ये जरूरी नहीं है कि इंड्यूस्ड लेबर में ऑपरेशन का सहारा लेना पड़े। ऐसे में नॉर्मल डिलिवरी भी हो सकती है। आपको इस बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से परामर्श जरूर करना चाहिए।
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लेबर पेन के लक्षण पर डॉक्टर की राय
दिल्ली के मालवीय नगर में स्थित रेनबो हॉस्पिटल की गायनोकोलॉजिस्ट उमा सरीन ने हैलो स्वास्थ्य से बात करते हुए बताया कि, “महिला को प्रेग्नेंसी के 37वें से 40वें सप्ताह के बीच कभी-भी लेबर पेन शुरू हो सकता है। यदि गर्भावस्था के 37वें सप्ताह से पहले प्रसव हो जाए, तो उसे प्री-मैच्योर डिलिवरी या समय पूर्व प्रसव कहा जाता है। वहीं अगर प्रेग्नेंसी के 40वें सप्ताह के बाद भी डिलिवरी न हो, तो आर्टिफिशियल तरीके से डिलिवरी करवाई जाती है। इस प्रक्रिया को इंड्यूस लेबर कहते हैं।”
ध्यान दें
उपरोक्त जानकारी चिकित्सा सलाह यानी मेडिकल एडवाइज का विकल्प नहीं है। अगर आपको लेबर के संकेत के संबंध में अधिक जानकारी चाहिए तो अप अपने डॉक्टर से जानकारी जरूर लें।लेबर पेन कब शुरू होगा यह तो बताना कठिन होता है लेकिन, अत्यधिक थकान लगना, शरीर में सूजन आना, म्यूकस के साथ खून का आना आदि लेबर पेन के लक्षण हैं। ये संकेत बताते हैं कि प्रसव का समय नजदीक है।
लेबर पेन के संकेत को नजरअंदाज करने के बजाय तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। आप स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।
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